मुंबई : भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 2019-20 में 7 प्रतिशत से नीचे रह सकती है. जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है. वैश्विक नरमी, कड़ी वित्तीय स्थिति तथा चुनावी वर्ष में राजनीतिक अनिश्चितता वृद्धि के लिये बड़ी चुनौती है.
रिपोर्ट के अनुसार इन चुनौतियों के कारण वृद्धि उपभोग आधारित हो सकती है. चुनावों के कारण नये निवेश को लेकर परिदृश्य खराब बना हुआ है. इसमें कहा गया है कि जैसा कि दिसंबर में उसने अनुमान जताया था, आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2019-20 में 6.8 प्रतिशत रह सकती है. वहीं 2018-19 में इसके करीब 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
इसने कहा कि बजट में उपभोग प्रोत्साहन जीडीपी वृद्धि में 0.4 प्रतिशत अंक जोड़ने की संभावना है, लेकिन सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में कटौती से 0.2 प्रतिशत अंक आ जाएंगे.
"राजकोषीय उत्तेजना के मौद्रिक आवास प्रभावी रूप से यात्रियों को ब्याज दर चैनल के माध्यम से निजी निवेश से बाहर कर रहे हैं. हालांकि, आगामी चुनावों में नए निवेश खराब हो जाएंगे."
चुनावों पर विस्तार से बताते हुए, इसने कहा कि हम अक्टूबर 2019 से धीरे-धीरे अपनी खोई हुई गति को हासिल करने के लिए निवेश की वृद्धि की उम्मीद कर सकते हैं. तेल पर, इसने कहा कि कच्चे तेल की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं और केवल 0.1 प्रतिशत की दर से लाभ को बढ़ाया है.
(भाषा)
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