नई दिल्ली : सांख्यिकीय आंकड़ों की वैधता पर चिंता जताने वाले 108 अर्थशास्त्रियों के पत्र के जवाब में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि यह तथाकथित अर्थशास्त्री जिन्होंने विकास के आंकड़ो पर सवाल उठाये हैं, वे आदतन विपरीत सोच के' तथा वामपंथ समर्थक हैं.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्होंने बताया कि हस्ताक्षर करने वालों में 70 फीसदी से ज्यादा वे लोग हैं जो कभी-कभी ना कभी किसी वजह से सरकार पर बेबुनियाद हमला करते रहते हैं. इसके साथ ही उनमें से अधिकांश मौजूदा सरकार के खिलाफ विभिन्न राजनीतिक अभियानों के प्रतिभागी भी हैं.
108 तथाकथित अर्थशास्त्री जिन्होंने विकास के आँकड़ो पर सवाल उठाये, वे ‘आदतन विपरीत सोंच के’ तथा वामपंथ समर्थक हैं l pic.twitter.com/4qVQFMSStg
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— Chowkidar Arun Jaitley (@arunjaitley) March 19, 2019
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उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले 108 तथाकथित अर्थशास्त्रियों ने एक बयान जारी कर इसकी वैधता पर सवाल उठाया था. मैंने सभी 108 अर्थशास्त्रियों की साख का विश्लेषण किया और पाया कि 70 फीसदी लोग सरकार के आलोचक हैं, जिन्होंने पिछले पांच वर्षों में इस सरकार के खिलाफ कई ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं. इन ज्ञापनों में से अधिकांश राजनीति के मुद्दे पर हैं.
जेटली ने कहा कि आईएमएफ और विश्व बैंक जैसे विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने भारत के आधिकारिक आंकड़ों को स्वीकार किया है. जेटली ने यह भी रेखांकित किया कि भारत का बुनियादी ढांचा विकास अब तक के पूरे इतिहास में सबसे तेज रहा है. जेटली ने आगे कहा कि ऐसे समय में जब सरकार बुनियादी ढांचे के निर्माण पर बड़े पैमाने पर काम कर रही है. उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में रोजगार विहीन विकास के दावों का भी खंडन किया.
वित्त मंत्री ने कहा कि यह सरकार हर साल 10,000 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण करती है, हर गांव का विद्युतीकरण करती है, हर घर को स्वच्छता प्रदान करती है, घर बनाती है, महानगरों की अभूतपूर्व वृद्धि, फ्लाई ओवर, सड़कों पर शहरी बुनियादी ढांचे का निर्माण करती है.