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लक्ष्मी विलास बैंक को किसी अन्य बैंक में विलय करने का कोई प्रस्ताव नहीं: शक्ति सिन्हा

शक्ति सिन्हा ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के साथ लक्ष्मी विलास बैंक के संभावित विलय के बारे में ईटीवी भारत के सवाल के जवाब में बताया कि फिलहाल इसके बारे में बात नहीं चल रही है. हालांकि उन्होंने क्लिक्स कैपिटल की ओर से गैर- बाघ्यकारी विलय प्रस्ताव प्राप्त होने की बात मानी है.

लक्ष्मी विलास बैंक को किसी अन्य बैंक में विलय करने का कोई प्रस्ताव नहीं: शक्ति सिन्हा
लक्ष्मी विलास बैंक को किसी अन्य बैंक में विलय करने का कोई प्रस्ताव नहीं: शक्ति सिन्हा
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Published : Oct 9, 2020, 12:43 PM IST

नई दिल्ली: पूंजी के संकट के दौर से गुजर रहे निजी क्षेत्र के लक्ष्मी विलास बैंक को क्लिक्स कैपिटल की ओर से गैर- बाघ्यकारी विलय प्रस्ताव प्राप्त हुआ है. इस बारे में ईटीवी भारत ने बैंक के सदस्य शक्ति सिन्हा से बात की.

शक्ति सिन्हा ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के साथ लक्ष्मी विलास बैंक के संभावित विलय के बारे में ईटीवी भारत के सवाल के जवाब में बताया, "हम इसके बारे में नहीं जानते, कम से कम मुझे इसके बारे में जानकारी नहीं है." हालांकि उन्होंने क्लिक्स कैपिटल की ओर से गैर- बाघ्यकारी विलय प्रस्ताव प्राप्त होने की बात मानी है.

ये भी पढ़ें- रेपो दरों में बलदाव नहीं, चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ पॉजिटिव होने की उम्मीद: दास

चेन्नई का लक्ष्मी विलास बैंक लंबे समय से निवेशक और पूंजी की तलाश में है. बैंक को एक बड़ा झटका तब लगा जब उसके शेयरधारकों ने 25 सितंबर को मतदान कर निदेशक मंडल से सात निदेशकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था. इसमें बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस. सुंदर और प्रवर्तक के. आर. प्रदीप एवं एन. साइप्रसाद शामिल हैं.

कुछ समाचार रिपोर्टों में ये बताया गया कि पंजाब नेशनल बैंक जल्द ही लक्ष्मी विलास बैंक का अधिग्रहण कर सकता है. हालांकि, बाद में पीएनबी ने रिपोर्टों का खंडन किया.

जैसा कि पहले ईटीवी भारत द्वारा रिपोर्ट किया गया था और आरबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी पुष्टि की थी कि रिजर्व बैंक येस बैंक की तर्ज पर बैंक के लिए बाजार या निवेशक के नेतृत्व की तलाश कर रहा है और बैंक का बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में विलय हो सकता है.

सिन्हा ने यह भी स्पष्ट किया कि बैंक किसी अन्य संभावित साझेदार या निवेशकों के साथ बातचीत नहीं कर रहा है.

बैंक के लिए एक नए एमडी की नियुक्ति

94 साल पुराने लक्ष्मी विलास बैंक की प्राथमिकताओं के बारे में बात करते हुए, सिन्हा ने कहा कि सबसे बड़ी प्राथमिकता पूंजी जुटाने की थी.

सिन्हा ने बताया कि पहली प्राथमिकता पूंजी जुटाने की है, या तो विलय के माध्यम से या बाजार के माध्यम से फिर निश्चित रूप से एमडी की नियुक्ति के बारे में सोचा जाएगा.

पिछले महीने लक्ष्मी विलास बैंक के शीर्ष प्रबंधन को हटाने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक के परिचालन के लिए तीन लोगों की टीम गठित की थी. केंद्रीय बैंक ने मीता माखन को चेयरपर्सन और शक्ति सिन्हा एवं सतीश कुमार कालरा को सदस्य बनाया था.

