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कर्मचारियों को 'घर से काम' करने की सुविधा दें कंपनियां, सरकार ने जारी किया परामर्श - कर्मचारियों को 'घर से काम' करने की सुविधा दें कंपनियां

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने नियमों के अनुपालन में छूट देते हुए कंपनियों को 30 जून तक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये निदेशक मंडल की बैठक करने की सुविधा दी है.

कर्मचारियों को 'घर से काम' करने की सुविधा दें कंपनियां, सरकार ने जारी किया परामर्श
कर्मचारियों को 'घर से काम' करने की सुविधा दें कंपनियां, सरकार ने जारी किया परामर्श
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Published : Mar 20, 2020, 5:35 PM IST

नई दिल्ली: सरकार ने कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिये सामाजिक मेल-मिलाप को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से कंपनियों को परामर्श दिया है कि वे अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा दें.

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने नियमों के अनुपालन में छूट देते हुए कंपनियों को 30 जून तक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये निदेशक मंडल की बैठक करने की सुविधा दी है.

कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने बृहस्पतिवार को एक परामर्श में कहा कि मंत्रालय कंपनी कानून के तहत दी जा सकने वाली उन छूटों का आकलन कर रहा है, जिनके ऊपर महामारी की इस स्थिति में अमल किया जा सकता है. सरकार ने कंपनियों और एलएलपी के लिये एक डिजिटल फॉर्म भी तैयार किया है, जिसके जरिये कोरोनावायरस संकट से जूझने की तैयारियों की जानकारी दी जा सकती हैं.

ये भी पढ़ें- फिच ने वित्त वर्ष 21 के लिए भारत की आर्थिक विकास दर 5.6% से घटाकर 5.1% की

इसका लक्ष्य उन कंपनियों और एलएलपी की जानकारियां जुटानी है, जिन्होंने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा दे दी है. श्रीनिवास ने परामर्श में कहा कि चूंकि कंपनियां और एलएलपी खासकर शहरी इलाकों में प्रमुख नियोक्ता हैं, संक्रमण को रोकने तथा बीमारी के कारण मौतों में कमी लाने के लिये सामाजिक मेल-मिलाप को कम करने के कदम का अधिकतम लाभ उठाने के लिये उनकी पूरी भागीदारी और सहयोग आवश्यक है.

उन्होंने कहा कि इन कंपनियों और एलएलपी को तत्काल प्रभाव से फिलहाल 31 मार्च तक अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा देने का परामर्श दिया गया है.

उन्होंने कहा, "सभी कंपनियों और एलएलपी को वीडियो कांफ्रेंस या अन्य डिजिटल माध्यमों के जरिये बैठकें करने समेत मुख्यालय तथा क्षेत्रीय कार्यालयों में 'घर से काम' की नीति का क्रियान्वयन करने का परामर्श दिया जाता है."

उन्होंने कहा कि जिन कर्मचारियों के लिये कार्यालय आना अनिवार्य हो, उनके लिये भी कार्य का समय इस तरह से रखा जाना चाहिये कि लोगों का एक-दूसरे से कम से कम मिलना संभव हो.

परामर्श के अनुसार, "सीएआर (कोविड-19 को लेकर तैयारी के प्रति कंपनियों की स्वीकारोक्ति) नामक फॉर्म को संबंधित कंपनियों और एलएलपी के प्राधिकृत व्यक्ति द्वारा भरा जाना चाहिये."

परामर्श में कहा गया कि सीएआर-2020, 23 मार्च को उपलब्ध हो जाएगा तथा सभी कंपनियों से अनुरोध किया जाता है कि वे उसी दिन यह फॉर्म भर दें. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने परामर्श तथा निदेशक मंडल की बैठक के प्रावधानों में छूट की अधिसूचना के बारे में शुक्रवार को ट्वीट किया.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: सरकार ने कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिये सामाजिक मेल-मिलाप को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से कंपनियों को परामर्श दिया है कि वे अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा दें.

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने नियमों के अनुपालन में छूट देते हुए कंपनियों को 30 जून तक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये निदेशक मंडल की बैठक करने की सुविधा दी है.

कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने बृहस्पतिवार को एक परामर्श में कहा कि मंत्रालय कंपनी कानून के तहत दी जा सकने वाली उन छूटों का आकलन कर रहा है, जिनके ऊपर महामारी की इस स्थिति में अमल किया जा सकता है. सरकार ने कंपनियों और एलएलपी के लिये एक डिजिटल फॉर्म भी तैयार किया है, जिसके जरिये कोरोनावायरस संकट से जूझने की तैयारियों की जानकारी दी जा सकती हैं.

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इसका लक्ष्य उन कंपनियों और एलएलपी की जानकारियां जुटानी है, जिन्होंने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा दे दी है. श्रीनिवास ने परामर्श में कहा कि चूंकि कंपनियां और एलएलपी खासकर शहरी इलाकों में प्रमुख नियोक्ता हैं, संक्रमण को रोकने तथा बीमारी के कारण मौतों में कमी लाने के लिये सामाजिक मेल-मिलाप को कम करने के कदम का अधिकतम लाभ उठाने के लिये उनकी पूरी भागीदारी और सहयोग आवश्यक है.

उन्होंने कहा कि इन कंपनियों और एलएलपी को तत्काल प्रभाव से फिलहाल 31 मार्च तक अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा देने का परामर्श दिया गया है.

उन्होंने कहा, "सभी कंपनियों और एलएलपी को वीडियो कांफ्रेंस या अन्य डिजिटल माध्यमों के जरिये बैठकें करने समेत मुख्यालय तथा क्षेत्रीय कार्यालयों में 'घर से काम' की नीति का क्रियान्वयन करने का परामर्श दिया जाता है."

उन्होंने कहा कि जिन कर्मचारियों के लिये कार्यालय आना अनिवार्य हो, उनके लिये भी कार्य का समय इस तरह से रखा जाना चाहिये कि लोगों का एक-दूसरे से कम से कम मिलना संभव हो.

परामर्श के अनुसार, "सीएआर (कोविड-19 को लेकर तैयारी के प्रति कंपनियों की स्वीकारोक्ति) नामक फॉर्म को संबंधित कंपनियों और एलएलपी के प्राधिकृत व्यक्ति द्वारा भरा जाना चाहिये."

परामर्श में कहा गया कि सीएआर-2020, 23 मार्च को उपलब्ध हो जाएगा तथा सभी कंपनियों से अनुरोध किया जाता है कि वे उसी दिन यह फॉर्म भर दें. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने परामर्श तथा निदेशक मंडल की बैठक के प्रावधानों में छूट की अधिसूचना के बारे में शुक्रवार को ट्वीट किया.

(पीटीआई-भाषा)

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