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आईटी सेक्टर को 20 अप्रैल से काम शुरू करने की आंशिक छूट

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Published : Apr 15, 2020, 9:53 PM IST

आईटी क्षेत्र की कंपनियों ने इस कदम का स्वागत किया है और उनका यह भी मानना है कि मौजूदा परिदृश्य में उनकी कारोबारी रणनीति को भी बदलना होगा.

आईटी सेक्टर को 20 अप्रैल से काम शुरू करने की आंशिक छूट
आईटी सेक्टर को 20 अप्रैल से काम शुरू करने की आंशिक छूट

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग के साथ ही कुछ अन्य सेक्टरों को कुछ शर्तों के साथ लॉकडाउन से छूट देने की घोषणा की. गृह मंत्रालय के एक आदेश के अनुसार, 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ आईटी और इससे जुड़ी सेवाएं 20 अप्रैल से काम शुरू कर सकती हैं.

इसके अलावा आईटी हार्डवेयर निर्माण उद्योगों से भी रोक हटा दी गई है.

आईटी क्षेत्र की कंपनियों ने इस कदम का स्वागत किया है और उनका यह भी मानना है कि मौजूदा परिदृश्य में उनकी कारोबारी रणनीति को भी बदलना होगा.

क्लोवर इंफोटेक में सेंटर ऑफ एक्सेंलेंस के प्रमुख और वरिष्ठ उपाध्यक्ष नीलेश कृपालानी ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन चूंकि दुनिया के सभी देशों में है, लिहाजा व्यापार के महत्वपूर्ण वर्कलोड को क्लाउड पर ले जाने की मांग बढ़ गई है. सभी संस्थानों में क्लाउड पर मौजूद वर्कलोड को आसानी से प्रबंधित कर सकते हैं.

सांख्य ला के सह-संस्थापक और सीईओ पराग नाईक ने कहा कि दूरसंचार और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उद्योग में निवेश को बढ़ावा देना सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए.

उन्होंने कहा, हमें केवल बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश को ही नहीं देखना चाहिए. सरकार को ऐसी नीतियां बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जो स्थानीय एसएमई और एमएसएमई को निवेश बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करें.

उन्होंने कहा कि स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए इन कंपनियों को प्रोत्साहन देकर ऐसा किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: विप्रो का शुद्ध लाभ चौथी तिमाही में 6 प्रतिशत घटकर 2,345 करोड़ रुपये

नाईक ने कहा, कारखानों और विनिर्माण इकाइयों की स्थापना के अलावा फिलहाल समय की आवश्यकता नवाचार में निवेश करना भी है.

आईटी हार्डवेयर उद्योगों पर लगे प्रतिबंधों को आंशिक रूप से कम करने के निर्णय पर सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी पर उद्योग निकाय एमएआईटी ने भी खुशी जताई. उद्योग निकाय ने कहा कि यह निर्णय समय की आवश्यकता है, क्योंकि देश को अपनी घरेलू मांग को पूरा करने के लिए आयात पर जोर देना होगा.

एमएआईटी के अध्यक्ष नितिन कुंकोलीनकर ने कहा, यह कदम समय की आवश्यकता है, क्योंकि सभी डिजिटल और संचार हाइवे इलेक्ट्रॉनिक एवं आईसीटी उत्पादों का उपयोग करके बनाए गए हैं. यह अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि सभी उपयोगिताओं को इन उत्पादों की आवश्यकता होती है.

एमएआईटी सरकार से आग्रह कर रहा था कि वह आईसीटी उत्पादों के विनिर्माण, बिक्री और सर्विसिंग को शामिल करे, जिसमें आवश्यक सेवाओं में मोबाइल फोन भी शामिल है. निकाय ने तर्क दिया था कि लॉकडाउन के समय तो ऐसे उत्पादों और सेवाओं पर निर्भरता और अधिक बढ़ी है.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग के साथ ही कुछ अन्य सेक्टरों को कुछ शर्तों के साथ लॉकडाउन से छूट देने की घोषणा की. गृह मंत्रालय के एक आदेश के अनुसार, 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ आईटी और इससे जुड़ी सेवाएं 20 अप्रैल से काम शुरू कर सकती हैं.

इसके अलावा आईटी हार्डवेयर निर्माण उद्योगों से भी रोक हटा दी गई है.

आईटी क्षेत्र की कंपनियों ने इस कदम का स्वागत किया है और उनका यह भी मानना है कि मौजूदा परिदृश्य में उनकी कारोबारी रणनीति को भी बदलना होगा.

क्लोवर इंफोटेक में सेंटर ऑफ एक्सेंलेंस के प्रमुख और वरिष्ठ उपाध्यक्ष नीलेश कृपालानी ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन चूंकि दुनिया के सभी देशों में है, लिहाजा व्यापार के महत्वपूर्ण वर्कलोड को क्लाउड पर ले जाने की मांग बढ़ गई है. सभी संस्थानों में क्लाउड पर मौजूद वर्कलोड को आसानी से प्रबंधित कर सकते हैं.

सांख्य ला के सह-संस्थापक और सीईओ पराग नाईक ने कहा कि दूरसंचार और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उद्योग में निवेश को बढ़ावा देना सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए.

उन्होंने कहा, हमें केवल बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश को ही नहीं देखना चाहिए. सरकार को ऐसी नीतियां बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जो स्थानीय एसएमई और एमएसएमई को निवेश बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करें.

उन्होंने कहा कि स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए इन कंपनियों को प्रोत्साहन देकर ऐसा किया जा सकता है.

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नाईक ने कहा, कारखानों और विनिर्माण इकाइयों की स्थापना के अलावा फिलहाल समय की आवश्यकता नवाचार में निवेश करना भी है.

आईटी हार्डवेयर उद्योगों पर लगे प्रतिबंधों को आंशिक रूप से कम करने के निर्णय पर सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी पर उद्योग निकाय एमएआईटी ने भी खुशी जताई. उद्योग निकाय ने कहा कि यह निर्णय समय की आवश्यकता है, क्योंकि देश को अपनी घरेलू मांग को पूरा करने के लिए आयात पर जोर देना होगा.

एमएआईटी के अध्यक्ष नितिन कुंकोलीनकर ने कहा, यह कदम समय की आवश्यकता है, क्योंकि सभी डिजिटल और संचार हाइवे इलेक्ट्रॉनिक एवं आईसीटी उत्पादों का उपयोग करके बनाए गए हैं. यह अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि सभी उपयोगिताओं को इन उत्पादों की आवश्यकता होती है.

एमएआईटी सरकार से आग्रह कर रहा था कि वह आईसीटी उत्पादों के विनिर्माण, बिक्री और सर्विसिंग को शामिल करे, जिसमें आवश्यक सेवाओं में मोबाइल फोन भी शामिल है. निकाय ने तर्क दिया था कि लॉकडाउन के समय तो ऐसे उत्पादों और सेवाओं पर निर्भरता और अधिक बढ़ी है.

(आईएएनएस)

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