मुंबई: आरबीआई के डिप्टी गवर्नर के रूप में विरल आचार्य की पारी मंगलवार को खत्म हो गयी. पिछले महीने उन्होंने अचानक इस्तीफे की घोषणा की और उनका इस्तीफा 23 जुलाई को प्रभावी हो गया.
केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता के मुद्दे पर मुखर रहे विरल आचार्य ने समय से पहले आरबीआई की सेवा छोड़ कर पुन: अध्यापन के क्षेत्र में लौटने का फैसला किया है. आचार्य न्यूयार्क यूनिवर्सिटी के स्टर्न स्कूल आफ बिजनेस में पठन-पाठन के लिये वापस जाएंगे.
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केंद्रीय बैंक के इतिहास में 45 साल के आचार्य सबसे युवा डिप्टी गवर्नरों में से एक थे. वह महत्वपूर्ण मौद्रिक नीति विभाग के प्रभारी थे. इसके कारण वे नीति दर निर्धारित करने वाली मौद्रिक नीति समिति के सदस्य भी थे.
मुंबई में जन्में आचार्य को आरबीआई की स्वायत्ता के मुद्दे पर बोलने को लेकर याद किया जाएगा.
सरकार की आरबीआई के अतिरिक्त आरक्षित कोष पर नजर समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर चिंता के बीच अक्टूबर 2018 में उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि अगर सरकार स्वायत्ता में हस्तक्षेप करती है तो बाजार पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
उनके तत्कालीन बॉस गवर्नर उर्जित पटेल ने 10 दिसंबर को इस्तीफा दिया था. इससे आचार्य के इस्तीफे की अटकले लगायी जा रही थी.
आरबीआई डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य की पारी समाप्त - Deputy Governor
केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता के मुद्दे पर मुखर रहे विरल आचार्य ने समय से पहले आरबीआई की सेवा छोड़ कर पुन: अध्यापन के क्षेत्र में लौटने का फैसला किया है. आचार्य न्यूयार्क यूनिवर्सिटी के स्टर्न स्कूल आफ बिजनेस में पठन-पाठन के लिये वापस जाएंगे.
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मुंबई: आरबीआई के डिप्टी गवर्नर के रूप में विरल आचार्य की पारी मंगलवार को खत्म हो गयी. पिछले महीने उन्होंने अचानक इस्तीफे की घोषणा की और उनका इस्तीफा 23 जुलाई को प्रभावी हो गया.
केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता के मुद्दे पर मुखर रहे विरल आचार्य ने समय से पहले आरबीआई की सेवा छोड़ कर पुन: अध्यापन के क्षेत्र में लौटने का फैसला किया है. आचार्य न्यूयार्क यूनिवर्सिटी के स्टर्न स्कूल आफ बिजनेस में पठन-पाठन के लिये वापस जाएंगे.
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केंद्रीय बैंक के इतिहास में 45 साल के आचार्य सबसे युवा डिप्टी गवर्नरों में से एक थे. वह महत्वपूर्ण मौद्रिक नीति विभाग के प्रभारी थे. इसके कारण वे नीति दर निर्धारित करने वाली मौद्रिक नीति समिति के सदस्य भी थे.
मुंबई में जन्में आचार्य को आरबीआई की स्वायत्ता के मुद्दे पर बोलने को लेकर याद किया जाएगा.
सरकार की आरबीआई के अतिरिक्त आरक्षित कोष पर नजर समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर चिंता के बीच अक्टूबर 2018 में उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि अगर सरकार स्वायत्ता में हस्तक्षेप करती है तो बाजार पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
उनके तत्कालीन बॉस गवर्नर उर्जित पटेल ने 10 दिसंबर को इस्तीफा दिया था. इससे आचार्य के इस्तीफे की अटकले लगायी जा रही थी.
आरबीआई डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य की पारी समाप्त
मुंबई: आरबीआई के डिप्टी गवर्नर के रूप में विरल आचार्य की पारी मंगलवार को खत्म हो गयी. पिछले महीने उन्होंने अचानक इस्तीफे की घोषणा की और उनका इस्तीफा 23 जुलाई को प्रभावी हो गया.
केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता के मुद्दे पर मुखर रहे विरल आचार्य ने समय से पहले आरबीआई की सेवा छोड़ कर पुन: अध्यापन के क्षेत्र में लौटने का फैसला किया है. आचार्य न्यूयार्क यूनिवर्सिटी के स्टर्न स्कूल आफ बिजनेस में पठन-पाठन के लिये वापस जाएंगे.
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मुंबई में जन्में आचार्य को आरबीआई की स्वायत्ता के मुद्दे पर बोलने को लेकर याद किया जाएगा.
सरकार की आरबीआई के अतिरिक्त आरक्षित कोष पर नजर समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर चिंता के बीच अक्टूबर 2018 में उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि अगर सरकार स्वायत्ता में हस्तक्षेप करती है तो बाजार पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
उनके तत्कालीन बॉस गवर्नर उर्जित पटेल ने 10 दिसंबर को इस्तीफा दिया था. इससे आचार्य के इस्तीफे की अटकले लगायी जा रही थी.
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