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निजी विमान कंपनी से भेदभाव कर रही भारत सरकार : माल्या

करीब 9,000 करोड़ रुपये की वित्तीय धोखाखड़ी एवं धनशोधन के आरोपों का सामना कर रहे कारोबारी ने दावा किया कि भारत सरकार निजी विमानन कंपनियों के साथ भेदभाव कर रही है.

विजय माल्या (फाइल फोटो)।
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Published : Apr 17, 2019, 5:38 PM IST

लंदन : संकट में घिरे दिग्गज शराब कारोबारी विजय माल्या ने बुधवार को जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के साथ एकजुटता प्रकट की. इसके साथ ही उन्होंने भारतीय बैंकों से लिए गए ऋण को लौटाने की अपनी पेशकश भी दोहरायी.

करीब 9,000 करोड़ रुपये की वित्तीय धोखाखड़ी एवं धनशोधन के आरोपों का सामना कर रहे कारोबारी ने दावा किया कि भारत सरकार निजी विमानन कंपनियों के साथ भेदभाव कर रही है.

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया को सहायता राशि दी, जबकि किंगफिशर एयरलाइन एवं अब जेट एयरवेज को संकट से उबारने में सरकार ने मदद नहीं की.

माल्या ने ट्वीट किया, "हालांकि एक समय में जेट, किंगफिशर की बड़ी प्रतिद्वंद्वी हुआ करती थी लेकिन इस समय एक बड़ी एयरलाइन को विफलता के कगार पर पहुंचता देख मुझे दुख हो रहा है. सरकार ने एयर इंडिया को संकट से उबारने के लिए 35,000 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी. पीएसयू होना भेदभाव का आधार नहीं हो सकता."

उन्होंने कहा, "मैंने किंगफिशर में काफी अधिक निवेश किया. वह एयरलाइन तेजी से बढ़ी और भारत की सबसे बड़ी और सबसे अधिक पुरस्कृत एयरलाइन बन गयी. ये सच है कि किंगफिशर ने सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों से भी कर्ज लिया. मैंने 100 प्रतिशत कर्ज लौटाने की पेशकश की, इसके बावजूद मुझ पर आपराधिक आरोप लगाये जा रहे हैं."

किंगफिशर एयरलाइन के पूर्व प्रमुख ने मीडिया पर भी हमला बोलते हुए दावा किया कि वह जब भी सरकारी बैंकों को पैसा लौटाने की बात करते हैं, तो मीडिया में ऐसी खबरें चलने लगती हैं कि वह ब्रिटेन से भारत में प्रत्यर्पित किये जाने से 'डर' गए हैं.

उन्होंने सवाल किया, "मैं लंदन में रहूं या भारत की किसी जेल में, मैं रुपये लौटाने को तैयार हूं. बैंक मेरी पेशकश के बावजूद रुपये क्यों नहीं ले रहे हैं."
ये भी पढ़ें : जेट ने 400 करोड़ रुपये मांगे, बेड़े में अब मात्र 5 विमान

लंदन : संकट में घिरे दिग्गज शराब कारोबारी विजय माल्या ने बुधवार को जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के साथ एकजुटता प्रकट की. इसके साथ ही उन्होंने भारतीय बैंकों से लिए गए ऋण को लौटाने की अपनी पेशकश भी दोहरायी.

करीब 9,000 करोड़ रुपये की वित्तीय धोखाखड़ी एवं धनशोधन के आरोपों का सामना कर रहे कारोबारी ने दावा किया कि भारत सरकार निजी विमानन कंपनियों के साथ भेदभाव कर रही है.

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया को सहायता राशि दी, जबकि किंगफिशर एयरलाइन एवं अब जेट एयरवेज को संकट से उबारने में सरकार ने मदद नहीं की.

