नई दिल्ली: सरकार ने मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन के निर्यात पर पाबंदी और सख्त कर दी है तथा विशेष आर्थिक क्षेत्रों (सेज) की इकाइयों को भी रोक के दायरे में शामिल कर दिया गया है.
सरकार देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण परिस्थिति बिगड़ने की आशंकाओं को देखते हुए ये रोक लगा रही है, ताकि देश में जरूरी दवाओं की कमी नहीं हो.
ये भी पढ़ें- कोविड-19: घबराए विदेशी निवेशकों ने मार्च में पूंजी बाजारों से रिकॉर्ड 1.1 लाख करोड़ रुपये निकाले
विदेशी व्यापार महानिदेशालय ने एक अधिसूचना में कहा, "हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन तथा इससे बनने वाली अन्य दवाओं का निर्यात अब सेज से भी नहीं हो सकेगा, भले ही इसके लिये पहले मंजूरी दी जा चुकी हो अथवा भुगतान किया जा चुका हो. निर्यात पर बिना किसी छूट के पाबंदी रहेगी."
उल्लेखनीय है कि सीमा शुल्क नियमों के मामले में सेज को विदेशी निकाय माना जाता है. इस कारण निर्यात पर रोक के आदेश आम तौर पर सेज पर लागू नहीं होते हैं.
सरकार ने घरेलू बाजार में उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन के निर्यात पर 25 मार्च को रोक लगाने की घोषणा की थी. इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन की आपूर्ति करने का अनुरोध किया है.
(पीटीआई-भाषा)