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नई एयरलाइंस आने से केवल मौखिक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी : आईसीआरए - भारतीय अरबपति राकेश झुनझुनवाला

भारतीय अरबपति राकेश झुनझुनवाला और कलरॉक-जालान की नई एयरलाइंस लॉन्च करने की योजना पर रेटिंग एजेंसी आईसीआरए का कहना है कि इससे एयरलाइन उद्योग में केवल मौखिक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और प्राइस वॉर तेज होगा.

आईसीआरए
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Published : Aug 3, 2021, 2:05 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय अरबपति राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) ने अकासा एयरलाइन (Akasa airline) और कलरॉक-जालान (Kalrock-Jalan) द्वारा वित्तपोषित जेट एयरवेज 2.0 भारत में हवाई सेवा शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं. ऐसे में एयरलाइन कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा और बढ़ सकती है.

इसके मद्देनजर रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने कहा है कि नई एयरलाइन के आने से उद्योग में केवल मौखिक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और कंपनियों की मूल्य निर्धारण शक्ति में कमी आएगी.

ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में आईसीआरए की उपाध्यक्ष किंजल शाह (Kinjal Shah) ने कहा कि मौजूदा समय में, महामारी के कारण हवाई यात्रियों की मांग पहले से ही बहुत कम है और एयरलाइंस के पास अपने मार्गों पर बहुत अधिक क्षमता है और इनमें से कई विमान पहले से ही बंद हैं. उस परिदृश्य में, प्री-कोविड स्तर पर वापस आने में समय लगेगा.

उन्होंने कहा, नई एयरलाइन के आने से बेहद प्रतिस्पर्धी उद्योग में इजाफा होगा और उद्योग में इस माहौल के कारण हम पहले ही देख चुके हैं. हम उस स्थिति को प्राप्त नहीं कर पाए हैं. एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) की बढ़ती कीमतों के बावजूद, वे किराए में वृद्धि करने में सक्षम नहीं हैं.

गौरतलब है कि एटीएफ की कीमतों में रविवार को एक बार फिर से बढ़ोतरी की गई. तेल विपणन कंपनियों ने पिछले महीने एटीएफ की कीमतों में लगभग 1.28% और वार्षिक आधार पर 57.37% से अधिक की वृद्धि की है.

यह भी पढ़ें- दरभंगा एयरपोर्ट से विमान सेवाएं शुरू, सालों का सपना हुआ साकार

आईसीआरए की उपाध्यक्ष ने अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि बढ़ी हुई प्रतिस्पर्धा उद्योग में मौखिक प्रतिस्पर्धा को ही बढ़ाएगी. यह फिर से केवल एयरलाइन कंपनियों की मूल्य निर्धारण शक्ति को कम करेगा, जो निश्चित रूप से एयरलाइन कंपनियों के क्रेडिट प्रोफाइल के लिए हानिकारक होगा.

नई दिल्ली : भारतीय अरबपति राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) ने अकासा एयरलाइन (Akasa airline) और कलरॉक-जालान (Kalrock-Jalan) द्वारा वित्तपोषित जेट एयरवेज 2.0 भारत में हवाई सेवा शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं. ऐसे में एयरलाइन कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा और बढ़ सकती है.

इसके मद्देनजर रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने कहा है कि नई एयरलाइन के आने से उद्योग में केवल मौखिक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और कंपनियों की मूल्य निर्धारण शक्ति में कमी आएगी.

ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में आईसीआरए की उपाध्यक्ष किंजल शाह (Kinjal Shah) ने कहा कि मौजूदा समय में, महामारी के कारण हवाई यात्रियों की मांग पहले से ही बहुत कम है और एयरलाइंस के पास अपने मार्गों पर बहुत अधिक क्षमता है और इनमें से कई विमान पहले से ही बंद हैं. उस परिदृश्य में, प्री-कोविड स्तर पर वापस आने में समय लगेगा.

उन्होंने कहा, नई एयरलाइन के आने से बेहद प्रतिस्पर्धी उद्योग में इजाफा होगा और उद्योग में इस माहौल के कारण हम पहले ही देख चुके हैं. हम उस स्थिति को प्राप्त नहीं कर पाए हैं. एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) की बढ़ती कीमतों के बावजूद, वे किराए में वृद्धि करने में सक्षम नहीं हैं.

गौरतलब है कि एटीएफ की कीमतों में रविवार को एक बार फिर से बढ़ोतरी की गई. तेल विपणन कंपनियों ने पिछले महीने एटीएफ की कीमतों में लगभग 1.28% और वार्षिक आधार पर 57.37% से अधिक की वृद्धि की है.

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आईसीआरए की उपाध्यक्ष ने अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि बढ़ी हुई प्रतिस्पर्धा उद्योग में मौखिक प्रतिस्पर्धा को ही बढ़ाएगी. यह फिर से केवल एयरलाइन कंपनियों की मूल्य निर्धारण शक्ति को कम करेगा, जो निश्चित रूप से एयरलाइन कंपनियों के क्रेडिट प्रोफाइल के लिए हानिकारक होगा.

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