ETV Bharat / business

'नमक का उत्पादन 30 प्रतिशत गिरा, लेकिन नहीं होगी कोई कमी'

author img

By

Published : Jul 10, 2020, 11:03 AM IST

Updated : Jul 10, 2020, 2:35 PM IST

उत्पादन में गिरावट के बावजूद देश में पर्याप्त मात्रा में नमक उपलब्ध है और आपूर्ति में कमी इसलिए हुई क्योंकि कोरोना वायरस संकट के कारण आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है.

लॉकडाउन और आपूर्ति श्रृंखला के कारण 30 प्रतिशत घटा नमक उत्पादन
लॉकडाउन और आपूर्ति श्रृंखला के कारण 30 प्रतिशत घटा नमक उत्पादन

हैदराबाद: भारत के नमक उत्पादन में इस साल 30 प्रतिशत की गिरावट आई है जो कोरोनावायरस महामारी के फैलने के बाद देश भर में लगाए गए लॉकडाउन के कारण हुआ है.

इंडियन साल्ट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रावल ने ईटीवी भारत को बताया कि, "पिछले वर्ष की तुलना में इस सीजन में नमक का उत्पादन (जो अक्टूबर से शुरू होता है और जून के आसपास समाप्त होता है) लगभग 30 प्रतिशत कम हो गया है."

जानकारी देते इंडियन साल्ट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष

भारत नमक उत्पादन करने वाला दुनिया की चौथा सबसे बड़ा देश है. देश में मार्च-मई में नमक उत्पादन चरम पर रहता है लेकिन इस साल कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से काफी प्रभावित हुआ और उत्पादन बहुत कम हुआ है.

ये भी पढ़ें- जानिए वो आठ कारण जिससे आप अमीर होकर रिटायर नहीं हो पाएंगे

मुख्य रूप से गर्मी के महीनों के दौरान नमक का उत्पादन किया जाता है क्योंकि समुद्र के पानी का वाष्पीकरण तेजी से होता है. मॉनसून के दौरान कमोडिटी का उत्पादन नहीं होता है क्योंकि भारी बारिश और बाढ़ नमक को धो देती है. इस साल उत्पादन इसलिए भी प्रभावित हुआ था क्योंकि पिछले साल की तुलना में इस साल मानसून की बारिश भी जल्दी आ गई.

देश के कुछ हिस्सों ने पर्याप्त उत्पादन के बावजूद नमक की आपूर्ति में कमी का सामना किया. मुख्य रूप से माल वाहक और मालवाहक जहाजों के अंतर-राज्य आंदोलन पर प्रतिबंध के कारण. कुछ थोक व्यापारी अपने स्टॉक को भी नहीं उठा सकते थे क्योंकि उनकी दुकानें नियंत्रण क्षेत्र के अंतर्गत आती थीं, जिससे उपभोक्ताओं को आपूर्ति श्रृंखला बाधित होती थी.

नमक उत्पादन मांग और आपूर्ति से प्रभावित होता है क्योंकि कमोडिटी का आउटपुट स्टॉक को उपलब्ध रखते हुए नियंत्रित किया जाता है. नमक का उत्पादन श्रमिक तभी शुरू करते हैं जब स्टॉक पूरा खत्म हो जाता है क्योंकि बिना बिके नमक के भंडारण की समस्या होती है. चूंकि लॉकडाउन के दौरान परिवहन की कमी के कारण नमक की आपूर्ति और थोक विक्रेताओं को बेचा नहीं जा सकता था, इसलिए उत्पादन में कटौती की गई.

हालांकि, रावल ने नमक के ऐसे सभी भय को नकार दिया कि नमक का स्टॉक खत्म हो गया है. उन्होंने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि देश में पर्याप्त मात्रा में नमक उपलब्ध है और आपूर्ति में कमी असामान्य स्थिति के कारण उत्पन्न हुई है.

रावल ने बताया कि चूंकि भारत में हर साल 36 मिलियन टन नमक का उत्पादन होता है. जिसमें से केवल 8 से 8.5 मिलियन टन ही घरेलू खपत के लिए उपयोग किया जाता है इसलिए इसमें कमी का कोई डर नहीं है.

