नई दिल्ली : मैगी, दूध पाउडर, कॉफी, जैसे दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया ने शुक्रवार को अपने किटकैट चॉकलेट पैकेट पर मणिपुर के कीबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान को मेघालय में दिखाये जाने के लिए माफी मांगी. राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा आपत्ति के बाद कंपनी ने यह माफी मांगी है.
किटकैट चॉकलेट की विशेष खेप की पैकेजिंग में रेड पांडा की तस्वीर भी उकेरी गयी है. जबकि यह प्रजाति कीबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान में नहीं पायी जाती.
नेस्ले इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा, 'अभी लोग घर पर रह रहे हैं. ऐसे में किट कैट ट्रैवल ब्रेक पैक का मकसद खूबसूरत जगहों को दिखाकर इस कठिन समय में लोगों के चेहरे पर एक मुस्कान लाना था. हमने 'सेलेब्रेटिंग वाइल्ड लाइफ' से जुड़े पैकेटों में से एक में जगह की गलत जानकारी दी और हम उसके लिये माफी मांगते हैं. यह गैर-इरादतन त्रुटी है.'
प्रवक्ता ने कहा, 'हम इन जगहों की खूबसूरती सामने लाने के लिये यथाशीघ्र दो नया पैक ला रहे हैं. इन पैकेटों पर मणिपुर के कीबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान और मेघालय के बालपकरम राष्ट्रीय उद्यान को उकेरा जाएगा.'
ये भी पढ़ें : विमान के जरिए फिलिंग स्टेशन तक पहुंचा ऑक्सीजन टैंकर
उल्लेखनीय है कि मणिपुर के प्रधान वन संरक्षक (वन्य जीव) और मुख्य वन्य वार्डेन ए के जोशी ने नेस्ले इंउिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सुरेश नारायणन को बृहस्पतिवार को पत्र लिखकर कहा था कि किटकैट चॉकलेट की पैकिंग पर कीबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान को मेघालय में दिखाया गया. यह तथ्यात्मक रूप से गलत है क्योंकि दुनिया का एकमात्र तैरता हुआ पार्क मणिपुर में स्थित है.
जोशी ने तथ्यों को गलत तरीके से पेश किये जाने का भी आरोप लगाया और किट कैट चॉकलेट के कुछ कवर पर रेड पांडा की तस्वीर दिखाये जाने पर आपत्ति जतायी. यह प्रजजित कीबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान में नहीं पायी जतायी.