नई दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने 'स्टार्टअप इंडिया विजन 2024' के तहत नए उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए कर प्रोत्साहन और ऐसे उद्यमों को सहारा देने के लिए अधिक संख्या में इनक्यूबेटर और एक्सेलेरेटर स्थापित करने सहित कई तरह के कदम उठाने का प्रस्ताव रखा है.
मंत्रालय की ओर से पेश दृष्टि पत्र में 2024 तक देश में 50 हजार नये स्टार्टअप की शुरुआत एवं 20 लाख प्रत्यक्ष एवं परोक्ष नौकरियों के सृजन का लक्ष्य रखा गया है. इस दृष्टि पत्र को तैयार करने वाले एवं मंत्रालय के तहत काम करने वाले उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने 2024 तक 500 नये इनक्यूबेटर और एक्सेलेरेटर लगाने का सुझाव दिया है.
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इसके अलावा शहरी स्थानीय निकायों में 100 नवाचार जोन लगाने का भी प्रस्ताव है. प्रस्तावित कदमों में आधुनिक प्रौद्योगिकी वाले स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का 'भारत स्टार्टअप कोष' बनाने का भी प्रस्ताव है.
एक अधिकारी ने बताया है कि डीपीआईआईटी स्टार्टअप के लिए पूरे तंत्र को मजबूत बनाना चाहता है और ये कदम उस दिशा में मददगार साबित होंगे. इन प्रस्तावों को नयी सरकार के समक्ष विचार के लिए पेश किया जाएगा.
दृष्टि पत्र में ऐसी इकाइयों पर अनुपालन का बोझ हल्का करने, स्टार्टअप में निवेश पर कर प्रोत्साहन, जीएसटी में कमी कर्मचारियों को शेयर देने के विकल्प पर कर में छूट तथा वैकल्पिक निवेश कोषों की ओर से पूरे निवेश को एंजिल कर से छूट जैसे प्रस्ताव हैं. सरकार ने स्टार्टअप इंडिया जनवरी 2016 में शुरू किया था.
सरकार ने स्टार्टअप योजना के तहत नए उद्यमों के लिए कर प्रोत्साहन का प्रस्ताव किया
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से पेश दृष्टि पत्र में 2024 तक देश में 50 हजार नये स्टार्टअप की शुरुआत एवं 20 लाख प्रत्यक्ष एवं परोक्ष नौकरियों के सृजन का लक्ष्य रखा गया है.
नई दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने 'स्टार्टअप इंडिया विजन 2024' के तहत नए उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए कर प्रोत्साहन और ऐसे उद्यमों को सहारा देने के लिए अधिक संख्या में इनक्यूबेटर और एक्सेलेरेटर स्थापित करने सहित कई तरह के कदम उठाने का प्रस्ताव रखा है.
मंत्रालय की ओर से पेश दृष्टि पत्र में 2024 तक देश में 50 हजार नये स्टार्टअप की शुरुआत एवं 20 लाख प्रत्यक्ष एवं परोक्ष नौकरियों के सृजन का लक्ष्य रखा गया है. इस दृष्टि पत्र को तैयार करने वाले एवं मंत्रालय के तहत काम करने वाले उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने 2024 तक 500 नये इनक्यूबेटर और एक्सेलेरेटर लगाने का सुझाव दिया है.
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इसके अलावा शहरी स्थानीय निकायों में 100 नवाचार जोन लगाने का भी प्रस्ताव है. प्रस्तावित कदमों में आधुनिक प्रौद्योगिकी वाले स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का 'भारत स्टार्टअप कोष' बनाने का भी प्रस्ताव है.
एक अधिकारी ने बताया है कि डीपीआईआईटी स्टार्टअप के लिए पूरे तंत्र को मजबूत बनाना चाहता है और ये कदम उस दिशा में मददगार साबित होंगे. इन प्रस्तावों को नयी सरकार के समक्ष विचार के लिए पेश किया जाएगा.
दृष्टि पत्र में ऐसी इकाइयों पर अनुपालन का बोझ हल्का करने, स्टार्टअप में निवेश पर कर प्रोत्साहन, जीएसटी में कमी कर्मचारियों को शेयर देने के विकल्प पर कर में छूट तथा वैकल्पिक निवेश कोषों की ओर से पूरे निवेश को एंजिल कर से छूट जैसे प्रस्ताव हैं. सरकार ने स्टार्टअप इंडिया जनवरी 2016 में शुरू किया था.
सरकार ने स्टार्टअप योजना के तहत नए उद्यमों के लिए कर प्रोत्साहन का प्रस्ताव किया
नई दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने 'स्टार्टअप इंडिया विजन 2024' के तहत नए उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए कर प्रोत्साहन और ऐसे उद्यमों को सहारा देने के लिए अधिक संख्या में इनक्यूबेटर और एक्सेलेरेटर स्थापित करने सहित कई तरह के कदम उठाने का प्रस्ताव रखा है.
मंत्रालय की ओर से पेश दृष्टि पत्र में 2024 तक देश में 50 हजार नये स्टार्टअप की शुरुआत एवं 20 लाख प्रत्यक्ष एवं परोक्ष नौकरियों के सृजन का लक्ष्य रखा गया है. इस दृष्टि पत्र को तैयार करने वाले एवं मंत्रालय के तहत काम करने वाले उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने 2024 तक 500 नये इनक्यूबेटर और एक्सेलेरेटर लगाने का सुझाव दिया है.
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इसके अलावा शहरी स्थानीय निकायों में 100 नवाचार जोन लगाने का भी प्रस्ताव है. प्रस्तावित कदमों में आधुनिक प्रौद्योगिकी वाले स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का 'भारत स्टार्टअप कोष' बनाने का भी प्रस्ताव है.
एक अधिकारी ने बताया है कि डीपीआईआईटी स्टार्टअप के लिए पूरे तंत्र को मजबूत बनाना चाहता है और ये कदम उस दिशा में मददगार साबित होंगे. इन प्रस्तावों को नयी सरकार के समक्ष विचार के लिए पेश किया जाएगा.
दृष्टि पत्र में ऐसी इकाइयों पर अनुपालन का बोझ हल्का करने, स्टार्टअप में निवेश पर कर प्रोत्साहन, जीएसटी में कमी कर्मचारियों को शेयर देने के विकल्प पर कर में छूट तथा वैकल्पिक निवेश कोषों की ओर से पूरे निवेश को एंजिल कर से छूट जैसे प्रस्ताव हैं. सरकार ने स्टार्टअप इंडिया जनवरी 2016 में शुरू किया था.
Conclusion: