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फिक्स्ड लाइन दूरसंचार सेवाओं के नेटवर्क परीक्षण के लिये 180 दिन की होगी समय सीमा: ट्राई

दूरसंचार नियामक ट्राई ने बुधवार को सरकार को दी अपनी सिफारिश में यह बात कही. कुछ सेवा प्रदाताओं की तरफ से रिलायंस जियो द्वारा परीक्षण के दौरान मोबाइल सेवाओं के लिये ग्राहकों को पंजीकृत करने को लेकर चिंता जताये जाने तथा दूरसंचार विभाग से इस पर संदर्भ-संदेश आने के पश्चात भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने अपनी सिफारिश दी.

फिक्स्ड लाइन दूरसंचार सेवाओं के नेटवर्क परीक्षण के लिये 180 दिन की होगी समय सीमा: ट्राई
फिक्स्ड लाइन दूरसंचार सेवाओं के नेटवर्क परीक्षण के लिये 180 दिन की होगी समय सीमा: ट्राई
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Published : Apr 22, 2020, 11:40 PM IST

नई दिल्ली: फिक्स्ड लाइन सेवा शुरू करने की योजना बना रही दूरसंचार कंपनियों को छह महीने से अधिक नेटवर्क परीक्षण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. साथ ही उन्हें उपयोगकर्ताओं से परीक्षण अवधि के दौरान कोई शुल्क नहीं लेना चाहिए.

दूरसंचार नियामक ट्राई ने बुधवार को सरकार को दी अपनी सिफारिश में यह बात कही. कुछ सेवा प्रदाताओं की तरफ से रिलायंस जियो द्वारा परीक्षण के दौरान मोबाइल सेवाओं के लिये ग्राहकों को पंजीकृत करने को लेकर चिंता जताये जाने तथा दूरसंचार विभाग से इस पर संदर्भ-संदेश आने के पश्चात भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने अपनी सिफारिश दी.

ट्राई ने सुझाव दिया है कि उपयोगकर्ताओं को लेकर परीक्षण के लिये 90 दिन की सीमा होनी चाहिए. हालांकि अगर दूरसंचार प्रदाता वाजिब कारणों से नेटवर्क परीक्षण करने में विफल रहता है, वह दूरसंचार विभाग के समक्ष अपनी बातें रखकर परीक्षण के लिये अतिरिक्त समय मांग सकता है. इस बारे में लाइसेंस जारी करने वाला प्राधिकरण ममला-मामला-दर आधार पर निर्णय कर सकता है.

नियामक ने यह साफ किया है कि दूरसंचार सेवा प्रदाता के लिये नेटवर्क परीक्षण को लेकर समयसीमा 180 दिन से अधिक नहीं होनी चाहिए. ट्राई ने यह भी कहा है कि अगर वायरलइन टेलीफोन नेटवर्क कर्मचारियों और कारोबारी भागीदार को केवल परीक्षण मकसद से दिया जाता है तो फिर कोई समयसीमा नहीं होगी.

ये भी पढ़ें: अब आप किस्तों में दे सकते हैं स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम, इरडा ने बीमा कंपनियों को दी अनुमति

नियामक ने यह भी कहा कि दूरसंचार परिचालक को संबंधित सेवा क्षेत्र में परीक्षण के लिये 5 प्रतिशत से अधिक उपयोगकर्ताओं के पंजीकरण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. साथ ही उसे 15 दिन पहले दूरसंचार विभाग और ट्राई को सूचना देनी होगी.

ट्राई ने यह भी कहा है, "परीक्षण के दौरान उपयोगकर्ताओं से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. साथ ही उपकरण भी मुफ्त देना होगा."

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: फिक्स्ड लाइन सेवा शुरू करने की योजना बना रही दूरसंचार कंपनियों को छह महीने से अधिक नेटवर्क परीक्षण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. साथ ही उन्हें उपयोगकर्ताओं से परीक्षण अवधि के दौरान कोई शुल्क नहीं लेना चाहिए.

दूरसंचार नियामक ट्राई ने बुधवार को सरकार को दी अपनी सिफारिश में यह बात कही. कुछ सेवा प्रदाताओं की तरफ से रिलायंस जियो द्वारा परीक्षण के दौरान मोबाइल सेवाओं के लिये ग्राहकों को पंजीकृत करने को लेकर चिंता जताये जाने तथा दूरसंचार विभाग से इस पर संदर्भ-संदेश आने के पश्चात भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने अपनी सिफारिश दी.

ट्राई ने सुझाव दिया है कि उपयोगकर्ताओं को लेकर परीक्षण के लिये 90 दिन की सीमा होनी चाहिए. हालांकि अगर दूरसंचार प्रदाता वाजिब कारणों से नेटवर्क परीक्षण करने में विफल रहता है, वह दूरसंचार विभाग के समक्ष अपनी बातें रखकर परीक्षण के लिये अतिरिक्त समय मांग सकता है. इस बारे में लाइसेंस जारी करने वाला प्राधिकरण ममला-मामला-दर आधार पर निर्णय कर सकता है.

नियामक ने यह साफ किया है कि दूरसंचार सेवा प्रदाता के लिये नेटवर्क परीक्षण को लेकर समयसीमा 180 दिन से अधिक नहीं होनी चाहिए. ट्राई ने यह भी कहा है कि अगर वायरलइन टेलीफोन नेटवर्क कर्मचारियों और कारोबारी भागीदार को केवल परीक्षण मकसद से दिया जाता है तो फिर कोई समयसीमा नहीं होगी.

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नियामक ने यह भी कहा कि दूरसंचार परिचालक को संबंधित सेवा क्षेत्र में परीक्षण के लिये 5 प्रतिशत से अधिक उपयोगकर्ताओं के पंजीकरण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. साथ ही उसे 15 दिन पहले दूरसंचार विभाग और ट्राई को सूचना देनी होगी.

ट्राई ने यह भी कहा है, "परीक्षण के दौरान उपयोगकर्ताओं से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. साथ ही उपकरण भी मुफ्त देना होगा."

(पीटीआई-भाषा)

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