नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में एवं नेपाल के उनके समकक्ष के पी शर्मा ओली ने काठमांडू में मंगलवार को वीडियो लिंक के माध्यम से मोतिहारी- अमलेखगंज पेट्रोलियम पाइपलाइन का उद्घाटन किया.
मोदी ने इस दौरान नेपाल की प्राथमिकता के अनुरूप उसके विकास कार्यो में पूरा सहयोग करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहरायी.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नेपाल के साथ मोतीहारी-अमलेखगंज पाइप लाइन का वीडियो लिंक के जरिये उद्घाटन करते हुये उन्हें बहुत खुशी हो रही है. मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि मई 2019 में भारत की उनकी (नेपाल के प्रधानमंत्री की) यात्रा के दौरान, दोनों देश परियोजनाओं का जल्द पूरा करने पर सहमत हुए थे.
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मोदी ने कहा, "मुझे खुशी है कि हमारी संयुक्त कोशिशों से दोनों देशों की परियोजनाओं में प्रगति हो रही है और आज हम मोतीहारी-अमलेखगंज पाइप लाइन के संयुक्त उद्घाटन में भाग ले रहे हैं."
मोदी ने इस अवसर पर जोर देते हुये कहा कि पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच उच्च स्तर पर अभूतपूर्व नज़दीकी आई है और नियमित सम्पर्क बढ़ा है. पिछले डेढ़ साल में नेपाल के प्रधानमंत्री ओली के साथ उनकी चार बार मुलाकात हो चुकी है.
उन्होंने कहा, "पिछले पांच वर्ष में, हमने महत्वपूर्ण द्विपक्षीय परियोजनाओं को पूरा किया है और कई अन्य पहलों के परिणाम भी सामने आये हैं. पिछले साल में हमने संयुक्त रूप से पशुपतिनाथ धर्मशाला और आईसीपी वीरगंज का उद्घाटन किया."
मोदी ने कहा कि, यह बहुत संतोष का विषय है कि दक्षिण एशिया की यह पहली सीमा पार पेट्रोलियम पाइपलाइन रिकॉर्ड समय में पूरी हुई है. जितनी अपेक्षा थी, उससे आधे समय में यह बन कर तैयार हुई है. इसका श्रेय आपके नेतृत्व को, नेपाल सरकार के सहयोग और हमारे संयुक्त प्रयासों को जाता है.
समय से पहले पूरा हुआ काम
पीएम ने यह भी कहा कि दक्षिण एशिया की यह पहली क्रॉस -बार्डर पेट्रोलियम पाइपलाइन रिकार्ड समय से पूरी हुई है. जितना समय अनुमानित था उससे पहले ही इस लक्ष्य को पूरा कर लिया गया है. यह प्रसास नेपारल सरकार और भारत की संयुक्त कोशिशों से ही संभव हुआ है.
साल 1996 में आया था प्रस्ताव
बता दें कि मोतिहारी-अमलेखगंज परियोजना का प्रस्ताव साल 1996 में दिया गया था. हालांकि, साल 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी की नेपाल यात्रा के बाद इस प्रोजेक्ट को अंतिम मंजूरी दी गयी थी. इस प्रोजेक्ट में देरी का कारण परसा नेशनल पार्क में पेड़ों को काटने की अनुमति न मिलना था. इस पाइपलाइन के निर्माण में भारत ने 3.5 अरब डॉलर का निवेश किया था. नेपाली पीएम की बीते वर्ष भारत यात्रा के दौरान दोनों नेताओं ने इस प्रोजेक्ट की नींव हैदराबाद हाउस में रखी थी.