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निसर्ग चक्रवात में हुआ है नुकसान! तो ये खबर आपके लिए है

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Published : Jun 9, 2020, 11:48 AM IST

भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण ने बीमा कंपनियों से कहा कि यदि किसी की मृत्यु से जुड़े दावे आते हैं और मृत शरीर नहीं मिलने की वजह से मृत्यु का प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं हो सकता है तो ऐसे मामलों में उसी प्रक्रिया का पालन किया जाए जो जम्मू-कश्मीर की बाढ़ के वक्त या हाल में आयी बाढ़ और चक्रवातों के दौरान अपनायी गयीं हैं.

निसर्ग चक्रवात में हुआ है नुकसान! तो ये खबर आपके लिए है
निसर्ग चक्रवात में हुआ है नुकसान! तो ये खबर आपके लिए है

नई दिल्ली: भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने सोमवार को साधारण बीमा कंपनियों को निर्देश दिया कि वे निसर्ग चक्रवात से प्रभावितों के दावों का निपटान करने के लिए तत्काल कदम उठाएं.

निसर्ग चक्रवात से महाराष्ट्र और गुजरात समेत कुछ पड़ोसी राज्यों में संपत्ति को बड़ा नुकसान पहुंचा है.

इरडा ने अपने परिपत्र में कहा कि कंपनियां निपटान प्रक्रिया पूरी करने के लिए तत्काल पंजीकरण और योग्य दावों के निपटान के कदम उठाएं. ताकि प्रभावितों की मुश्किलें आसान हो.

ये भी पढ़ें- मुंबई में 80 रुपये प्रति लीटर हुआ पेट्रोल, जानें प्रमुख शहरों में कीमतें

इरडा ने कहा कि कंपनियां प्रभावित राज्यों में एक वरिष्ठ अधिकारी को नामित करें जो नोडल अधिकारी के तौर पर काम करेगा. इस नोडल अधिकारी का काम योग्य दावों को स्वीकार करना, उनकी प्रक्रिया पूरी करना और दावों का निपटान करने में समन्वय करना होगा.

इरडा ने कहा कि यदि किसी की मृत्यु से जुड़े दावे आते हैं और मृत शरीर नहीं मिलने की वजह से मृत्यु का प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं हो सकता है तो ऐसे मामलों में उसी प्रक्रिया का पालन किया जाए जो जम्मू-कश्मीर की बाढ़ के वक्त या हाल में आयी बाढ़ और चक्रवातों के दौरान अपनायी गयीं.

इरडा ने कहा कि कोविड-19 संकट को देखते हुए कंपनियों को बीमाधारकों को ऑनलाइन या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दावा निपटान के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.

इरडा ने ऐसे ही निर्देश अम्फान चक्रवात के दौरान भी जारी किए थे.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने सोमवार को साधारण बीमा कंपनियों को निर्देश दिया कि वे निसर्ग चक्रवात से प्रभावितों के दावों का निपटान करने के लिए तत्काल कदम उठाएं.

निसर्ग चक्रवात से महाराष्ट्र और गुजरात समेत कुछ पड़ोसी राज्यों में संपत्ति को बड़ा नुकसान पहुंचा है.

इरडा ने अपने परिपत्र में कहा कि कंपनियां निपटान प्रक्रिया पूरी करने के लिए तत्काल पंजीकरण और योग्य दावों के निपटान के कदम उठाएं. ताकि प्रभावितों की मुश्किलें आसान हो.

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इरडा ने कहा कि कंपनियां प्रभावित राज्यों में एक वरिष्ठ अधिकारी को नामित करें जो नोडल अधिकारी के तौर पर काम करेगा. इस नोडल अधिकारी का काम योग्य दावों को स्वीकार करना, उनकी प्रक्रिया पूरी करना और दावों का निपटान करने में समन्वय करना होगा.

इरडा ने कहा कि यदि किसी की मृत्यु से जुड़े दावे आते हैं और मृत शरीर नहीं मिलने की वजह से मृत्यु का प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं हो सकता है तो ऐसे मामलों में उसी प्रक्रिया का पालन किया जाए जो जम्मू-कश्मीर की बाढ़ के वक्त या हाल में आयी बाढ़ और चक्रवातों के दौरान अपनायी गयीं.

इरडा ने कहा कि कोविड-19 संकट को देखते हुए कंपनियों को बीमाधारकों को ऑनलाइन या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दावा निपटान के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.

इरडा ने ऐसे ही निर्देश अम्फान चक्रवात के दौरान भी जारी किए थे.

(पीटीआई-भाषा)

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