नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि आम्रपाली के घर खरीदारों का पैसा अवैध रूप से और गलत तरीके से भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और उनकी पत्नी साक्षी धोनी की कंपनी रिती स्पोर्ट्स मैनेजमेंट लिमिटेड के पास भेज है.
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और यू.यू. ललित मंगलवार को रियल एस्टेट कंपनी आम्रपाली ग्रुप के रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के लाइसेंस को रद्द कर दिया. कोर्ट ने सभी लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए राज्य द्वारा संचालित नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्प लिमिटेड को दे दिया है.
पीठ ने उल्लेख किया है कि आम्रपाली ग्रुप ऑफ कंपनीज ने 2009 से 2015 के बीच रिति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को 42.22 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. जिसमें 6.52 करोड़ रुपये का भुगतान आम्रपाली नीलम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया था.
ये भी पढ़ें- किसानों और उद्योगपतियों की आय को बढ़ावा देगी फ्लिपकार्ट और वालमार्ट
राशि का भुगतान आम्रपाली ग्रुप ऑफ कंपनीज के सीएमडी अनिल कुमार शर्मा द्वारा किए गए समझौतों के आधार पर किया गया था. जिसमें रिति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड शामिल है. कोर्ट सुनवाई के दौरान कंपनियों के बीच अन्य विभिन्न समझौतों का उल्लेख किया. बता दें कि तीन साल पहले तक धोनी आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एंबेसडर थे.
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आम्रपाली नीलम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड में रिति स्पोर्ट्स के नाम पर एक फ्लैट बुक किया गया था. हालांकि रिती स्पोर्ट्स के संजय पांडे ने ऐसे किसी भी फ्लैट की बुकिंग से इनकार किया. पांडे ने यह भी पुष्टि की कि आम्रपाली समूह में न तो कंपनी और न ही किसी व्यक्ति के का कोई फ्लैट है.