नई दिल्ली: संसद ने गुरुवार को कराधान विधि संशोधन विधेयक 2019 को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें घरेलू कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट कर की दर में कमी के माध्यम से सरकारी वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने का प्रावधान है. राज्यसभा ने विधेयक पर चर्चा के बाद इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया. लोकसभा इसे पहले ही परित कर चुकी है.
उच्च सदन में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने जिस प्रकार से अर्थव्यवस्था को संभाला है, उसके कारण लोगों ने उस पर भरोसा जताया है. यही कारण है कि मोदी के नेतृत्व में सरकार भारी बहुमत से जीत कर आयी है.
उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है कि जरूरत पड़ने पर अध्यादेश लाए गए हों. 1991-96 के दौरान 77 अध्यादेश और 2004-09 के दौरान 36 अध्यादेश लाए गए थे.
संप्रग सरकार के समय जीडीपी आंकड़ों का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के दौरान भी जीडीपी 4.3 प्रतिशत तक गिरी और फिर बढ़कर 7.2 प्रतिशत तक गई. पहले भी जीडीपी नीचे गिरकर आगे बढ़ी है, आगे भी ऐसा ही होगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि इस समय विश्व में अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध का खतरा मंडरा रहा है. चीन में स्थित कंपनियों को आकर्षित करने के लिए कोरिया जैसे कई देश विभिन्न कदम उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में भारत सरकार के लिए भी कदम उठाने आवश्यक थे.
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस विधेयक के प्रावधानों के तहत केवल घरेलू कंपिनयों को ही लाभ दिया जाएगा, किसी विदेशी कंपनी को नहीं.
वित्त मंत्री ने विपक्ष के इस आरोप को गलत बताया कि मौजूदा सरकार अपने कदमों को वापस लेती है. उन्होंने कहा कि 2005 में तत्कालीन सरकार ने बैंक से नकदी निकालने पर कर लगाने की घोषणा की थी जिसे 2008 में वापस ले लिया गया.
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