मुंबई: कोविड-19 महामारी के कारण यात्रा और पर्यटन क्षेत्र का गंभीर रूप से प्रभावित होना जारी रहने के बीच एक सर्वेक्षण से पता चला है कि सिर्फ 36 प्रतिशत उत्तरदाता परिवार के साथ छुट्टियों पर जाने को इच्छुक हैं जबकि लगभग 43 प्रतिशत ने इस साल बाहर घूमने जाने का कोई कार्यक्रम नहीं बनाया है.
बीओटीटी ट्रैवल सेंटीमेंट ट्रैकर के एक सर्वेक्षण के अनुसार, "इस साल केवल 36 प्रतिशत लोग ही पारिवारिक अवकाश पर जाना पसंद करेंगे, जबकि 43 प्रतिशत लोगों की कोविड -19 महामारी के डर से इस वर्ष छुट्टी मनाने की कोई योजना नहीं है."
हाल ही में, बीओटीटी (बिजनेस ऑफ ट्रैवल ट्रेड) ने देश के यात्रा के बारे में धारणा का पता लगाने और उनका विश्लेषण करने के लिए अपना बीओटीटी ट्रैवल सेंटीमेंट ट्रैकर लॉन्च किया.
एक जुलाई से 28 जुलाई के बीच बीओटीटी प्लेटफॉर्म पर 21 वर्ष से अधिक आयु वाले 5,000 से अधिक यात्रियों के साथ ऑनलाइन सर्वेक्षण किया गया था.
सर्वेक्षण में पता चला है कि 44 प्रतिशत लोग नए साल के दौरान छुट्टियां बिताना पसंद करेंगे, इसके बाद 33 प्रतिशत लोग नवंबर-दिसंबर के दौरान छुट्टी बिताना चाहते हैं.
सर्वेक्षण से पता चला कि लगभग 39 प्रतिशत लोग सप्ताहांत में घर से बाहर जाना पसंद करेंगे, जबकि 35 प्रतिशत लोग 3-5 रातें बाहर रहना पसंद करेंगे और 18 प्रतिशत लोग एक दिन की यात्रा पर जाना चाहेंगे.
सर्वेक्षण में कहा गया है कि सर्वेक्षण में शामिल 32 प्रतिशत लोग निजी या स्व-परिवहन का उपयोग कर छुट्टी पर जाना पसंद करेंगे, जबकि 28 प्रतिशत और 25 प्रतिशत क्रमशः टैक्सी और उड़ानें पसंद करेंगे.
सर्वेक्षण में पाया गया कि लगभग 41 प्रतिशत लोग अपनी छुट्टियों पर 50,000 रुपये से 1,00,000 रुपये के बीच कहीं खर्च करना चाहेंगे, इसके बाद 30 प्रतिशत लोग जिनके पास एक से दो लाख रुपये का बजट है.
ये भी पढ़ें: श्याओमी ने भारत में लॉन्च किया किफायती रेडमी 9 प्राइम
लगभग 24 प्रतिशत यात्रियों ने कहा कि वे अपनी छुट्टियों के लिए आलीशान होटल और रिसॉर्ट्स पसंद करेंगे, इसके बाद 19 प्रतिशत लोग धार्मिक स्थलों और पहाड़ियों और साहसिक स्थलों को पसंद करेंगे. इसमें कहा गया है कि 18 प्रतिशत यात्री समुद्र तट वाले गंतव्य स्थलों पर जाना चाहते हैं.
एडीटीओआई (एसोसिएशन ऑफ डोमेस्टिक टूर ऑपरेटर्स ऑफ इंडिया) के अध्यक्ष पी पी खन्ना ने कहा, "देश भर के राज्यों को आगे आना चाहिए और उनके द्वारा किए गए कोविड-19 से बचाव के सुरक्षित उपायों के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकारों को व्यवस्थित पर्यटन संवर्धन अभियानों की दिशा में काम करना चाहिए."
खन्ना ने कहा कि महामारी ने केवल पर्यटन की दिशा को बदल दिया है, इसे रोका नहीं है.
"इसमें भारत के लिए सबसे बड़ा रोजगार निर्माता बनने की क्षमता है."
(पीटीआई-भाषा)