नई दिल्ली: सरकार ने एक जुलाई से कर योग्य परिवर्तनीय दरों वाले बचत बांड पेश करने का निर्णय लिया है. इससे लोगों को सुरक्षित सरकारी साधनों में निवेश करने का अवसर मिलेगा.
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि नयी योजना को 7.75 प्रतिशत वाले कर योग्य बचत 2018 के स्थान पर लाया जा रहा है. उक्त बांड को 28 मई 2020 के बाद से बंद कर दिया गया है.
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बयान में कहा गया कि नये बचत बांड सात साल के होंगे और इनके ऊपर साल में दो बार एक जनवरी और एक जुलाई को ब्याज दिया जायेगा. एक जनवरी 2021 को दिया जाने वाला ब्याज 7.15 प्रतिशत की दर से होगा. हर अगली छमाही के लिये छह-छह महीने के बाद ब्याज का नये सिरे से निर्धारण किया जायेगा.
बयान में बताया गया कि इनके ऊपर ब्याज के एकमुश्त भुगतान का विकल्प नहीं होगा. बांड का पुनर्भुगतान उसके जारी होने के सात साल पूरा होने पर किया जायेगा.
हालांकि मंत्रालय ने कहा कि परिपक्वता से पहले बांड भुनाने का विकल्प वरिष्ठ नागरिकों की विशिष्ट श्रेणी को दिया जायेगा.
मंत्रालय ने कहा कि इन बांड को न्यूनतम 100 रुपये और अधिकतम एक हजार रुपये प्रति इकाई की दर से जारी किया जायेगा. इन्हें नकद, ड्राफ्ट, चेक या इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से खरीदा जा सकेगा. नकद से सिर्फ 20 हजार रुपये तक के बांड खरीदने की सुविधा होगी.
सरकार की ओर से ये बांड रिजर्व बैंक जारी करेगा. रिजर्व बैंक ने भी इस बारे में अलग से अधिसूचना जारी की है.
डिस्कलेमर: ईटीवी भारत पाठकों को किसी भी निवेश करने से पहले एक योग्य सलाहकार से परामर्श करने की सलाह देता है.