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भारतीय कंपनियों का विदेशी कर्ज अक्टूबर में 41 प्रतिशत घटकर 2.03 अरब डॉलर - relieance industries

भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार भारतीय कंपनियों का विदेशी कर्ज 41 प्रतिशत कम हो गया है. अब विदेशी कर्ज घटकर 2.03 अरब डॉलर रह गया है.

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Published : Dec 6, 2020, 3:51 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय कंपनियों का विदेशी बाजारों से कर्ज अक्टूबर में इससे पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 41 प्रतिशत घटकर 2.03 अरब डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है.

घरेलू कंपनियों ने अक्टूबर, 2019 में विदेशी बाजारों से 3.41 अरब डॉलर का कर्ज जुटाया था.

समीक्षाधीन महीने में इस साल और 2019 में रुपया मूल्य वाले बांड (आरडीबी) या मसाला बांड से कोई राशि नहीं जुटाई गई.

अक्टूबर, 2020 में बाह्य वाणिज्यिक ऋण (ईसीबी) मार्ग से जुटाई गई कुल राशि में से 1.73 अरब डॉलर स्वत: मंजूर मार्ग से और शेष 30 करोड़ डॉलर मंजूरी मार्ग से जुटाए गए.

पढ़ें :- किस्तों के भुगतान से राहत की अवधि में ब्याज माफ करने के पक्ष में नहीं हैं उदय कोटक

स्वत: मंजूर मार्ग से रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पुराने ईसीबी को चुकाने के लिए एक अरब डॉलर जुटाए. वहीं बजाज फाइनेंस और लार्सन एंड टुब्रो ने 10-10 करोड़ डॉलर जुटाए. एटीसी टायर्स एपी प्राइवेट लिमिटेड ने नई परियोजना के लिए 5.2 करोड़ डॉलर और लक्सशेयर इंडिया ने 5.1 करोड़ डॉलर जुटाए.

मंजूरी मार्ग से धन जुटाने वाली पावर फाइनेंस कॉरपोरशन एकमात्र कंपनी रही. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन ने दो किस्तों में 30 करोड़ डॉलर जुटाए.

नई दिल्ली : भारतीय कंपनियों का विदेशी बाजारों से कर्ज अक्टूबर में इससे पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 41 प्रतिशत घटकर 2.03 अरब डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है.

घरेलू कंपनियों ने अक्टूबर, 2019 में विदेशी बाजारों से 3.41 अरब डॉलर का कर्ज जुटाया था.

समीक्षाधीन महीने में इस साल और 2019 में रुपया मूल्य वाले बांड (आरडीबी) या मसाला बांड से कोई राशि नहीं जुटाई गई.

अक्टूबर, 2020 में बाह्य वाणिज्यिक ऋण (ईसीबी) मार्ग से जुटाई गई कुल राशि में से 1.73 अरब डॉलर स्वत: मंजूर मार्ग से और शेष 30 करोड़ डॉलर मंजूरी मार्ग से जुटाए गए.

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स्वत: मंजूर मार्ग से रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पुराने ईसीबी को चुकाने के लिए एक अरब डॉलर जुटाए. वहीं बजाज फाइनेंस और लार्सन एंड टुब्रो ने 10-10 करोड़ डॉलर जुटाए. एटीसी टायर्स एपी प्राइवेट लिमिटेड ने नई परियोजना के लिए 5.2 करोड़ डॉलर और लक्सशेयर इंडिया ने 5.1 करोड़ डॉलर जुटाए.

मंजूरी मार्ग से धन जुटाने वाली पावर फाइनेंस कॉरपोरशन एकमात्र कंपनी रही. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन ने दो किस्तों में 30 करोड़ डॉलर जुटाए.

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