हालांकि निर्माताओं की चिंता बनी हुई है. रावल ने कहा कि इंडियन साल्ट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों को लिखा है कि उत्पादन में गिरावट से प्रभावित क्षेत्र को राहत प्रदान करें. रावल के अनुसार, यह क्षेत्र बिजली शुल्क, ईंधन शुल्क, बंदरगाह शुल्क और परिवहन लागत पर राहत की मांग करता है जो एक साथ नमक के उत्पादन की वास्तविक लागत से अधिक है.

(ईटीवी भारत रिपोर्ट)

हैदराबाद: भारत के नमक उत्पादन में इस साल 30 प्रतिशत की गिरावट आई है जो कोरोनावायरस महामारी के फैलने के बाद देश भर में लगाए गए लॉकडाउन के कारण हुआ है.

इंडियन साल्ट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रावल ने ईटीवी भारत को बताया कि, "पिछले वर्ष की तुलना में इस सीजन में नमक का उत्पादन (जो अक्टूबर से शुरू होता है और जून के आसपास समाप्त होता है) लगभग 30 प्रतिशत कम हो गया है."

जानकारी देते इंडियन साल्ट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष

भारत नमक उत्पादन करने वाला दुनिया की चौथा सबसे बड़ा देश है. देश में मार्च-मई में नमक उत्पादन चरम पर रहता है लेकिन इस साल कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से काफी प्रभावित हुआ और उत्पादन बहुत कम हुआ है.

ये भी पढ़ें- जानिए वो आठ कारण जिससे आप अमीर होकर रिटायर नहीं हो पाएंगे

मुख्य रूप से गर्मी के महीनों के दौरान नमक का उत्पादन किया जाता है क्योंकि समुद्र के पानी का वाष्पीकरण तेजी से होता है. मॉनसून के दौरान कमोडिटी का उत्पादन नहीं होता है क्योंकि भारी बारिश और बाढ़ नमक को धो देती है. इस साल उत्पादन इसलिए भी प्रभावित हुआ था क्योंकि पिछले साल की तुलना में इस साल मानसून की बारिश भी जल्दी आ गई.

देश के कुछ हिस्सों ने पर्याप्त उत्पादन के बावजूद नमक की आपूर्ति में कमी का सामना किया. मुख्य रूप से माल वाहक और मालवाहक जहाजों के अंतर-राज्य आंदोलन पर प्रतिबंध के कारण. कुछ थोक व्यापारी अपने स्टॉक को भी नहीं उठा सकते थे क्योंकि उनकी दुकानें नियंत्रण क्षेत्र के अंतर्गत आती थीं, जिससे उपभोक्ताओं को आपूर्ति श्रृंखला बाधित होती थी.

नमक उत्पादन मांग और आपूर्ति से प्रभावित होता है क्योंकि कमोडिटी का आउटपुट स्टॉक को उपलब्ध रखते हुए नियंत्रित किया जाता है. नमक का उत्पादन श्रमिक तभी शुरू करते हैं जब स्टॉक पूरा खत्म हो जाता है क्योंकि बिना बिके नमक के भंडारण की समस्या होती है. चूंकि लॉकडाउन के दौरान परिवहन की कमी के कारण नमक की आपूर्ति और थोक विक्रेताओं को बेचा नहीं जा सकता था, इसलिए उत्पादन में कटौती की गई.

हालांकि, रावल ने नमक के ऐसे सभी भय को नकार दिया कि नमक का स्टॉक खत्म हो गया है. उन्होंने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि देश में पर्याप्त मात्रा में नमक उपलब्ध है और आपूर्ति में कमी असामान्य स्थिति के कारण उत्पन्न हुई है.

रावल ने बताया कि चूंकि भारत में हर साल 36 मिलियन टन नमक का उत्पादन होता है. जिसमें से केवल 8 से 8.5 मिलियन टन ही घरेलू खपत के लिए उपयोग किया जाता है इसलिए इसमें कमी का कोई डर नहीं है.

हालांकि निर्माताओं की चिंता बनी हुई है. रावल ने कहा कि इंडियन साल्ट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों को लिखा है कि उत्पादन में गिरावट से प्रभावित क्षेत्र को राहत प्रदान करें. रावल के अनुसार, यह क्षेत्र बिजली शुल्क, ईंधन शुल्क, बंदरगाह शुल्क और परिवहन लागत पर राहत की मांग करता है जो एक साथ नमक के उत्पादन की वास्तविक लागत से अधिक है.

(ईटीवी भारत रिपोर्ट)

Last Updated : Jul 10, 2020, 2:35 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.