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पीएमसी बैंक का संकट आंख खोलने वाला, रिजर्व बैंक खामियों की जांच कर रहा है: ठाकुर - अमुराग ठाकुर

कथित वित्तीय अनियमितताओं की वजह से पीएमसी बैंक संकट में आ गया है. रिजर्व बैंक ने भी पीएमसी बैंक पर कई पाबंदियां लगाई है.

पीएमसी बैंक का संकट आंख खोलने वाला, रिजर्व बैंक खामियों की जांच कर रहा है: ठाकुर
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Published : Sep 30, 2019, 8:31 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 3:47 PM IST

नई दिल्ली: पंजाब एंड महाराष्ट्र कोआपरेटिव बैंक (पीएमसी) बैंक के संकट को 'आंख खोलने' वाला करार देते हुए वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि रिजर्व बैंक इसके विभिन्न पहलुओं की जांच कर रहा है.

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) द्वारा सोमवार को यहां आयोजित कार्यक्रम के इतर ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय बैंक इस मामले में आडिटरों की ओर से रही खामियों का भी पता लगाएगा. कथित वित्तीय अनियमितताओं की वजह से पीएमसी बैंक संकट में आ गया है. रिजर्व बैंक ने भी पीएमसी बैंक पर कई पाबंदियां लगाई है.

ठाकुर ने कहा, "नियामक की भूमिका महत्वपूर्ण है. लेकिन इसके साथ ही आडिटरों, बैंक के निदेशकों और अधिकारियों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है."

ये भी पढ़ें: कर्ज देने वाली दो इकाइयों को दिसंबर तक बंद करेगी रिलायंस कैपिटल

वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक यह पता लगा रहा है कि इतने वर्षों से ये लोग क्या कर रहे थे. कौन लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं. "अभी मैं इस पर इससे अधिक कुछ नहीं कह सकता."

उन्होंने कहा, "मीडिया में जिस तरह की खबरें आई हैं, लेख आ रहे हैं वे झटका देने वाले हैं. मुझे लगता है कि यह काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है. बैंक क्षेत्र के लिए आंख खोलने वाला है. ऐसे मामले पहले तो होने ही नहीं चाहिए. इससे कई लोगों मसलन नियामक, आडिटर, निदेशक और अन्य अधिकारियों की भूमिका पर सवालिया निशान खड़ा होता है."

यह पूछे जाने पर कि क्या कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय भी इस मामले को देख रहा है, ठाकुर ने कहा कि सरकार जहां भी जरूरत होगी, उन क्षेत्रों को देखेगी। अंतत: इस तरह की घटनाओं का असर आम आदमी पर ही पड़ता है.

नई दिल्ली: पंजाब एंड महाराष्ट्र कोआपरेटिव बैंक (पीएमसी) बैंक के संकट को 'आंख खोलने' वाला करार देते हुए वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि रिजर्व बैंक इसके विभिन्न पहलुओं की जांच कर रहा है.

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) द्वारा सोमवार को यहां आयोजित कार्यक्रम के इतर ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय बैंक इस मामले में आडिटरों की ओर से रही खामियों का भी पता लगाएगा. कथित वित्तीय अनियमितताओं की वजह से पीएमसी बैंक संकट में आ गया है. रिजर्व बैंक ने भी पीएमसी बैंक पर कई पाबंदियां लगाई है.

ठाकुर ने कहा, "नियामक की भूमिका महत्वपूर्ण है. लेकिन इसके साथ ही आडिटरों, बैंक के निदेशकों और अधिकारियों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है."

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वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक यह पता लगा रहा है कि इतने वर्षों से ये लोग क्या कर रहे थे. कौन लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं. "अभी मैं इस पर इससे अधिक कुछ नहीं कह सकता."

उन्होंने कहा, "मीडिया में जिस तरह की खबरें आई हैं, लेख आ रहे हैं वे झटका देने वाले हैं. मुझे लगता है कि यह काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है. बैंक क्षेत्र के लिए आंख खोलने वाला है. ऐसे मामले पहले तो होने ही नहीं चाहिए. इससे कई लोगों मसलन नियामक, आडिटर, निदेशक और अन्य अधिकारियों की भूमिका पर सवालिया निशान खड़ा होता है."

यह पूछे जाने पर कि क्या कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय भी इस मामले को देख रहा है, ठाकुर ने कहा कि सरकार जहां भी जरूरत होगी, उन क्षेत्रों को देखेगी। अंतत: इस तरह की घटनाओं का असर आम आदमी पर ही पड़ता है.

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नई दिल्ली: पंजाब एंड महाराष्ट्र कोआपरेटिव बैंक (पीएमसी) बैंक के संकट को 'आंख खोलने' वाला करार देते हुए वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि रिजर्व बैंक इसके विभिन्न पहलुओं की जांच कर रहा है.

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) द्वारा सोमवार को यहां आयोजित कार्यक्रम के इतर ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय बैंक इस मामले में आडिटरों की ओर से रही खामियों का भी पता लगाएगा. कथित वित्तीय अनियमितताओं की वजह से पीएमसी बैंक संकट में आ गया है. रिजर्व बैंक ने भी पीएमसी बैंक पर कई पाबंदियां लगाई है.

ठाकुर ने कहा, "नियामक की भूमिका महत्वपूर्ण है. लेकिन इसके साथ ही आडिटरों, बैंक के निदेशकों और अधिकारियों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है."

वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक यह पता लगा रहा है कि इतने वर्षों से ये लोग क्या कर रहे थे. कौन लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं. "अभी मैं इस पर इससे अधिक कुछ नहीं कह सकता."

उन्होंने कहा, "मीडिया में जिस तरह की खबरें आई हैं, लेख आ रहे हैं वे झटका देने वाले हैं. मुझे लगता है कि यह काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है. बैंक क्षेत्र के लिए आंख खोलने वाला है. ऐसे मामले पहले तो होने ही नहीं चाहिए. इससे कई लोगों मसलन नियामक, आडिटर, निदेशक और अन्य अधिकारियों की भूमिका पर सवालिया निशान खड़ा होता है."

यह पूछे जाने पर कि क्या कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय भी इस मामले को देख रहा है, ठाकुर ने कहा कि सरकार जहां भी जरूरत होगी, उन क्षेत्रों को देखेगी। अंतत: इस तरह की घटनाओं का असर आम आदमी पर ही पड़ता है.

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Last Updated : Oct 2, 2019, 3:47 PM IST
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