लंदन: भारतीय निवेशकों के लिये ब्रिटेन की राजधानी लंदन सबसे पसंदीदा निवेश स्थल बनकर उभरा है. पिछले साल लंदन में भारतीय कंपनियों का निवेश सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है. एक नये विश्लेषण में यह जानकारी सामने आयी है.
लंदन के मेयर की प्रचार एजेंसी लंदन एंड पार्टनर्स ने शुक्रवार को यहां जारी नये विश्लेषण में कहा कि 2018 में भारतीय प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने के मामले में ब्रिटेन शीर्ष पर है.
ब्रिटेन को सर्वाधिक 52 भारतीय एफडीआई मिले हैं. इसके बाद 51 परियोजनाओं के साथ अमेरिका और 32 परियोजनाओं के साथ संयुक्त अरब अमीरात का स्थान है. विश्लेषण में कहा गया कि लंदन में निवेश के लिये भारतीय कंपनियों ने 2018 में 32 परियोजनाओं की पेशकश की है जिससे शहर में भारतीय निवेश सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है.
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विश्लेषण के अनुसार, "लंदन में भारतीय एफडीआई 2017 की तुलना में 2018 में 255 प्रतिशत बढ़ा है. ब्रिटेन में भारतीय निवेश 2017 की तुलना में 2018 में 100 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है. वर्ष 2018 में ब्रिटेन में आये कुल भारतीय निवेश में लंदन की 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रही है."
लंदन एंड पार्टनर्स की मुख्य कार्यकारी अधिकारी लॉरा सिट्रन ने कहा, "हम इस बात से उत्साहित हैं कि रिकार्ड संख्या में भारतीय कंपनियों ने लंदन को अपने अंतरराष्ट्रीय विस्तार के केंद्र के रूप में चुना है. हम अपने शहर में और भी महत्वाकांक्षी कंपनियों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं."
भारतीयों निवेशकों का पसंदीदा शहर बनकर उभरा लंदन
लंदन के मेयर की प्रचार एजेंसी लंदन एंड पार्टनर्स ने शुक्रवार को यहां जारी नये विश्लेषण में कहा कि 2018 में भारतीय प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने के मामले में ब्रिटेन शीर्ष पर है.
लंदन: भारतीय निवेशकों के लिये ब्रिटेन की राजधानी लंदन सबसे पसंदीदा निवेश स्थल बनकर उभरा है. पिछले साल लंदन में भारतीय कंपनियों का निवेश सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है. एक नये विश्लेषण में यह जानकारी सामने आयी है.
लंदन के मेयर की प्रचार एजेंसी लंदन एंड पार्टनर्स ने शुक्रवार को यहां जारी नये विश्लेषण में कहा कि 2018 में भारतीय प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने के मामले में ब्रिटेन शीर्ष पर है.
ब्रिटेन को सर्वाधिक 52 भारतीय एफडीआई मिले हैं. इसके बाद 51 परियोजनाओं के साथ अमेरिका और 32 परियोजनाओं के साथ संयुक्त अरब अमीरात का स्थान है. विश्लेषण में कहा गया कि लंदन में निवेश के लिये भारतीय कंपनियों ने 2018 में 32 परियोजनाओं की पेशकश की है जिससे शहर में भारतीय निवेश सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है.
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विश्लेषण के अनुसार, "लंदन में भारतीय एफडीआई 2017 की तुलना में 2018 में 255 प्रतिशत बढ़ा है. ब्रिटेन में भारतीय निवेश 2017 की तुलना में 2018 में 100 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है. वर्ष 2018 में ब्रिटेन में आये कुल भारतीय निवेश में लंदन की 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रही है."
लंदन एंड पार्टनर्स की मुख्य कार्यकारी अधिकारी लॉरा सिट्रन ने कहा, "हम इस बात से उत्साहित हैं कि रिकार्ड संख्या में भारतीय कंपनियों ने लंदन को अपने अंतरराष्ट्रीय विस्तार के केंद्र के रूप में चुना है. हम अपने शहर में और भी महत्वाकांक्षी कंपनियों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं."
भारतीयों निवेशकों का पसंदीदा शहर बनकर उभरा लंदन
लंदन: भारतीय निवेशकों के लिये ब्रिटेन की राजधानी लंदन सबसे पसंदीदा निवेश स्थल बनकर उभरा है. पिछले साल लंदन में भारतीय कंपनियों का निवेश सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है. एक नये विश्लेषण में यह जानकारी सामने आयी है.
लंदन के मेयर की प्रचार एजेंसी लंदन एंड पार्टनर्स ने शुक्रवार को यहां जारी नये विश्लेषण में कहा कि 2018 में भारतीय प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने के मामले में ब्रिटेन शीर्ष पर है.
ब्रिटेन को सर्वाधिक 52 भारतीय एफडीआई मिले हैं. इसके बाद 51 परियोजनाओं के साथ अमेरिका और 32 परियोजनाओं के साथ संयुक्त अरब अमीरात का स्थान है. विश्लेषण में कहा गया कि लंदन में निवेश के लिये भारतीय कंपनियों ने 2018 में 32 परियोजनाओं की पेशकश की है जिससे शहर में भारतीय निवेश सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है.
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विश्लेषण के अनुसार, "लंदन में भारतीय एफडीआई 2017 की तुलना में 2018 में 255 प्रतिशत बढ़ा है. ब्रिटेन में भारतीय निवेश 2017 की तुलना में 2018 में 100 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है. वर्ष 2018 में ब्रिटेन में आये कुल भारतीय निवेश में लंदन की 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रही है."
लंदन एंड पार्टनर्स की मुख्य कार्यकारी अधिकारी लॉरा सिट्रन ने कहा, "हम इस बात से उत्साहित हैं कि रिकार्ड संख्या में भारतीय कंपनियों ने लंदन को अपने अंतरराष्ट्रीय विस्तार के केंद्र के रूप में चुना है. हम अपने शहर में और भी महत्वाकांक्षी कंपनियों का स्वागत करने के लिये तैयार हैं."
Conclusion: