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नीति आयोग बना रही 100 मार्गों पर 150 निजी रेलगाड़ियां चलाने की योजना

इस विषय में 'निजी भागीदारी: यात्री रेलगाड़ियां' शीर्षक परिचर्चा पत्र तैयार किया है. इसमें 100 मार्गों की पहचान की गयी है, जिन पर निजी इकाइयों को 150 गाड़ियों के परिचालन की अनुमति देने से 22,500 करोड़ रुपये का निवेश आएगा.

नीति आयोग बना रही 100 मार्गों पर निजी रेलगाड़ियां चलाने की योजना
नीति आयोग बना रही 100 मार्गों पर निजी रेलगाड़ियां चलाने की योजना
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Published : Jan 3, 2020, 11:51 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय रेल और नीति आयोग ने निजी आपरेटरों को सौ रेल-मार्गों पर निजी कंपनियों को 150 यात्रीगाड़ियों के परिचालन की अनुमति दिए जाने का विचार चर्चा के लिए रखा है. इस बारे में तैयार परिचर्चा पत्र के अनुसार इससे 22,500 करोड़ रुपये का निवेश आ सकता है.

दोनों ने इस विषय में 'निजी भागीदारी: यात्री रेलगाड़ियां' शीर्षक परिचर्चा पत्र तैयार किया है. इसमें 100 मार्गों की पहचान की गयी है, जिन पर निजी इकाइयों को 150 गाड़ियों के परिचालन की अनुमति देने से 22,500 करोड़ रुपये का निवेश आएगा.

इन मार्गों में मुंबई सेंट्रल-नयी दिल्ली, नयी दिल्ली-पटना, अहमदाबाद-पुणे और दादर-वड़ोदरा भी शामिल हैं. इन 100 मार्गों को 10-12 समूहों में बांटा गया है. दस्तावेज के अनुसार, निजी कंपनियों को अपनी गाड़ियों में बाजार के अनुसार किराया वसूल की छूट होगी.

ये भी पढ़ें: मिस्त्री ने सत्ता का केंद्रीकरण किया, टाटा समूह का नाम खराब किया: न्यायालय में रतन टाटा

वे इन गाड़ियों में अपनी सुविधा के हिसाब से विभिन्न श्रेणियों की बोगियां लगाने के साथ साथ मार्ग पर उनके ठहराव वाले स्टेशनों का भी चयन कर सकेंगे.

दस्तावेज में कहा गया कि ट्रेनों के निजीकरण से आधुनिक प्रौद्योगिकी लाने तथा रख-रखाव की लागत कम करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधायें मिलने के साथ ही मांग व आपूर्ति की खाई को कम करने में भी मदद मिलेगी.

इस दस्तावेज के अनुसार, ट्रेनों का परिचालन करने वाले संभावित निकाय घरेलू के साथ ही विदेशी भी हो सकते हैं.

नई दिल्ली: भारतीय रेल और नीति आयोग ने निजी आपरेटरों को सौ रेल-मार्गों पर निजी कंपनियों को 150 यात्रीगाड़ियों के परिचालन की अनुमति दिए जाने का विचार चर्चा के लिए रखा है. इस बारे में तैयार परिचर्चा पत्र के अनुसार इससे 22,500 करोड़ रुपये का निवेश आ सकता है.

दोनों ने इस विषय में 'निजी भागीदारी: यात्री रेलगाड़ियां' शीर्षक परिचर्चा पत्र तैयार किया है. इसमें 100 मार्गों की पहचान की गयी है, जिन पर निजी इकाइयों को 150 गाड़ियों के परिचालन की अनुमति देने से 22,500 करोड़ रुपये का निवेश आएगा.

इन मार्गों में मुंबई सेंट्रल-नयी दिल्ली, नयी दिल्ली-पटना, अहमदाबाद-पुणे और दादर-वड़ोदरा भी शामिल हैं. इन 100 मार्गों को 10-12 समूहों में बांटा गया है. दस्तावेज के अनुसार, निजी कंपनियों को अपनी गाड़ियों में बाजार के अनुसार किराया वसूल की छूट होगी.

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वे इन गाड़ियों में अपनी सुविधा के हिसाब से विभिन्न श्रेणियों की बोगियां लगाने के साथ साथ मार्ग पर उनके ठहराव वाले स्टेशनों का भी चयन कर सकेंगे.

दस्तावेज में कहा गया कि ट्रेनों के निजीकरण से आधुनिक प्रौद्योगिकी लाने तथा रख-रखाव की लागत कम करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधायें मिलने के साथ ही मांग व आपूर्ति की खाई को कम करने में भी मदद मिलेगी.

इस दस्तावेज के अनुसार, ट्रेनों का परिचालन करने वाले संभावित निकाय घरेलू के साथ ही विदेशी भी हो सकते हैं.

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नई दिल्ली: भारतीय रेल और नीति आयोग ने निजी आपरेटरों को सौ रेल-मार्गों पर निजी कंपनियों को 150 यात्रीगाड़ियों के परिचालन की अनुमति दिए जाने का विचार चर्चा के लिए रखा है. इस बारे में तैयार परिचर्चा पत्र के अनुसार इससे 22,500 करोड़ रुपये का निवेश आ सकता है.

दोनों ने इस विषय में 'निजी भागीदारी: यात्री रेलगाड़ियां' शीर्षक परिचर्चा पत्र तैयार किया है. इसमें 100 मार्गों की पहचान की गयी है, जिन पर निजी इकाइयों को 150 गाड़ियों के परिचालन की अनुमति देने से 22,500 करोड़ रुपये का निवेश आएगा.

इन मार्गों में मुंबई सेंट्रल-नयी दिल्ली, नयी दिल्ली-पटना, अहमदाबाद-पुणे और दादर-वड़ोदरा भी शामिल हैं. इन 100 मार्गों को 10-12 समूहों में बांटा गया है. दस्तावेज के अनुसार, निजी कंपनियों को अपनी गाड़ियों में बाजार के अनुसार किराया वसूल की छूट होगी.

वे इन गाड़ियों में अपनी सुविधा के हिसाब से विभिन्न श्रेणियों की बोगियां लगाने के साथ साथ मार्ग पर उनके ठहराव वाले स्टेशनों का भी चयन कर सकेंगे.

दस्तावेज में कहा गया कि ट्रेनों के निजीकरण से आधुनिक प्रौद्योगिकी लाने तथा रख-रखाव की लागत कम करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधायें मिलने के साथ ही मांग व आपूर्ति की खाई को कम करने में भी मदद मिलेगी.

इस दस्तावेज के अनुसार, ट्रेनों का परिचालन करने वाले संभावित निकाय घरेलू के साथ ही विदेशी भी हो सकते हैं.

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