शेयर बाजार को दी जानकारी में बैंक के मुख्य वित्त अधिकारी के. हरिहरन ने कहा, "बैंक को निजी इक्विटी कंपनी ऐऑन कैपिटल से वित्त पोषित एक गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी क्लिक्स समूह से गैर-बाध्यकारी विलय प्रस्ताव हासिल हुआ है. बैंक समूह का क्लिक्स कैपिटल सर्विसेस, क्लिक्स फाइनेंस और क्लिक्स हाउसिंग फाइनेंस के साथ विलय प्रक्रिया को लेकर विचार- विमर्श चल रहा है."

बैंक ने 15 सितंबर को क्लिक्स कैपिटल समूह के साथ शेयरों के सौदे में विलय पर सहमति जतायी थी.

नई दिल्ली: पूंजी के संकट के दौर से गुजर रहे निजी क्षेत्र के लक्ष्मी विलास बैंक को क्लिक्स कैपिटल की ओर से गैर- बाघ्यकारी विलय प्रस्ताव प्राप्त हुआ है. इस बारे में ईटीवी भारत ने बैंक के सदस्य शक्ति सिन्हा से बात की.

शक्ति सिन्हा ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के साथ लक्ष्मी विलास बैंक के संभावित विलय के बारे में ईटीवी भारत के सवाल के जवाब में बताया, "हम इसके बारे में नहीं जानते, कम से कम मुझे इसके बारे में जानकारी नहीं है." हालांकि उन्होंने क्लिक्स कैपिटल की ओर से गैर- बाघ्यकारी विलय प्रस्ताव प्राप्त होने की बात मानी है.

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चेन्नई का लक्ष्मी विलास बैंक लंबे समय से निवेशक और पूंजी की तलाश में है. बैंक को एक बड़ा झटका तब लगा जब उसके शेयरधारकों ने 25 सितंबर को मतदान कर निदेशक मंडल से सात निदेशकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था. इसमें बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस. सुंदर और प्रवर्तक के. आर. प्रदीप एवं एन. साइप्रसाद शामिल हैं.

कुछ समाचार रिपोर्टों में ये बताया गया कि पंजाब नेशनल बैंक जल्द ही लक्ष्मी विलास बैंक का अधिग्रहण कर सकता है. हालांकि, बाद में पीएनबी ने रिपोर्टों का खंडन किया.

जैसा कि पहले ईटीवी भारत द्वारा रिपोर्ट किया गया था और आरबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी पुष्टि की थी कि रिजर्व बैंक येस बैंक की तर्ज पर बैंक के लिए बाजार या निवेशक के नेतृत्व की तलाश कर रहा है और बैंक का बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में विलय हो सकता है.

सिन्हा ने यह भी स्पष्ट किया कि बैंक किसी अन्य संभावित साझेदार या निवेशकों के साथ बातचीत नहीं कर रहा है.

बैंक के लिए एक नए एमडी की नियुक्ति

94 साल पुराने लक्ष्मी विलास बैंक की प्राथमिकताओं के बारे में बात करते हुए, सिन्हा ने कहा कि सबसे बड़ी प्राथमिकता पूंजी जुटाने की थी.

सिन्हा ने बताया कि पहली प्राथमिकता पूंजी जुटाने की है, या तो विलय के माध्यम से या बाजार के माध्यम से फिर निश्चित रूप से एमडी की नियुक्ति के बारे में सोचा जाएगा.

पिछले महीने लक्ष्मी विलास बैंक के शीर्ष प्रबंधन को हटाने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक के परिचालन के लिए तीन लोगों की टीम गठित की थी. केंद्रीय बैंक ने मीता माखन को चेयरपर्सन और शक्ति सिन्हा एवं सतीश कुमार कालरा को सदस्य बनाया था.

शेयर बाजार को दी जानकारी में बैंक के मुख्य वित्त अधिकारी के. हरिहरन ने कहा, "बैंक को निजी इक्विटी कंपनी ऐऑन कैपिटल से वित्त पोषित एक गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी क्लिक्स समूह से गैर-बाध्यकारी विलय प्रस्ताव हासिल हुआ है. बैंक समूह का क्लिक्स कैपिटल सर्विसेस, क्लिक्स फाइनेंस और क्लिक्स हाउसिंग फाइनेंस के साथ विलय प्रक्रिया को लेकर विचार- विमर्श चल रहा है."

बैंक ने 15 सितंबर को क्लिक्स कैपिटल समूह के साथ शेयरों के सौदे में विलय पर सहमति जतायी थी.

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