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अमेरिका में अपनी दवाओं को वापस मंगा रही हैं भारतीय कंपनियां - अमेरिका में अपनी दवाओं को वापस मंगा रही हैं भारतीय कंपनियां

रिपोर्ट के अनुसार, ल्यूपिन और मार्कसंस फार्मा मधुमेह की दवा को वापस मंगा रही हैं, जबकि अरबिंदो और एलेम्बिक मनोरोग संबंधी दवाओं को वापस ले रही हैं.

अमेरिका में अपनी दवाओं को वापस मंगा रही हैं भारतीय कंपनियां
अमेरिका में अपनी दवाओं को वापस मंगा रही हैं भारतीय कंपनियां
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Published : Jul 5, 2020, 7:22 PM IST

नई दिल्ली: ल्यूपिन, मार्कसंस फार्मा, अरबिंदो फार्मा और एलेम्बिक फार्मास्युटिकल्स जैसी भारतीय दवा कंपनियां अमेरिकी बाजार में अपने कुछ उत्पादों को वापस मंगा रही हैं. अमेरिका के दवा नियामक यूएसडीएफडीए की नवीनतम प्रवर्तन रिपोर्ट में इसकी जानकारी मिली है.

रिपोर्ट के अनुसार, ल्यूपिन और मार्कसंस फार्मा मधुमेह की दवा को वापस मंगा रही हैं, जबकि अरबिंदो और एलेम्बिक मनोरोग संबंधी दवाओं को वापस ले रही हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि ल्यूपिन की अमेरिकी इकाई वर्तमान माल विनिर्माण प्रावधानों का अनुपालन नहीं किये जाने के कारण अमेरिका के बाजार से मेटफार्मिन हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट की 6,540 बोतलें वापस ले रही है. यह दवा कंपनी के गोवा स्थित संयंत्र में बनायी जाती है.

ये भी पढ़ें-कोविड-19 का प्रभाव: महंगा नहीं, अपने बजट के अनुकूल घर खरीदना चाहते हैं लोग

इसी तरह मार्कसंस फार्मा भी मेटफार्मिन हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट की 11,279 बोतलें वापस ले रही है. मार्कसंस ने अमेरिका की कंपनी टाइम-कैप लैब्स को इनकी आपूर्ति की थी.

यूएसएफडीए ने कहा है कि इन दोनों कंपनियों के मेटफार्मिन हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट में एन-नाइट्रोसोडीमिथायलामाइन की मात्रा स्वीकार्य स्तर से अधिक पायी गयी है.

इनके अलावा, हैदराबाद स्थित अरबिंदो फार्मा की इकाई अरबिंदो फार्मा यूएसए इंक क्लोजैपीन टैबलेट की 1,440 बोतलें वापस ले रही है. इसका इस्तेमाल कुछ मानसिक विकारों के इलाज के लिये किया जाता है. एक उपभोक्ता ने शिकायत की थी कि 100 एमजी के बोतल में 50 एमजी की गोलियां मिली हैं.

इसी तरह एलेम्बिक फार्मास्युटिकल्स अरिपिप्राजोल टैबलेट की 19,153 बोतलें वापस ले रही हैं. इसका इस्तेमाल शिजोफ्रेनिया और बायोपोलर विकार के इलाज में किया जाता है. कंपनी दवा के लेबल में हुई कुछ गड़बड़ी के कारण इन्हें मंगा रही है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: ल्यूपिन, मार्कसंस फार्मा, अरबिंदो फार्मा और एलेम्बिक फार्मास्युटिकल्स जैसी भारतीय दवा कंपनियां अमेरिकी बाजार में अपने कुछ उत्पादों को वापस मंगा रही हैं. अमेरिका के दवा नियामक यूएसडीएफडीए की नवीनतम प्रवर्तन रिपोर्ट में इसकी जानकारी मिली है.

रिपोर्ट के अनुसार, ल्यूपिन और मार्कसंस फार्मा मधुमेह की दवा को वापस मंगा रही हैं, जबकि अरबिंदो और एलेम्बिक मनोरोग संबंधी दवाओं को वापस ले रही हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि ल्यूपिन की अमेरिकी इकाई वर्तमान माल विनिर्माण प्रावधानों का अनुपालन नहीं किये जाने के कारण अमेरिका के बाजार से मेटफार्मिन हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट की 6,540 बोतलें वापस ले रही है. यह दवा कंपनी के गोवा स्थित संयंत्र में बनायी जाती है.

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इसी तरह मार्कसंस फार्मा भी मेटफार्मिन हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट की 11,279 बोतलें वापस ले रही है. मार्कसंस ने अमेरिका की कंपनी टाइम-कैप लैब्स को इनकी आपूर्ति की थी.

यूएसएफडीए ने कहा है कि इन दोनों कंपनियों के मेटफार्मिन हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट में एन-नाइट्रोसोडीमिथायलामाइन की मात्रा स्वीकार्य स्तर से अधिक पायी गयी है.

इनके अलावा, हैदराबाद स्थित अरबिंदो फार्मा की इकाई अरबिंदो फार्मा यूएसए इंक क्लोजैपीन टैबलेट की 1,440 बोतलें वापस ले रही है. इसका इस्तेमाल कुछ मानसिक विकारों के इलाज के लिये किया जाता है. एक उपभोक्ता ने शिकायत की थी कि 100 एमजी के बोतल में 50 एमजी की गोलियां मिली हैं.

इसी तरह एलेम्बिक फार्मास्युटिकल्स अरिपिप्राजोल टैबलेट की 19,153 बोतलें वापस ले रही हैं. इसका इस्तेमाल शिजोफ्रेनिया और बायोपोलर विकार के इलाज में किया जाता है. कंपनी दवा के लेबल में हुई कुछ गड़बड़ी के कारण इन्हें मंगा रही है.

(पीटीआई-भाषा)

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