नई दिल्ली: जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने मंगलवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सामने विरोध प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार से एयरलाइन सेवाओं को फिर से शुरू करने की मांग की.
केबिन क्रू मेंबर्स, एयरक्राफ्ट इंजीनियर और ग्राउंड स्टाफ सहित जेट एयरवेज के लगभग 500 कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया.
जेट एयरवेज के एक कर्मचारी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा, "हमें फरवरी से हमारी तनख्वाह नहीं मिली है और अब हम ईएमआई डिफॉल्टर्स बन गए हैं. हमें इस बात की चिंता खाए जाती है कि हमें कर्ज चुकाना है."
ये भी पढ़ें- तेल आयात, खपत में कमी देश में आर्थिक मंदी का संकेत
वहीं, जेट एयरवेज में सुरक्षा विभाग के पुष्पेन्द्र सिंह ने एसबीआई का क्रेडिट कार्ड दिखाते हुए कहा कि इस कार्ड की सीमा 1 लाख 30 हजार है और मैंने इसका सारा पैसा इस्तेमाल कर लिया है और अगर एसबीआई जेट एयरवेज को ऋण नहीं देती है तो, मैं क्रेडिट कार्ड के लिए भी भुगतान नहीं करूंगा.
जेट एयरवेज में जूनियर इंजीनियर के रूप में काम कर रही है माधवी ने एसबीआई को जेट के अस्थायी रुप से बंद करने के लिए दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि, "एसबीआई ने जेट एयरवेज के सीईओ नरेश गोयल के इस्तीफे के बाद 1,500 करोड़ रुपये की अंतरिम निधि देने का वादा किया था, लेकिन जब वह अपने पद से हटे तो एसबीआई ने एयरलाइंस को भुगतान करने से मना कर दिया."
बता दें कि जेट एयरवेज ने 17 अप्रैल को अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों सहित सभी उड़ानों को रद्द कर दिया था. जेट एयरवेज के सभी परिचालन को अस्थायी रूप से बंद करने के फैसले ने उसके करीब 22,000 कर्मचारियों के सड़क पर ला दिया है. कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.