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दृष्टिबाधित लोगों को नोटों की पहचान में मदद के लिए एप बना रहा है रिजर्व बैंक

रिजर्व बैंक का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम मेहता ने मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटिल और न्यायमूर्ति एन.एम.जामदार की पीठ को बताया कि केंद्रीय बैंक ने ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित करने के लिये पिछले महीने चार सदस्यीय समिति गठित की है.

दृष्टिबाधित लोगों को नोटों की पहचान में मदद के लिए एप बना रहा है रिजर्व बैंक
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Published : Mar 23, 2019, 12:00 AM IST

मुंबई: रिजर्व बैंक विभिन्न नोटों की पहचान करने में दृष्टिबाधित लोगों की मदद करने के लिये एक मोबाइल एप विकसित कर रहा है. रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय को इसकी जानकारी दी.

रिजर्व बैंक का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम मेहता ने मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटिल और न्यायमूर्ति एन.एम.जामदार की पीठ को बताया कि केंद्रीय बैंक ने ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित करने के लिये पिछले महीने चार सदस्यीय समिति गठित की है.

ये भी पढ़ें-कर्नाटक सरकार ने ओला कैब का लाइसेंस 6 महीने के लिए रद्द किया, खतरे में हजारों नौकरियां

पीठ नेशनल एसोसिएशन ऑफ द ब्लाइंड की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिका में कहा गया है कि नए नोट और सिक्कों को छूकर पहचान पाना बेहद मुश्किल है. याचिका में मांग की गयी है कि नये नोट और सिक्कों में विशिष्ट फीचर दिये जाएं.

रिजर्व बैंक ने न्यायालय को कहा कि देश में 100 रुपये और इससे अधिक के ही नये नोट प्रचलन में हैं और इनमें दृष्टिबाधित लोगों की सुविधा के लिये पहले से ही चिह्न मौजूद हैं. रिजर्व बैंक ने माना कि ये चिह्न समय के साथ मिटते चले जाते हैं. इसी कारण एप विकसित करने पर काम किया जा रहा है जो नि:शुल्क उपलब्ध होगा और दृष्टिबाधित लोगों की मदद करेगा.

(भाषा)

मुंबई: रिजर्व बैंक विभिन्न नोटों की पहचान करने में दृष्टिबाधित लोगों की मदद करने के लिये एक मोबाइल एप विकसित कर रहा है. रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय को इसकी जानकारी दी.

रिजर्व बैंक का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम मेहता ने मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटिल और न्यायमूर्ति एन.एम.जामदार की पीठ को बताया कि केंद्रीय बैंक ने ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित करने के लिये पिछले महीने चार सदस्यीय समिति गठित की है.

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पीठ नेशनल एसोसिएशन ऑफ द ब्लाइंड की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिका में कहा गया है कि नए नोट और सिक्कों को छूकर पहचान पाना बेहद मुश्किल है. याचिका में मांग की गयी है कि नये नोट और सिक्कों में विशिष्ट फीचर दिये जाएं.

रिजर्व बैंक ने न्यायालय को कहा कि देश में 100 रुपये और इससे अधिक के ही नये नोट प्रचलन में हैं और इनमें दृष्टिबाधित लोगों की सुविधा के लिये पहले से ही चिह्न मौजूद हैं. रिजर्व बैंक ने माना कि ये चिह्न समय के साथ मिटते चले जाते हैं. इसी कारण एप विकसित करने पर काम किया जा रहा है जो नि:शुल्क उपलब्ध होगा और दृष्टिबाधित लोगों की मदद करेगा.

(भाषा)

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दृष्टिबाधित लोगों को नोटों की पहचान में मदद के लिए एप बना रहा है रिजर्व बैंक

मुंबई: रिजर्व बैंक विभिन्न नोटों की पहचान करने में दृष्टिबाधित लोगों की मदद करने के लिये एक मोबाइल एप विकसित कर रहा है. रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय को इसकी जानकारी दी. 

रिजर्व बैंक का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम मेहता ने मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटिल और न्यायमूर्ति एन.एम.जामदार की पीठ को बताया कि केंद्रीय बैंक ने ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित करने के लिये पिछले महीने चार सदस्यीय समिति गठित की है. 

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रिजर्व बैंक ने न्यायालय को कहा कि देश में 100 रुपये और इससे अधिक के ही नये नोट प्रचलन में हैं और इनमें दृष्टिबाधित लोगों की सुविधा के लिये पहले से ही चिह्न मौजूद हैं. रिजर्व बैंक ने माना कि ये चिह्न समय के साथ मिटते चले जाते हैं. इसी कारण एप विकसित करने पर काम किया जा रहा है जो नि:शुल्क उपलब्ध होगा और दृष्टिबाधित लोगों की मदद करेगा.

(भाषा) 


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