सिंगापुर: भारत इस साल चीन को 100 से 110 लाख टन कच्चे लोहे के पैलेटों का निर्यात कर सकता है. पिछले साल यह निर्यात 95 लाख टन था. कारोबारियों ने बृहस्पतिवार को इसकी जानकारी दी.
एक कारोबारी ने यहां सिंगापुर लौह अयस्क फोरम में कहा कि तीन प्रतिशत एल्युमीनियम वाले 64 एफई उच्च गुणवत्ता वाले पैलेटों की कीमत भी फरवरी 2019 के 114-116 डॉलर से बढ़कर 122-125 डॉलर पर पहुंच गयी है. उन्होंने कहा कि उच्च गुणवत्ता वाले पैलेटों की कीमत की अच्छी मांग है.
ये भी पढ़ें- रिजर्व बैंक ने आईएल एंड एफएस को लेकर बैंकों को जारी परपित्र वापस लिया
हालांकि खनन से जुड़ी दिक्कतों तथा निर्यात बाधाओं के चलते भारतीय लौह अयस्क हालिया वर्षों में अच्छी गुणवत्ता वाले चीन के बाजार से बाहर रहे हैं. वर्ष 2007 में भारत चीन को लौह अयस्क की आपूर्ति करने वाले शीर्ष देशों में से एक रहा था. तब भारत ने चीन को 10 करोड़ टन से अधिक लौह अयस्क की आपूर्ति की थी.
कारोबारियों को इस साल चीन को पिछले साल के 95 लाख टन की तुलना में 100 से 110 लाख टन लौहे के पैलेटों का निर्यात करने का अनुमान है. एक कारोबारी कंपनी के कार्यकारी ने कहा, "चीन में लौहे के पैलेटों की मांग अच्छी है."