नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह ऋण शोधन समाधान प्रक्रिया के तहत एक कंपनी की संपत्तियों की कुर्की के मामले में कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय तथा प्रवर्तन निदेशालय के बीच मतभेदों को दूर करने का प्रयास कर रही है.
भूषण पावर एंड स्टील लि. (बीपीएसएल) की संपत्ति के कुर्की के मामले में मंत्रालय और प्रवर्तन निदेशालय के बीच विवाद है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का मानना है कि मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत बीपीएसएल की संपत्ति कुर्क की की जा सकती है.
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वहीं कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय का कहना है कि ईडी ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि कंपनी ऋण शोधन कार्यवाही के अंतर्गत है. मामले पर फिलहाल राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) सुनवाई कर रहा है.
सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से कहा, "इस मामले में मेरी कुछ चर्चा हुई थी. मैं इस तथ्य को पूरी तरह सचेत हूं कि ईडी अपना कर्तव्य का निर्वहन करता है और जब पीएमएलए के तहत आने वाले व्यक्ति की संपत्ति की कुर्की का सवाल आता है, कुछ कंपनियों की संपत्ति कुर्क की जा रही हैं."
उन्होंने कहा, "मेरी राजस्व सचिव और कॉरपोरेट मामलों के सचिव के साथ बैठक हुई थी. हम इस पर गौर कर रहे हैं. हम मानते हैं कि यह एक मुद्दा है."
एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण) में मामलों में देरी के बारे में पूछे जाने पर वित्त मंत्री ने कहा कि मंत्रालय अधिक कार्यबल और अन्य मामलों में पूरा समर्थन कर रहा है. उन्होंने कहा, "वास्तविक समस्या यह है कि दोनों एजेंसियों (एनसीएलटी और एनसीएलएटी) पर बढ़ते मामलों के निपटान का दबाव बढ़ता जा रहा है."
प्रवर्तन निदेशालय, कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के बीच मतभेदों को दूर करने का प्रयास जारी: सीतारमण - Making efforts to resolve differences between ED
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह ऋण शोधन समाधान प्रक्रिया के तहत एक कंपनी की संपत्तियों की कुर्की के मामले में कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय तथा प्रवर्तन निदेशालय के बीच मतभेदों को दूर करने का प्रयास कर रही है.
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह ऋण शोधन समाधान प्रक्रिया के तहत एक कंपनी की संपत्तियों की कुर्की के मामले में कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय तथा प्रवर्तन निदेशालय के बीच मतभेदों को दूर करने का प्रयास कर रही है.
भूषण पावर एंड स्टील लि. (बीपीएसएल) की संपत्ति के कुर्की के मामले में मंत्रालय और प्रवर्तन निदेशालय के बीच विवाद है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का मानना है कि मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत बीपीएसएल की संपत्ति कुर्क की की जा सकती है.
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वहीं कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय का कहना है कि ईडी ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि कंपनी ऋण शोधन कार्यवाही के अंतर्गत है. मामले पर फिलहाल राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) सुनवाई कर रहा है.
सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से कहा, "इस मामले में मेरी कुछ चर्चा हुई थी. मैं इस तथ्य को पूरी तरह सचेत हूं कि ईडी अपना कर्तव्य का निर्वहन करता है और जब पीएमएलए के तहत आने वाले व्यक्ति की संपत्ति की कुर्की का सवाल आता है, कुछ कंपनियों की संपत्ति कुर्क की जा रही हैं."
उन्होंने कहा, "मेरी राजस्व सचिव और कॉरपोरेट मामलों के सचिव के साथ बैठक हुई थी. हम इस पर गौर कर रहे हैं. हम मानते हैं कि यह एक मुद्दा है."
एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण) में मामलों में देरी के बारे में पूछे जाने पर वित्त मंत्री ने कहा कि मंत्रालय अधिक कार्यबल और अन्य मामलों में पूरा समर्थन कर रहा है. उन्होंने कहा, "वास्तविक समस्या यह है कि दोनों एजेंसियों (एनसीएलटी और एनसीएलएटी) पर बढ़ते मामलों के निपटान का दबाव बढ़ता जा रहा है."
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह ऋण शोधन समाधान प्रक्रिया के तहत एक कंपनी की संपत्तियों की कुर्की के मामले में कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय तथा प्रवर्तन निदेशालय के बीच मतभेदों को दूर करने का प्रयास कर रही है.
भूषण पावर एंड स्टील लि. (बीपीएसएल) की संपत्ति के कुर्की के मामले में मंत्रालय और प्रवर्तन निदेशालय के बीच विवाद है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का मानना है कि मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत बीपीएसएल की संपत्ति कुर्क की की जा सकती है.
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वहीं कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय का कहना है कि ईडी ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि कंपनी ऋण शोधन कार्यवाही के अंतर्गत है. मामले पर फिलहाल राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) सुनवाई कर रहा है.
सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से कहा, "इस मामले में मेरी कुछ चर्चा हुई थी. मैं इस तथ्य को पूरी तरह सचेत हूं कि ईडी अपना कर्तव्य का निर्वहन करता है और जब पीएमएलए के तहत आने वाले व्यक्ति की संपत्ति की कुर्की का सवाल आता है, कुछ कंपनियों की संपत्ति कुर्क की जा रही हैं."
उन्होंने कहा, "मेरी राजस्व सचिव और कॉरपोरेट मामलों के सचिव के साथ बैठक हुई थी. हम इस पर गौर कर रहे हैं. हम मानते हैं कि यह एक मुद्दा है."
एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण) में मामलों में देरी के बारे में पूछे जाने पर वित्त मंत्री ने कहा कि मंत्रालय अधिक कार्यबल और अन्य मामलों में पूरा समर्थन कर रहा है. उन्होंने कहा, "वास्तविक समस्या यह है कि दोनों एजेंसियों (एनसीएलटी और एनसीएलएटी) पर बढ़ते मामलों के निपटान का दबाव बढ़ता जा रहा है."
Conclusion: