अंतरिम-बजट में वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) नामक प्रत्यक्ष आय सहायता योजना की घोषणा की थी. जिसके तहत लगभग 12 करोड़ लघु एवं सीमांत किसानों को प्रति वर्ष 6000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है. यह धन सीधे उनके बैंक खातों में तीन किश्तों में दिए जाएंगे.
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गोयल ने यह भी कहा था कि यह योजना इसी वित्तीय वर्ष में एक दिसंबर 2018 से शुरू की जाएगी और मार्च 2019 तक आय सहायता की पहली 2,000 रुपये की किस्त का भुगतान कर दिया जाएगा.
अधिकारी ने को बताया कि राज्य सरकारें किसानों की पहचान करने की प्रक्रिया में हैं. उम्मीद है लाभार्थियों की प्रारंभिक सूची जल्द ही तैयार हो जाएगी. अधिकारी ने कहा कि कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों ने भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल कर दिया है. तेलंगाना, ओडिशा और झारखंड के पास भी आंकड़े हैं क्यों कि इन राज्यों ने भी इसी तरह की योजनाओं की घोषणा की है.
यह पूछे जाने पर कि क्या लोकसभा चुनाव से पहले दो किस्तें दी जाएंगी, अधिकारी ने कहा, "हम इसके लिए तैयारी कर रहे हैं. हम लोकसभा चुनाव से पहले दो किस्तें हस्तांतरित करने के बारे में आशान्वित हैं जो मिलाकर 4,000 रुपये का होगा."
अधिकारी ने कहा कि चूंकि इस योजना को चालू वित्तवर्ष में लागू किया जा रहा है, इसलिए अगले महीने किसी भी समय आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भी इसका क्रियान्वयन प्रभावित नहीं होगा.
प्रधानमंत्री-किसान के दिशानिर्देशों के अनुसार सभी संस्थागत भूमि धारक, संवैधानिक पद रखने वाले, सभी सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी, केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू), 10,000 रुपये से अधिक मासिक पेंशन पाने वाले सभी सेवानिवृत्त पेंशनभोगी, आयकर दाताओं तथा डॉक्टर एवं इंजीनियरों जैसे पेशेवरों को योजना से बाहर रखा गया है.
सरकार ने योजना के तहत लाभार्थियों की पात्रता का निर्धारण करने के लिए समयसीमा एक फरवरी, 2019 को निर्धारित किया है और इसके बाद अगले पांच वर्षों के लिए योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.
(भाषा)