लंदन: भारत के बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियम काफी सोच विचार कर बनाए गए हैं और इनमें तत्काल किसी तरह के बदलाव की संभावना नहीं है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को यह बात कही.
ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय व्यापार विभाग द्वारा आयोजित भारत दिवस कार्यक्रम के मौके पर गोयल ने अलग से कहा कि बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 49 प्रतिशत एफडीआई सीमा का सभी विदेशी ब्रांडों को अक्षरश: पालन करना चाहिए.
ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद की दौड़ में आगे माने जा रहे बोरिस जॉनसन ने हाल में इस बात पर निराशा जताई कि ब्रिटेन की खुदरा क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां सैंसबरी और वेटरोज भारत में अपनी पैठ नहीं बना पाई हैं. जॉनसन ने कहा था कि वह चाहते हैं कि भारत ब्रिटेन के शानदार ब्रांडों के लिए अपने दरवाजे और खोले.
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जॉनसन के हालिया बयान के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा, "बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र के मोर्चे हम पूरी तरह स्पष्ट हैं कि विदेशी निवेश की सीमा 49 प्रतिशत ही है."
उन्होंने कहा कि यह काफी सोच विचार कर बनाई गई नीति है. अभी हम इसमें बदलाव नहीं करने जा रहे. गोयल ने कहा, "मुझे लगता है कि जो कंपनियां भारत आना चाहती हैं वे बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में विदेशी स्वामित्व को 49 प्रतिशत तक रखें. हम चाहेंगे कि इसका अक्षरश: पालन करें."
हालांकि, मंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र को उल्लेखनीय रियायतें दिए जाने तथा नियमों को उदार करने की योजना है. इससे अधिक अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भारत में अपनी दुकानें खोल सकेंगी और अपने कारोबार का विस्तार कर सकेंगी.
उन्होंने कहा, "ये कंपनियां 30 प्रतिशत घरेलू खरीद की अपनी जरूरत को निर्यात अनिवार्यता से पूरा कर सकेंगी और अपनी वैश्विक श्रृंखलाओं का एकीकरण कर सकेंगी. इससे भारत और देश में आने वाली एकल ब्रांड खुदरा कंपनियों दोनों को लाभ होगा.
गोयल की तीन दिन की ब्रिटेन यात्रा मंगलवार को पूरी हो रही है. सोमवार को उन्होंने भारत-ब्रिटेन संयुक्त आर्थिक एवं व्यापार समिति (जेईटीसीओ) को संबोधित किया था.