मुंबई : गोल्ड लोन पर आधारित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (Non-Banking Financial Company - NBFC) के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां चालू वित्त वर्ष में 18-20 प्रतिशत बढ़कर 1.3 लाख करोड़ रुपये हो सकती है.
क्रिसिल रेटिंग ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में कहा कि आर्थिक गतिविधियों में तेजी और त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ छोटे उद्यमों और आम लोगों में गोल्ड लोन की मांग बढ़ी है, जिससे कार्यशील पूंजी और व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा किया जा रहा है.
यह रुझान कई राज्यों द्वारा लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील देने के साथ मेल खाता है.
एजेंसी के वरिष्ठ निदेशक और उप मुख्य रेटिंग अधिकारी कृष्णन सीतारमन ने कहा कि पहली तिमाही के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में गोल्ड लोन वितरण में तेजी आई है.
सीतारमन ने कहा, हमें उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में भी यह गति बनी रहेगी. गोल्ड लोन मांग में बना रहेगा, जबकि कर्जदाता कई अन्य खुदरा परिसंपत्ति श्रेणियों में वृद्धि को लेकर सतर्क रहेंगे.
पढ़ें : आभूषण विक्रेता अब स्वर्ण कर्ज का कुछ हिस्सा सोने के रूप में लौटा सकेंगे
साख के नजरिये से गोल्ड लोन एक अत्यधिक सुरक्षित और नकदी श्रेणी की परिसंपत्ति है, कम से कम ऋण हानि के साथ बेहतर रिटर्न देता है.
(पीटीआई-भाषा)