ETV Bharat / business

प्रधानमंत्री रविवार को रखेंगे देश के सबसे लंबे एलपीजी पाइपलाइन की आधारशिला - गेल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को देश के सबसे लंबे एलपीजी पाइपलाइन की आधारशिला रखेंगे, जो देश की एक चौथाई ईंधन की जरूरतों को पूरा करेगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)।
author img

By

Published : Feb 22, 2019, 9:55 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को देश के सबसे लंबे एलपीजी पाइपलाइन की आधारशिला रखेंगे. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि यह पाइपलाइन देश की एक चौथाई आबादी की ईंधन की जरूरतों को पूरा करेगी.

राज्य के स्वामित्व वाली इंडियन ऑयल कॉर्प (आईओसी) देश में रसोई गैस की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश में गोरखपुर से गुजरात तट तक एक एलपीजी पाइपलाइन बिछा रही है. आईओसी की योजना गुजरात में कांदला में एलपीजी आयात करने की है और इसे 1,987 किलोमीटर पाइपलाइन के माध्यम से अहमदाबाद (गुजरात में), उज्जैन, भोपाल (मध्य प्रदेश में), कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी और लखनऊ (उत्तर प्रदेश में) के रास्ते गोरखपुर तक ले जाने की योजना है.

प्रधान ने कहा कि यह संभवतः दुनिया की सबसे लंबी एलपीजी (तरलीकृत पेट्रोलियम गैस) पाइपलाइन है, जिसे 9,000 करोड़ रुपये की लागत से बिछाया जाएगा.

पाइपलाइन 3.75 मिलियन टन प्रति वर्ष एलपीजी का वहन करेगी. पाइपलाइन कांदला बंदरगाह के साथ-साथ गुजरात में आईओसी की कोयली रिफाइनरी की एलपीजी जरूरतों को पूरा करेगी. यह देश की सबसे बड़ी एलपीजी पाइपलाइन होगी.

undefined

गेल वर्तमान में गुजरात के जामनगर से लोनी के निकट 1,415 किलोमीटर लंबी लाइन का संचालन करती है. लाइन में प्रतिवर्ष 2.5 मिलियन टन एलपीजी की ढुलाई होती है. गेल की 623 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन विजाग-सिकंदराबाद में भी है.

आईओसी में हरियाणा के पानीपत से जालंधर तक 274 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन भी है.

उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री 24 फरवरी को पाइपलाइन परियोजना की आधारशिला रखेंगे, जो रूट के साथ 22 बॉटलिंग संयंत्रों को एलपीजी की आपूर्ति करेगी."

प्रस्तावित पाइपलाइन मध्य और उत्तरी भारत में आठ आईओसी के एलपीजी बॉटलिंग संयंत्रों को जोड़ेगी. यह बीपीसीएल और एचपीसीएल जैसी अन्य कंपनियों के बोतलबंद पौधों को भी एलपीजी की आपूर्ति करेगा.

आईओसी देश के 26 करोड़ एलपीजी उपभोक्ताओं में से लगभग आधे को पूरा करता है.
(पीटीआई से इनपुट)
पढ़ें : जलमार्ग से व्यापार बढ़ाने को जल्द द्विपक्षीय समझौता करेंगे भारत और बांग्लादेश : कैलाश अग्रवाल

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को देश के सबसे लंबे एलपीजी पाइपलाइन की आधारशिला रखेंगे. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि यह पाइपलाइन देश की एक चौथाई आबादी की ईंधन की जरूरतों को पूरा करेगी.

राज्य के स्वामित्व वाली इंडियन ऑयल कॉर्प (आईओसी) देश में रसोई गैस की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश में गोरखपुर से गुजरात तट तक एक एलपीजी पाइपलाइन बिछा रही है. आईओसी की योजना गुजरात में कांदला में एलपीजी आयात करने की है और इसे 1,987 किलोमीटर पाइपलाइन के माध्यम से अहमदाबाद (गुजरात में), उज्जैन, भोपाल (मध्य प्रदेश में), कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी और लखनऊ (उत्तर प्रदेश में) के रास्ते गोरखपुर तक ले जाने की योजना है.

प्रधान ने कहा कि यह संभवतः दुनिया की सबसे लंबी एलपीजी (तरलीकृत पेट्रोलियम गैस) पाइपलाइन है, जिसे 9,000 करोड़ रुपये की लागत से बिछाया जाएगा.

