नई दिल्ली: ट्रैवेल एजेंटों के संगठन टीएएआई ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज में खुद के लिए कोई राहत नहीं होने पर अचंभा जताया. संगठन का कहना है कि उनके अस्तित्व को बचाने के लिए सरकार को कम से कम उनकी साधारण मांगों पर ही विचार करना चाहिए. यदि ऐसा नहीं होता है तो वह महात्मा गांधी के रास्ते पर चलकर सत्याग्रह करेंगे.
ट्रैवेल एजेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (टीएएआई) ने रविवार को केंद्र सरकार को भेजे पत्र में कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा करते हुए उन्हें कोई राहत नहीं दी और उनकी पूरी तरह अनदेखी की है.
टीएएआई ने कहा, "इसे लेकर हम न सिर्फ निराश हैं, बल्कि अचंभित भी हैं. हमें पूरी उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में हमारी सुरक्षा की जाएगी."
सीतारमण ने पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र के लिए अलग से कोई विशेष राहत पैकेज की घोषणा नहीं की है.
देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से आतिथ्य और पर्यटन क्षेत्र 25 मार्च से पूरी तरह बंद है. टीएएआई ने अपने पत्र में कहा है कि सरकार ने पर्यटन क्षेत्र को अनाथ छोड़ दिया है. यह देश के लिए राजस्व जुटाने वाले बड़े क्षेत्रों में से एक है. फिर वह चाहे आयकर, माल एवं सेवाकर या विदेशी मुद्रा विनिमय इत्यादि क्यों ना हो.
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टीएएआई ने सीतारमण के अलावा नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी, पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत को भी यह पत्र भेजा है.
(पीटीआई-भाषा)