ETV Bharat / business

दुकान से खरीदारी की पक्की रसीद लेने पर मिल सकते हैं एक करोड़ ! - दुकान से खरीदारी की पक्की रसीद लेने पर मिल सकते हैं एक करोड़

सरकार जीएसटी व्यवस्था के तहत एक अप्रैल से एक ऐसी लॉटरी शुरुआत करने की योजना बना रही है जिसमें ग्राहकों को दुकानों से हर खरीद का बिल/रसीद मांगने को प्रात्साहित करने के लिए सोची गयी है. इससे जीएसटी की चोरी रोकने में मदद मिलेगी.

दुकान से खरीदारी की पक्की रसीद लेने पर मिल सकते हैं एक करोड़ !
दुकान से खरीदारी की पक्की रसीद लेने पर मिल सकते हैं एक करोड़ !
author img

By

Published : Mar 1, 2020, 4:32 PM IST

Updated : Mar 3, 2020, 1:50 AM IST

नई दिल्ली: सरकार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में हेराफेरी रोकने के उपायों के तहत जीएसटी व्यवस्था के तहत एक अप्रैल से एक ऐसी लॉटरी शुरुआत करने की योजना बना रही है जिसमें हर महीने दुकानदार और खरीदार के बीच सौदे के हर बिल को लकी-ड्रा में शामिल किया जाएगा.

एक अधिकारी ने पीटीआई भाषा को बताया कि इस लॉटरी में उपभोक्ताओं को एक करोड़ रुपये तक का ईनाम मिल सकता है. अधिकारी ने कहा कि यह लॉटरी योजना ग्राहकों को दुकानों से हर खरीद का बिल/रसीद मांगने को प्रात्साहित करने के लिए सोची गयी है. इससे जीएसटी की चोरी रोकने में मदद मिलेगी.

ये भी पढ़ें- डेटा विश्वसनीयता संकट: सरकार ने जीडीपी ग्रोथ संशोधन का किया बचाव

अधिकारी ने कहा कि इस लॉटरी में भाग लेने के लिये इस तरह की कोई सीमा नहीं होगी कि रसीद न्यूनतम या अधिकतम किसी तय राशि की हो. लॉटरी में एक प्रथम विजेता चुना जाएगा जिस पर बड़ा इनाम होगा. राज्यों के स्तर पर दूसरे और तीसरे विजेता भी चुने जाएंगे. इसमें भाग लेने के लिये उपभोक्ताओं को किसी भी खरीद की रसीद स्कैन करके अपलोड करना होगा.

जीएसटी नेटवर्क इसके लिये एक मोबाइल ऐप विकसित कर रही है. यह ऐप इस महीने के अंत तक एंड्रॉयड और एप्पल के उपभोक्ताओं के लिये उपलब्ध हो जाएगा. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के एक अधिकारी ने पिछले महीने कहा था कि इस लॉटरी में लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक के इनाम रखे जा सकते हैं.

जीएसटी परिषद इस योजना पर 14 मार्च की बैठक में अपना मत दे सकती है. इस लॉटरी का पैसा मुनाफाखोरी के मामलों में जुर्माने से आएगा. जीएसटी कानून में मुनाफाखोरी के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है. इसमें दंड का पैसा उपभोक्ता कल्याण कोष में रखा जाता है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: सरकार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में हेराफेरी रोकने के उपायों के तहत जीएसटी व्यवस्था के तहत एक अप्रैल से एक ऐसी लॉटरी शुरुआत करने की योजना बना रही है जिसमें हर महीने दुकानदार और खरीदार के बीच सौदे के हर बिल को लकी-ड्रा में शामिल किया जाएगा.

एक अधिकारी ने पीटीआई भाषा को बताया कि इस लॉटरी में उपभोक्ताओं को एक करोड़ रुपये तक का ईनाम मिल सकता है. अधिकारी ने कहा कि यह लॉटरी योजना ग्राहकों को दुकानों से हर खरीद का बिल/रसीद मांगने को प्रात्साहित करने के लिए सोची गयी है. इससे जीएसटी की चोरी रोकने में मदद मिलेगी.

ये भी पढ़ें- डेटा विश्वसनीयता संकट: सरकार ने जीडीपी ग्रोथ संशोधन का किया बचाव

अधिकारी ने कहा कि इस लॉटरी में भाग लेने के लिये इस तरह की कोई सीमा नहीं होगी कि रसीद न्यूनतम या अधिकतम किसी तय राशि की हो. लॉटरी में एक प्रथम विजेता चुना जाएगा जिस पर बड़ा इनाम होगा. राज्यों के स्तर पर दूसरे और तीसरे विजेता भी चुने जाएंगे. इसमें भाग लेने के लिये उपभोक्ताओं को किसी भी खरीद की रसीद स्कैन करके अपलोड करना होगा.

जीएसटी नेटवर्क इसके लिये एक मोबाइल ऐप विकसित कर रही है. यह ऐप इस महीने के अंत तक एंड्रॉयड और एप्पल के उपभोक्ताओं के लिये उपलब्ध हो जाएगा. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के एक अधिकारी ने पिछले महीने कहा था कि इस लॉटरी में लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक के इनाम रखे जा सकते हैं.

जीएसटी परिषद इस योजना पर 14 मार्च की बैठक में अपना मत दे सकती है. इस लॉटरी का पैसा मुनाफाखोरी के मामलों में जुर्माने से आएगा. जीएसटी कानून में मुनाफाखोरी के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है. इसमें दंड का पैसा उपभोक्ता कल्याण कोष में रखा जाता है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Mar 3, 2020, 1:50 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.