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नई कर आकलन व्यवस्था से बढ़ेगी पारदर्शिता, सशक्त होंगे ईमानदार करदाता: उद्योग जगत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर व्यवस्था में सुधारों को आगे बढ़ाते हुए बृहस्पतिवार को पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान मंच की शुरूआत की और इसके साथ ही देशवासियों से स्वप्रेरणा से आगे आकर कर भुगतान का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि करदाता के लिये कर देना या सरकार के लिये कर लेना, ये कोई हक का अधिकार का विषय नहीं है, बल्कि ये दोनों का दायित्व है.

नई कर आकलन व्यवस्था से बढ़ेगी पारदर्शिता, सशक्त होंगे ईमानदार करदाता: उद्योग जगत
नई कर आकलन व्यवस्था से बढ़ेगी पारदर्शिता, सशक्त होंगे ईमानदार करदाता: उद्योग जगत
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Published : Aug 14, 2020, 10:25 AM IST

नई दिल्ली: भारतीय उद्योग जगत और विशेषज्ञों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा बृहस्पतिवार को शुरू की गयी पहचान रहित (फेसलेस) कर आकलन व अपील की घोषणा की सराहना की. उन्होंने कहा कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और ईमानदार करदाता सशक्त होंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर व्यवस्था में सुधारों को आगे बढ़ाते हुए बृहस्पतिवार को पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान मंच की शुरूआत की और इसके साथ ही देशवासियों से स्वप्रेरणा से आगे आकर कर भुगतान का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि करदाता के लिये कर देना या सरकार के लिये कर लेना, ये कोई हक का अधिकार का विषय नहीं है, बल्कि ये दोनों का दायित्व है.

ये भी पढ़ें- चीन के विनिर्माण केंद्र बनने के दिन लद गए, थैंक्स ट्रेड वॉर: फॉक्सकॉन

वीडियो कांफ्रेंन्सिंग के जरिये पारदर्शी कराधान- ईमानदार का सम्मान मंच की शुरूआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "बीते 6-7 साल में आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या में करीब ढाई करोड़ की वृद्धि हुई है. लेकिन ये भी सही है कि 130 करोड़ के देश में ये अभी भी बहुत कम है. इतने बड़े देश में सिर्फ डेढ़ करोड़ साथी ही इन्‍कम टैक्स जमा करते हैं. इस पर देश को आत्मचिंतन करना होगा. आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मचिंतन जरूरी है. और ये जिम्मेदारी सिर्फ कर विभाग की नहीं है, हर भारतीय की है. जो कर देने में सक्षम हैं, लेकिन अभी वो कर नेट में नहीं है, वो देशवासी स्वप्रेरणा से आगे आएं, ये मेरा आग्रह है और उम्मीद भी."

प्रधानमंत्री ने कहा, "इस मंच में करदाताओं और अधिकारियो के बीच बिना चेहरा देखे आकलन, अपील करने और करदाता चार्टर जैसे बड़े सुधारों को आगे बढ़ाया गया है. फेसलेस आकलन और करदाता चार्टर आज से लागू हो गये हैं जबकि फेसलेस अपील की सुविधा 25 दिसंबर यानी दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्मदिन से देशभर में नागरिकों के लिए उपलब्ध हो जाएगी."

सीआईआई के अध्यक्ष उदय कोटक ने कहा, "प्लेटफॉर्म बड़े सुधार जैसे फेसलेस असेसमेंट, फेसलेस अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर के लिये रूपरेखा तैयार करता है. इससे करदाताओं को बहुत फायदा होगा."

फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने कहा, "संरचनात्मक सुधारों की हमारी यात्रा में यह एक अन्य मील का पत्थर है और इससे देश में करदाताओं का विश्वास काफी बढ़ेगा." उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया है कि सरकार ईमानदार करदाताओं का सम्मान देने और उनका आदर करने के लिये प्रतिबद्ध है.

एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि करदाताओं के बीच समग्र भावना यह है कि ऐसी योजनाएं प्रत्यक्ष कराधान में सुधार लाने के लिये लंबे समय तक योगदान दे सकती हैं. उन्होंने कहा, "करदाता और सरकार के बीच संबंध सहज, निर्भीक और आपसी विश्वास को मजबूत करने वाला होना चाहिये. ई-मूल्यांकन उस दिशा में एक कदम है."

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: भारतीय उद्योग जगत और विशेषज्ञों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा बृहस्पतिवार को शुरू की गयी पहचान रहित (फेसलेस) कर आकलन व अपील की घोषणा की सराहना की. उन्होंने कहा कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और ईमानदार करदाता सशक्त होंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर व्यवस्था में सुधारों को आगे बढ़ाते हुए बृहस्पतिवार को पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान मंच की शुरूआत की और इसके साथ ही देशवासियों से स्वप्रेरणा से आगे आकर कर भुगतान का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि करदाता के लिये कर देना या सरकार के लिये कर लेना, ये कोई हक का अधिकार का विषय नहीं है, बल्कि ये दोनों का दायित्व है.

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वीडियो कांफ्रेंन्सिंग के जरिये पारदर्शी कराधान- ईमानदार का सम्मान मंच की शुरूआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "बीते 6-7 साल में आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या में करीब ढाई करोड़ की वृद्धि हुई है. लेकिन ये भी सही है कि 130 करोड़ के देश में ये अभी भी बहुत कम है. इतने बड़े देश में सिर्फ डेढ़ करोड़ साथी ही इन्‍कम टैक्स जमा करते हैं. इस पर देश को आत्मचिंतन करना होगा. आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मचिंतन जरूरी है. और ये जिम्मेदारी सिर्फ कर विभाग की नहीं है, हर भारतीय की है. जो कर देने में सक्षम हैं, लेकिन अभी वो कर नेट में नहीं है, वो देशवासी स्वप्रेरणा से आगे आएं, ये मेरा आग्रह है और उम्मीद भी."

प्रधानमंत्री ने कहा, "इस मंच में करदाताओं और अधिकारियो के बीच बिना चेहरा देखे आकलन, अपील करने और करदाता चार्टर जैसे बड़े सुधारों को आगे बढ़ाया गया है. फेसलेस आकलन और करदाता चार्टर आज से लागू हो गये हैं जबकि फेसलेस अपील की सुविधा 25 दिसंबर यानी दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्मदिन से देशभर में नागरिकों के लिए उपलब्ध हो जाएगी."

सीआईआई के अध्यक्ष उदय कोटक ने कहा, "प्लेटफॉर्म बड़े सुधार जैसे फेसलेस असेसमेंट, फेसलेस अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर के लिये रूपरेखा तैयार करता है. इससे करदाताओं को बहुत फायदा होगा."

फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने कहा, "संरचनात्मक सुधारों की हमारी यात्रा में यह एक अन्य मील का पत्थर है और इससे देश में करदाताओं का विश्वास काफी बढ़ेगा." उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया है कि सरकार ईमानदार करदाताओं का सम्मान देने और उनका आदर करने के लिये प्रतिबद्ध है.

एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि करदाताओं के बीच समग्र भावना यह है कि ऐसी योजनाएं प्रत्यक्ष कराधान में सुधार लाने के लिये लंबे समय तक योगदान दे सकती हैं. उन्होंने कहा, "करदाता और सरकार के बीच संबंध सहज, निर्भीक और आपसी विश्वास को मजबूत करने वाला होना चाहिये. ई-मूल्यांकन उस दिशा में एक कदम है."

(पीटीआई-भाषा)

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