नई दिल्ली: देश में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उत्पाद और सेवाओं पर व्यय 2021 में सालाना छह प्रतिशत बढ़कर 81.9 अरब डॉलर हो जाने का अनुमान है. शोध कंपनी गार्टनर की सोमवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक इसकी बड़ी वजह कारोबारी सॉफ्टवेयर और आईटी सेवाओं में वृद्धि होना है.
रिपोर्ट में 2020 में देश का आईटी पर व्यय 79.3 अरब डॉलर रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है. यह 2019 के स्तर से 8.4 प्रतिशत नीचे है.
गार्टनर रिसर्च के उपाध्यक्ष अरुप रॉय ने कहा, "कोविड-19 के चलते बाजाार में अनिश्चित हालात और नकदी का प्रवाह कम होने से भारतीय प्रतिष्ठानों की कई डिजिटल परियोजनाएं धरी रह गयीं."
उन्होंने कहा कि जो कंपनियां महामारी से पहले डिजिटल तौर पर तैयार थी वे इसके असर को सीमित करने में सफल रहीं.
रॉय ने कहा,"महामारी की यह हालत कई संगठनों को नींद से जगाने वाली है. ताकि वह अपने आईटी ढांचे और रणनीति को सुदृढ़ करें और 2021 में आईटी पर अपवना व्यय बढ़ाएं."
ये भी पढ़ें: इस वित्त वर्ष में चालू खाते का अधिशेष दर्ज कर सकता है भारत: सीईए
वर्ष 2020 में उपकरण और डेटा सेंटर श्रेणी में सबसे अधिक गिरावट रही. इनके क्रमश: 26 प्रतिशत और 1.2 प्रतिशत गिरने का अनुमान है. वहीं कारोबारी सॉफ्टवेयर, आईटी सेवाओं और संचार सेवाओं पर व्यय में क्रमश: सात प्रतिशत, 3.7 प्रतिशत और 4.9 प्रतिशत वृद्धि रहने का अनुमान है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में कंपनियों और कारोबारों के प्रमुख कार्यकारियों द्वारा आईटी पर अधिक खर्च करने का अनुमान है. वहीं सभी क्षेत्रों के लिए 2021 में 'डिजिटल इंडिया' मिशन एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा. इससे भी आईटी पर व्यय बढ़ने का अनुमान है.
(पीटीआई-भाषा)