नई दिल्ली: देश के किसानों को अपनी ऊपज का, अधिसूचित कृषि मंडियों के बाहर, किसी अन्य स्थान पर बाधा मुक्त व्यापार करने की सुविधा प्रदान करने के लिए, सरकार ने दो अध्यादेशों को अधिसूचित किया है. इस अधिसूचना के बाद किसानों को, उत्पादन के पहले ही अपने कृषि ऊपज की बिक्री करने के संदर्भ में किसी निजी कंपनी के साथ कृषि समझौता करने के लिए अधिकृत किया गया है.
कृषि उत्पादों के व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश तथा मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अध्यादेश पर किसानों के (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौते अध्यादेश को पांच जून, 2020 को जारी कर दिया गया था.
हालांकि, केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने 20 जुलाई को इन दोनों अध्यादेशों को अधिसूचित किया. अधिसूचना के अनुसार, कृषक उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, किसानों को अपनी उपज के सरकार द्वारा अधिसूचित मंडियों के बाहर राज्य के अन्य स्थानों पर और अंतर-राज्यीय व्यापार करने की अनुमति प्रदान करता है.
किसानों को किसी भी उत्पादन स्थल, एकत्रीकरण और संग्रह केंद्रों पर व्यापार करने की अनुमति दी जाती है, जिसमें खेत से लेकर, कारखाना परिसर, गोदाम, सिलोस (भंडारण की अस्थाई व्यवस्था) और शीत भंडार शामिल हैं.
अध्यादेश निर्दिष्ट व्यापार क्षेत्र में किसानों की उपज के इलेक्ट्रॉनिक व्यापार की भी अनुमति देता है. निजी कंपनी, किसान उत्पादक संगठन या कृषि सहकारी समिति ऐसे प्लेटफॉर्म की स्थापना और संचालन कर सकते हैं.
मंच का संचालन करने वाले व्यक्ति को ई-ट्रेडिंग प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने की स्थिति में 50,000 रुपये और 10 लाख रुपये के बीच दंड के प्रावधानों के अधीन किया जाएगा. निरंतर उल्लंघन के मामले में, प्रति दिन 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
भुगतान के बारे में, अध्यादेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एक किसान के साथ किसी निश्चित उत्पाद की लेनदेन करने वाले व्यक्ति को उसी दिन या कुछ निश्चित परिस्थितियों में तीन कार्यदिवसों के भीतर किसान को भुगतान करना होगा.
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हालांकि, यह अध्यादेश, किसानों, व्यापारियों और इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर राज्य सरकारों द्वारा किसी भी बाजार शुल्क, उपकर या लेवी लगाने पर रोक लगाता है.
अध्यादेश में, विवाद समाधान तंत्र की भी व्यवस्था की गई है जहां व्यापार से संबंधित विवाद में शामिल पक्ष सुलह के माध्यम से राहत के लिए उप-विभागीय मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन कर सकते हैं.
मूल्य आश्वासन और फार्म सेवा पर किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता अध्यादेश, पूर्व-निर्धारित मूल्य, गुणवत्ता और वितरण की अवधि में कृषि-उपज की बिक्री के लिए किसानों को उत्पादन से पहले निजी कंपनियों के साथ कृषि समझौता करने का प्रावधान करता है.
अध्यादेश कृषि उत्पादों की बिक्री और खरीद के संदर्भ में किसानों के संरक्षण और सशक्तिकरण के लिए एक रूपरेखा भी प्रदान करता है.
(पीटीआई-भाषा)