पाइपलाइन 3.75 मिलियन टन प्रति वर्ष एलपीजी का वहन करेगी. पाइपलाइन कांदला बंदरगाह के साथ-साथ गुजरात में आईओसी की कोयली रिफाइनरी की एलपीजी जरूरतों को पूरा करेगी. यह देश की सबसे बड़ी एलपीजी पाइपलाइन होगी.

undefined

गेल वर्तमान में गुजरात के जामनगर से लोनी के निकट 1,415 किलोमीटर लंबी लाइन का संचालन करती है. लाइन में प्रतिवर्ष 2.5 मिलियन टन एलपीजी की ढुलाई होती है. गेल की 623 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन विजाग-सिकंदराबाद में भी है.

आईओसी में हरियाणा के पानीपत से जालंधर तक 274 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन भी है.

उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री 24 फरवरी को पाइपलाइन परियोजना की आधारशिला रखेंगे, जो रूट के साथ 22 बॉटलिंग संयंत्रों को एलपीजी की आपूर्ति करेगी."

प्रस्तावित पाइपलाइन मध्य और उत्तरी भारत में आठ आईओसी के एलपीजी बॉटलिंग संयंत्रों को जोड़ेगी. यह बीपीसीएल और एचपीसीएल जैसी अन्य कंपनियों के बोतलबंद पौधों को भी एलपीजी की आपूर्ति करेगा.

आईओसी देश के 26 करोड़ एलपीजी उपभोक्ताओं में से लगभग आधे को पूरा करता है.
(पीटीआई से इनपुट)
पढ़ें : जलमार्ग से व्यापार बढ़ाने को जल्द द्विपक्षीय समझौता करेंगे भारत और बांग्लादेश : कैलाश अग्रवाल

Intro:Body:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को देश के सबसे लंबे एलपीजी पाइपलाइन की आधारशिला रखेंगे, जो देश की एक चौथाई ईंधन की जरूरतों को पूरा करेगी.



नई दिल्ली  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को देश के सबसे लंबे एलपीजी पाइपलाइन की आधारशिला रखेंगे. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि यह पाइपलाइन देश की एक चौथाई आबादी की ईंधन की जरूरतों को पूरा करेगी.

राज्य के स्वामित्व वाली इंडियन ऑयल कॉर्प (आईओसी) देश में रसोई गैस की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश में गोरखपुर से गुजरात तट तक एक एलपीजी पाइपलाइन बिछा रही है. आईओसी की योजना गुजरात में कांदला में एलपीजी आयात करने की है और इसे 1,987 किलोमीटर पाइपलाइन के माध्यम से अहमदाबाद (गुजरात में), उज्जैन, भोपाल (मध्य प्रदेश में), कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी और लखनऊ (उत्तर प्रदेश में) के रास्ते गोरखपुर तक ले जाने की योजना है.

प्रधान ने कहा कि यह संभवतः दुनिया की सबसे लंबी एलपीजी (तरलीकृत पेट्रोलियम गैस) पाइपलाइन है, जिसे 9,000 करोड़ रुपये की लागत से बिछाया जाएगा.

पाइपलाइन 3.75 मिलियन टन प्रति वर्ष एलपीजी का वहन करेगी. पाइपलाइन कांदला बंदरगाह के साथ-साथ गुजरात में आईओसी की कोयली रिफाइनरी की एलपीजी जरूरतों को पूरा करेगी. यह देश की सबसे बड़ी एलपीजी पाइपलाइन होगी.

गेल वर्तमान में गुजरात के जामनगर से लोनी के निकट 1,415 किलोमीटर लंबी लाइन का संचालन करती है. लाइन में प्रतिवर्ष 2.5 मिलियन टन एलपीजी की ढुलाई होती है. गेल की 623 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन विजाग-सिकंदराबाद में भी है.

आईओसी में हरियाणा के पानीपत से जालंधर तक 274 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन भी है.

उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री 24 फरवरी को पाइपलाइन परियोजना की आधारशिला रखेंगे, जो रूट के साथ 22 बॉटलिंग संयंत्रों को एलपीजी की आपूर्ति करेगी."

प्रस्तावित पाइपलाइन मध्य और उत्तरी भारत में आठ आईओसी के एलपीजी बॉटलिंग संयंत्रों को जोड़ेगी. यह बीपीसीएल और एचपीसीएल जैसी अन्य कंपनियों के बोतलबंद पौधों को भी एलपीजी की आपूर्ति करेगा.

आईओसी देश के 26 करोड़ एलपीजी उपभोक्ताओं में से लगभग आधे को पूरा करता है.

(पीटीआई से इनपुट)




Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.