मुंबई: निजी क्षेत्र की कंपनियों ने इसरो के चंद्रयान-2 मिशन की सफलता में अहम भूमिका निभाई है. लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) और गोदरेज समूह ने इस मिशन में प्रयुक्त हार्डवेयर और परीक्षण समाधान में योगदान किया.
चंद्रयान -2 मिशन को बाहुबली के रूप में वर्णित किया गया है. इसकी लागत 978 करोड़ रुपये है. 22 जुलाई 2019 को दोपहर दो बजकर 43 मिनट पर रवाना हुआ. प्रक्षेपण के 16 मिनट बाद 3,850 किलोग्राम वजनी चंद्रयान-2 को पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित हो गया है.
ये भी पढ़ें- भारत में आरएंडडी पर खर्च पिछले एक दशक में जीडीपी का 0.7 फीसदी रहा
एलएंडटी और गोदरेज जैसी बड़ी कंपनियों के अलावा अनंत टेक्नोलॉजीस, एमटीएआर टेक्नोलॉजीस, आईनॉक्स टेक्नोलॉजीस, लक्ष्मी मशीन वर्क्स, सेंटम अवसरला और कर्नाटक हाइब्रिड माइक्रोडिवाइसेस ने भी मिशन की सफलता में योगदान दिया.
गोदरेज एयरोस्पेस के कार्यकारी उपाध्यक्ष और बिजनेस हेड एस एम वैद्य ने बयान में कहा, "मिशन में गोदरेज ने महत्वपूर्ण उपकरणों में योगदान दिया. इनमें जीएसएलवी एमके तीन के लिए एल 110 इंजन और सीई 20 इंजन , ऑर्बिटर और लैंडर के लिए थ्रस्टर्स और डीएसएन एंटीना के हिस्से पुर्जे शामिल हैं."
एलएंडटी डिफेंस और एलएंडटी-नेक्स के वरिष्ठ कार्यकारी उपाध्यक्ष और पूर्णकालिक निदेशक जेडी पाटिल ने कहा कि हमने इसरो के दूसरे ऐतिहासिक मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. हमने इसमें जरूरी उड़ान हार्डवेयर, उप - प्रणाली और एसेंबली की आपूर्ति की.
चंद्रयान-2 मिशन में एलएंडटी और गोदरेज जैसी बड़ी कंपनियों ने निभाई अहम भूमिका - L & T
चंद्रयान -2 मिशन को बाहुबली के रूप में वर्णित किया गया है. इसकी लागत 978 करोड़ रुपये है. 22 जुलाई 2019 को दोपहर दो बजकर 43 मिनट पर रवाना हुआ. प्रक्षेपण के 16 मिनट बाद 3,850 किलोग्राम वजनी चंद्रयान-2 को पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित हो गया है.
मुंबई: निजी क्षेत्र की कंपनियों ने इसरो के चंद्रयान-2 मिशन की सफलता में अहम भूमिका निभाई है. लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) और गोदरेज समूह ने इस मिशन में प्रयुक्त हार्डवेयर और परीक्षण समाधान में योगदान किया.
चंद्रयान -2 मिशन को बाहुबली के रूप में वर्णित किया गया है. इसकी लागत 978 करोड़ रुपये है. 22 जुलाई 2019 को दोपहर दो बजकर 43 मिनट पर रवाना हुआ. प्रक्षेपण के 16 मिनट बाद 3,850 किलोग्राम वजनी चंद्रयान-2 को पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित हो गया है.
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एलएंडटी और गोदरेज जैसी बड़ी कंपनियों के अलावा अनंत टेक्नोलॉजीस, एमटीएआर टेक्नोलॉजीस, आईनॉक्स टेक्नोलॉजीस, लक्ष्मी मशीन वर्क्स, सेंटम अवसरला और कर्नाटक हाइब्रिड माइक्रोडिवाइसेस ने भी मिशन की सफलता में योगदान दिया.
गोदरेज एयरोस्पेस के कार्यकारी उपाध्यक्ष और बिजनेस हेड एस एम वैद्य ने बयान में कहा, "मिशन में गोदरेज ने महत्वपूर्ण उपकरणों में योगदान दिया. इनमें जीएसएलवी एमके तीन के लिए एल 110 इंजन और सीई 20 इंजन , ऑर्बिटर और लैंडर के लिए थ्रस्टर्स और डीएसएन एंटीना के हिस्से पुर्जे शामिल हैं."
एलएंडटी डिफेंस और एलएंडटी-नेक्स के वरिष्ठ कार्यकारी उपाध्यक्ष और पूर्णकालिक निदेशक जेडी पाटिल ने कहा कि हमने इसरो के दूसरे ऐतिहासिक मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. हमने इसमें जरूरी उड़ान हार्डवेयर, उप - प्रणाली और एसेंबली की आपूर्ति की.
चंद्रयान-2 मिशन में एलएंडटी और गोदरेज जैसी बड़ी कंपनियों ने निभाई अहम भूमिका
मुंबई: निजी क्षेत्र की कंपनियों ने इसरो के चंद्रयान-2 मिशन की सफलता में अहम भूमिका निभाई है. लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) और गोदरेज समूह ने इस मिशन में प्रयुक्त हार्डवेयर और परीक्षण समाधान में योगदान किया.
चंद्रयान -2 मिशन को बाहुबली के रूप में वर्णित किया गया है. इसकी लागत 978 करोड़ रुपये है. 22 जुलाई 2019 को दोपहर दो बजकर 43 मिनट पर रवाना हुआ. प्रक्षेपण के 16 मिनट बाद 3,850 किलोग्राम वजनी चंद्रयान-2 को पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित हो गया है.
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एलएंडटी और गोदरेज जैसी बड़ी कंपनियों के अलावा अनंत टेक्नोलॉजीस, एमटीएआर टेक्नोलॉजीस, आईनॉक्स टेक्नोलॉजीस, लक्ष्मी मशीन वर्क्स, सेंटम अवसरला और कर्नाटक हाइब्रिड माइक्रोडिवाइसेस ने भी मिशन की सफलता में योगदान दिया.
गोदरेज एयरोस्पेस के कार्यकारी उपाध्यक्ष और बिजनेस हेड एस एम वैद्य ने बयान में कहा, "मिशन में गोदरेज ने महत्वपूर्ण उपकरणों में योगदान दिया. इनमें जीएसएलवी एमके तीन के लिए एल 110 इंजन और सीई 20 इंजन , ऑर्बिटर और लैंडर के लिए थ्रस्टर्स और डीएसएन एंटीना के हिस्से पुर्जे शामिल हैं."
एलएंडटी डिफेंस और एलएंडटी-नेक्स के वरिष्ठ कार्यकारी उपाध्यक्ष और पूर्णकालिक निदेशक जेडी पाटिल ने कहा कि हमने इसरो के दूसरे ऐतिहासिक मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. हमने इसमें जरूरी उड़ान हार्डवेयर, उप - प्रणाली और एसेंबली की आपूर्ति की.
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