नई दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्र तीव्र गति से विकास के मार्ग पर हैं और पूंजीगत, श्रम तथा कृषि सुधारों के माध्यम से निजी क्षेत्र को देश के सर्वांगीण विकास में योगदान करने के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है.
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज नई दिल्ली स्थित अपने आवास से भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई) के 48वें राष्ट्रीय सम्मेलन को डिजिटल माध्यम से संबोधित किया. इस अवसर पर वित्त तथा कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर भी मौजूद थे.
लोकसभा सचिवालय के बयान के अनुसार, बिरला ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्र तीव्र गति से विकास के मार्ग पर हैं. देश के विकास में सार्वजनिक क्षेत्र के साथ साथ निजी क्षेत्र को भी समान अवसर दिए जा रहे हैं.
आर्थिक सुधारों का जिक्र करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, "पूंजीगत सुधारों, श्रम सुधारों तथा कृषि सुधारों के माध्यम से निजी क्षेत्र को देश के सर्वांगीण विकास में योगदान करने के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है."
बिरला ने कहा कि आईसीएसआई ने भारत के कॉर्पोरेट सेक्टर में वैधानिक नियमों तथा नैतिक मूल्यों पर आधारित प्रशासन सुनिश्चित करने में बड़ा योगदान किया है और इसके लिए सभी सदस्य, छात्र और अन्य पक्षकार बधाई के पात्र हैं .
कॉरपोरेट गवर्नेंस का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि शासन व्यवस्था तभी सफल होती है, जब कॉरपोरेट सेक्टर के कंपनी सेक्रेट्री शासन की संरचनाओं को मजबूत करने और नियम या कानून के अनुसार कार्रवाई करने में पूरे मनोयोग से काम करते हैं.
उन्होंने कहा कि भारतीय कारपोरेट क्षेत्र के संचालनकर्ता होने के नाते आईसीएसआई ने अपने मिशन और विजन को ध्यान में रखते हुए अपने कर्तव्यों का सम्यक निर्वहन किया है.
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बिरला ने देश की बढ़ती विकास दर का उल्लेख करते हुए कहा की देश की अर्थव्यवस्था तेजी से विकास कर रही है तथा सार्वजनिक उपक्रम और निजी क्षेत्र के पास विकास के समान अवसर हैं.
उन्होंने हाल ही में हुए सुधारों के विषय में कहा की श्रम, एवं कृषि सुधार और कारोबार के अनुकूल माहौल को बढ़ावा दिया जा रहा है. इस परिदृश्य में निजी क्षेत्र की कंपनियों को इन अवसरों का लाभ उठाने का अवसर मिलेगा.
लोकसभा अध्यक्ष ने आगे कहा की कंपनी प्रशासन व कंपनी सचिव का दायित्व है कि कंपनियों का संचालन विधि सम्मत हो, उनकी वृद्धि का लाभ सभी तक पहुंचे.
उन्होंने कहा कि कंपनी सेक्रेटरी सुशासन की अच्छी पहल को विकसित करें जिसका पालन सभी संगठनों में हो. उन्होंने कहा कि विकेंद्रीकरण के तहत पंचायतों और नगर पालिकाओं को ज्यादा अधिकार दिए जा रहे हैं और इसमें आईसीएसआई द्वारा विकसित संहिता महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकता है.