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रेल यात्रियों को लगने वाला है झटका, ई-टिकटों पर फिर से सेवा शुल्क वसूलेगा आईआरसीटीसी - IRCTC

रेलवे बोर्ड ने आईआरसीटीसी को ऑनलाइट टिकट बुक करने वाले यात्रियों से सेवा शुल्क वसूलने की प्रणाली बहाल करने की मंजूरी दे दी है. आईआरसीटीसी प्रत्येक गैर-वातानुकूलित ई-टिकट पर 20 रुपये और प्रत्येक वातानुकूलित (एसी) टिकट के लिए 40 रुपये वसूलता था.

रेल यात्रियों को लगने वाला है झटका, ई-टिकटों पर फिर से सेवा शुल्क वसूलेगा आईआरसीटीसी
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Published : Aug 9, 2019, 2:40 PM IST

नई दिल्ली: आईआरसीटीसी के माध्यम से खरीदे गये ई-टिकट अब और महंगे हो जाएंगे क्योंकि भारतीय रेलवे ने फिर से सेवा शुल्क शुरू करने का फैसला किया है जिसे करीब तीन साल पहले डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिहाज से वापस ले लिया गया था.

रेलवे बोर्ड ने आईआरसीटीसी को ऑनलाइट टिकट बुक करने वाले यात्रियों से सेवा शुल्क वसूलने की प्रणाली बहाल करने की मंजूरी दे दी है. बोर्ड ने तीन अगस्त को एक पत्र में कहा कि आईआरसीटीसी ने ई-टिकटों की बुकिंग पर सेवा शुल्क बहाल करने के लिए विस्तृत पक्ष रखा था और सक्षम प्राधिकार ने मामले की जांच की है.

ये भी पढ़ें- 'भारत 2034 तक दुनिया का सबसे बड़ा ई-कामर्स बाजार बन जाएगा'

बोर्ड ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने माना है कि सेवा शुल्क में छूट की योजना अस्थाई थी और रेल मंत्रालय ई-टिकट पर शुल्क वसूली शुरू कर सकता है. पत्र के मुताबिक, "वित्त मंत्रालय द्वारा दी गयी सलाह के मद्देनजर सक्षम प्राधिकार ने फैसला किया है कि आईआरसीटीसी सुविधा शुल्क/सेवा शुल्क लागू करने या बहाल करने पर और उसकी दर पर उचित फैसला ले सकता है."

अधिकारियों के मुताबिक सेवा शुल्क वसूली बंद करने के बाद वित्त वर्ष 2016-17 में आईआरसीटीसी की इंटरनेट से बुक होने वाली टिकटों से होने वाली आय में 26 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गयी.

आईआरसीटीसी प्रत्येक गैर-वातानुकूलित ई-टिकट पर 20 रुपये और प्रत्येक वातानुकूलित (एसी) टिकट के लिए 40 रुपये वसूलता था. आईआरसीटीसी को अब फैसला करना होगा कि वह पुरानी दर से ही सेवा शुल्क लेगा या इसे बढ़ाएगा.

नई दिल्ली: आईआरसीटीसी के माध्यम से खरीदे गये ई-टिकट अब और महंगे हो जाएंगे क्योंकि भारतीय रेलवे ने फिर से सेवा शुल्क शुरू करने का फैसला किया है जिसे करीब तीन साल पहले डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिहाज से वापस ले लिया गया था.

रेलवे बोर्ड ने आईआरसीटीसी को ऑनलाइट टिकट बुक करने वाले यात्रियों से सेवा शुल्क वसूलने की प्रणाली बहाल करने की मंजूरी दे दी है. बोर्ड ने तीन अगस्त को एक पत्र में कहा कि आईआरसीटीसी ने ई-टिकटों की बुकिंग पर सेवा शुल्क बहाल करने के लिए विस्तृत पक्ष रखा था और सक्षम प्राधिकार ने मामले की जांच की है.

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बोर्ड ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने माना है कि सेवा शुल्क में छूट की योजना अस्थाई थी और रेल मंत्रालय ई-टिकट पर शुल्क वसूली शुरू कर सकता है. पत्र के मुताबिक, "वित्त मंत्रालय द्वारा दी गयी सलाह के मद्देनजर सक्षम प्राधिकार ने फैसला किया है कि आईआरसीटीसी सुविधा शुल्क/सेवा शुल्क लागू करने या बहाल करने पर और उसकी दर पर उचित फैसला ले सकता है."

अधिकारियों के मुताबिक सेवा शुल्क वसूली बंद करने के बाद वित्त वर्ष 2016-17 में आईआरसीटीसी की इंटरनेट से बुक होने वाली टिकटों से होने वाली आय में 26 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गयी.

आईआरसीटीसी प्रत्येक गैर-वातानुकूलित ई-टिकट पर 20 रुपये और प्रत्येक वातानुकूलित (एसी) टिकट के लिए 40 रुपये वसूलता था. आईआरसीटीसी को अब फैसला करना होगा कि वह पुरानी दर से ही सेवा शुल्क लेगा या इसे बढ़ाएगा.

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नई दिल्ली: आईआरसीटीसी के माध्यम से खरीदे गये ई-टिकट अब और महंगे हो जाएंगे क्योंकि भारतीय रेलवे ने फिर से सेवा शुल्क शुरू करने का फैसला किया है जिसे करीब तीन साल पहले डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिहाज से वापस ले लिया गया था. 

रेलवे बोर्ड ने आईआरसीटीसी को ऑनलाइट टिकट बुक करने वाले यात्रियों से सेवा शुल्क वसूलने की प्रणाली बहाल करने की मंजूरी दे दी है. बोर्ड ने तीन अगस्त को एक पत्र में कहा कि आईआरसीटीसी ने ई-टिकटों की बुकिंग पर सेवा शुल्क बहाल करने के लिए विस्तृत पक्ष रखा था और सक्षम प्राधिकार ने मामले की जांच की है. 

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अधिकारियों के मुताबिक सेवा शुल्क वसूली बंद करने के बाद वित्त वर्ष 2016-17 में आईआरसीटीसी की इंटरनेट से बुक होने वाली टिकटों से होने वाली आय में 26 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गयी. 

आईआरसीटीसी प्रत्येक गैर-वातानुकूलित ई-टिकट पर 20 रुपये और प्रत्येक वातानुकूलित (एसी) टिकट के लिए 40 रुपये वसूलता था. आईआरसीटीसी को अब फैसला करना होगा कि वह पुरानी दर से ही सेवा शुल्क लेगा या इसे बढ़ाएगा.


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