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मार्च, 2020 तक एमएसएमई के दबाव वाले कर्ज को एनपीए घोषित नहीं किया जाएगा : वित्त मंत्री - एनपीए

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन मे कहा कि रिजर्व बैंक की ओर से पहले ही परिपत्र जारी किया जा चुका है जिसमें कहा गया है कि एमएसएमई के दबाव वाले कर्ज को एनपीए घोषित नहीं किया जाए.

मार्च, 2020 तक एमएसएमई के दबाव वाले कर्ज को एनपीए घोषित नहीं किया जाएगा : वित्त मंत्री
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Published : Sep 19, 2019, 8:31 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 6:26 AM IST

नई दिल्ली: सरकार ने बैंकों से कहा कि वे मार्च, 2020 तक सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के दबाव वाले कर्ज को गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) घोषित नहीं करें. साथ ही सरकार ने बैंकों से एमएसएमई के कर्ज के पुनर्गठन पर काम करने को कहा है.

मार्च, 2020 तक एमएसएमई के दबाव वाले कर्ज को एनपीए घोषित नहीं किया जाएगा : वित्त मंत्री

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन मे कहा कि रिजर्व बैंक की ओर से पहले ही परिपत्र जारी किया जा चुका है जिसमें कहा गया है कि एमएसएमई के दबाव वाले कर्ज को एनपीए घोषित नहीं किया जाए.

उन्होंने कहा कि बैंकों को इस परिपत्र का अनुपालन करने को कहा गया है. बैंकों से कहा गया है कि वे एमएसएमई के दबाव वाले कर्ज को मार्च, 2020 तक एनपीए घोषित नहीं करें और उनके कर्ज के पुनर्गठन के लिए काम करें. उन्होंने कहा कि इससे एमएसएमई क्षेत्र की मदद हो सकेगी.

ये भी पढ़ें: पेटीएम अपना यात्रा व्यवसाय बढ़ाने को 250 करोड़ निवेश करेगी

वित्त मंत्री ने बताया कि बैंकों ने कुछ ऐसी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की पहचान की हैं, जिन्हें कर्ज उपलब्ध कराया जा सकता है. ऐसे में कर्ज लेने के इच्छुक लोगों को नकदी और ऋण उपलब्ध कराया जा सकेगा.

सीतारमण ने बताया कि बैंक कर्ज देने के इरादे से 29 सितंबर से पहले 200 जिलों में एनबीएफसी और खुदरा कर्जदारों के साथ बैठक करेंगे. दूसरे चरण में 10 अक्टूबर से 15 अकटूबर के बीच 200 अन्य जिलों में ऐसी बैठकें होंगी. यानी कुल मिलाकर 400 जिलों में इस प्रकार की बैठकें होंगी.

नई दिल्ली: सरकार ने बैंकों से कहा कि वे मार्च, 2020 तक सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के दबाव वाले कर्ज को गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) घोषित नहीं करें. साथ ही सरकार ने बैंकों से एमएसएमई के कर्ज के पुनर्गठन पर काम करने को कहा है.

मार्च, 2020 तक एमएसएमई के दबाव वाले कर्ज को एनपीए घोषित नहीं किया जाएगा : वित्त मंत्री

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन मे कहा कि रिजर्व बैंक की ओर से पहले ही परिपत्र जारी किया जा चुका है जिसमें कहा गया है कि एमएसएमई के दबाव वाले कर्ज को एनपीए घोषित नहीं किया जाए.

उन्होंने कहा कि बैंकों को इस परिपत्र का अनुपालन करने को कहा गया है. बैंकों से कहा गया है कि वे एमएसएमई के दबाव वाले कर्ज को मार्च, 2020 तक एनपीए घोषित नहीं करें और उनके कर्ज के पुनर्गठन के लिए काम करें. उन्होंने कहा कि इससे एमएसएमई क्षेत्र की मदद हो सकेगी.

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वित्त मंत्री ने बताया कि बैंकों ने कुछ ऐसी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की पहचान की हैं, जिन्हें कर्ज उपलब्ध कराया जा सकता है. ऐसे में कर्ज लेने के इच्छुक लोगों को नकदी और ऋण उपलब्ध कराया जा सकेगा.

सीतारमण ने बताया कि बैंक कर्ज देने के इरादे से 29 सितंबर से पहले 200 जिलों में एनबीएफसी और खुदरा कर्जदारों के साथ बैठक करेंगे. दूसरे चरण में 10 अक्टूबर से 15 अकटूबर के बीच 200 अन्य जिलों में ऐसी बैठकें होंगी. यानी कुल मिलाकर 400 जिलों में इस प्रकार की बैठकें होंगी.

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नई दिल्ली: सरकार ने गुरुवार को बैंकों को मार्च 2020 तक एमएसएमई के किसी भी तनावग्रस्त ऋण खाते को एनपीए घोषित नहीं करने और अपने ऋण को वापस लेने का काम करने के लिए कहा.

पीएसयू बैंक प्रमुखों की बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रिजर्व बैंक से एक परिपत्र पहले से मौजूद है जो एमएसएमई के तनावग्रस्त ऋण खातों को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित नहीं किया गया है.

उन्होंने कहा कि बैंकों को उस परिपत्र का पालन करने के लिए कहा गया है और मार्च 2020 तक एनपीए के रूप में किसी भी तनावग्रस्त एमएसएमई ऋण की घोषणा नहीं की है और अपने ऋण को वापस लेना है.

उन्होंने कहा कि इससे एमएसएमई क्षेत्र को मदद मिलेगी.

साथ ही उन्होने कहा कि बैंकों ने कुछ एनबीएफसी की पहचान की है कि वे उधार दे सकते हैं ताकि तरलता और क्रेडिट पैसा चाहने वालों को उपलब्ध हो सके.

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Last Updated : Oct 1, 2019, 6:26 AM IST
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