नई दिल्ली: बॉलीबुड की तीन फिल्मों की बॉक्स आफिस पर एक दिन में हुई 120 करोड़ रुपये की कमाई का उदाहरण देकर अर्थव्यवस्था की सेहत अच्छी बताने का बयान देकर विरोधियों के निशाने पर आये केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रविवार को अपना यह बयान वापस ले लिया.
उन्होंने कहा, "मेरे बयान के एक हिस्से को संदर्भ से हटकर तोड़-मरोड़कर पेश किया गया. एक संवेदनशील इंसान होने के नाते मैं अपनी इस टिप्पणी को वापस लेता हूं."
प्रसाद ने शनिवार को तीन फिल्मों की बॉक्स आफिस पर एक दिन में हुई 120 करोड़ रुपये की कमाई का उदाहरण देते हुये अर्थव्यवस्था की सेहत अच्छी बताई.
उन्होंने बेरोजगारी को लेकर एनएसएसओ रिपोर्ट की भी आलोचना की और उन्हें आधा-अधूरा बताया. उनके इस बयान की विपक्षी दलों समेत सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हुई.
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रविवार को जारी बयान में प्रसाद ने दावा किया कि उनके बयान के एक हिस्से को "संदर्भ से हटकर पूरी तरह से तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है."
उन्होंने कहा, "एक संवेदनशील इंसान होने के नाते, मैं अपनी इस टिप्पणी को वापस लेता हूं." प्रसाद ने कहा, "मैंने शनिवार को मुंबई में तीन फिल्मों के एक दिन में 120 करोड़ रुपये की कमाई करने की बात कही थी. यह तथ्यात्मक रूप से सही है. मैंने यह बयान दिया था, क्योंकि मैं देश की फिल्म नगरी मुंबई में था. हमें अपने फिल्म उद्योग पर बहुत गर्व है जो लाखों लोगों को रोज़गार देता है और कर भुगतान कर देश की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान करता है."
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "मैंने अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में विस्तार से बताया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार हमेशा आम लोगों के प्रति संवेदनशील रहती है. मीडिया से बातचीत का पूरा वीडियो मेरे सोशल मीडिया पर उपलब्ध है. मुझे खेद है कि मेरे बयान के एक हिस्से को पूरी तरह से संदर्भ से हटकर तोड़-मरोड़कर पेश किया गया. फिर भी एक संवेदनशील व्यक्ति होने के नाते मैं अपने इस बयान को वापस लेता हूं."
प्रसाद ने शनिवाीर को मुंबई में कहा था कि दो अक्टूबर को अवकाश के दिन बालीवुड की तीन फिल्में 120 करोड़ रुपये का कारोबार करती हैं इससे अर्थव्यवस्था की मजबूत स्थिति का पता चलता है.
उन्होंने कहा, "मुझे बताया गया कि दो अक्ट्रबर को तीन हिन्दी फिल्मों ने 120 करोड़ रुपये का कारोबार किया. यदि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत नहीं है तो केवल तीन फिल्में कैसे एक दिन में ही इतना कारोबार कर सकती हैं?"
उनहोंने एनएसएसओ की बेरोजगारी की स्थिति बताने वाली रिपोर्ट को भी गलत बताया. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि बेरोजगारी दर 2017 में पिछले 45 साल में सबसे ऊंची रही है. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग बेरोजगारी की स्थिति को लेकर जनता में भ्रम फैला रहे हैं.