माल्या ने ट्वीट किया, "हालांकि एक समय में जेट, किंगफिशर की बड़ी प्रतिद्वंद्वी हुआ करती थी लेकिन इस समय एक बड़ी एयरलाइन को विफलता के कगार पर पहुंचता देख मुझे दुख हो रहा है. सरकार ने एयर इंडिया को संकट से उबारने के लिए 35,000 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी. पीएसयू होना भेदभाव का आधार नहीं हो सकता."

उन्होंने कहा, "मैंने किंगफिशर में काफी अधिक निवेश किया. वह एयरलाइन तेजी से बढ़ी और भारत की सबसे बड़ी और सबसे अधिक पुरस्कृत एयरलाइन बन गयी. ये सच है कि किंगफिशर ने सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों से भी कर्ज लिया. मैंने 100 प्रतिशत कर्ज लौटाने की पेशकश की, इसके बावजूद मुझ पर आपराधिक आरोप लगाये जा रहे हैं."

किंगफिशर एयरलाइन के पूर्व प्रमुख ने मीडिया पर भी हमला बोलते हुए दावा किया कि वह जब भी सरकारी बैंकों को पैसा लौटाने की बात करते हैं, तो मीडिया में ऐसी खबरें चलने लगती हैं कि वह ब्रिटेन से भारत में प्रत्यर्पित किये जाने से 'डर' गए हैं.

उन्होंने सवाल किया, "मैं लंदन में रहूं या भारत की किसी जेल में, मैं रुपये लौटाने को तैयार हूं. बैंक मेरी पेशकश के बावजूद रुपये क्यों नहीं ले रहे हैं."
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लंदन : संकट में घिरे दिग्गज शराब कारोबारी विजय माल्या ने बुधवार को जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के साथ एकजुटता प्रकट की. इसके साथ ही उन्होंने भारतीय बैंकों से लिए गए ऋण को लौटाने की अपनी पेशकश भी दोहरायी.

करीब 9,000 करोड़ रुपये की वित्तीय धोखाखड़ी एवं धनशोधन के आरोपों का सामना कर रहे कारोबारी ने दावा किया कि भारत सरकार निजी विमानन कंपनियों के साथ भेदभाव कर रही है.

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया को सहायता राशि दी, जबकि किंगफिशर एयरलाइन एवं अब जेट एयरवेज को संकट से उबारने में सरकार ने मदद नहीं की.

माल्या ने ट्वीट किया, "हालांकि एक समय में जेट, किंगफिशर की बड़ी प्रतिद्वंद्वी हुआ करती थी लेकिन इस समय एक बड़ी एयरलाइन को विफलता के कगार पर पहुंचता देख मुझे दुख हो रहा है. सरकार ने एयर इंडिया को संकट से उबारने के लिए 35,000 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी. पीएसयू होना भेदभाव का आधार नहीं हो सकता."

उन्होंने कहा, "मैंने किंगफिशर में काफी अधिक निवेश किया. वह एयरलाइन तेजी से बढ़ी और भारत की सबसे बड़ी और सबसे अधिक पुरस्कृत एयरलाइन बन गयी. ये सच है कि किंगफिशर ने सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों से भी कर्ज लिया. मैंने 100 प्रतिशत कर्ज लौटाने की पेशकश की, इसके बावजूद मुझ पर आपराधिक आरोप लगाये जा रहे हैं."

किंगफिशर एयरलाइन के पूर्व प्रमुख ने मीडिया पर भी हमला बोलते हुए दावा किया कि वह जब भी सरकारी बैंकों को पैसा लौटाने की बात करते हैं, तो मीडिया में ऐसी खबरें चलने लगती हैं कि वह ब्रिटेन से भारत में प्रत्यर्पित किये जाने से 'डर' गए हैं.

उन्होंने सवाल किया, "मैं लंदन में रहूं या भारत की किसी जेल में, मैं रुपये लौटाने को तैयार हूं. बैंक मेरी पेशकश के बावजूद रुपये क्यों नहीं ले रहे हैं."

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