पणजी: गोवा को अपने उष्णकटिबंधीय समुद्री तटों, शराब, पार्टियों और कैसीनो के लिए एक गंतव्य के रूप में अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए और अपने आपको फिर से मजबूत करने के लिए इंडोनेशिया, थाईलैंड, वियतनाम, श्रीलंका की तर्ज पर अपने पर्यटन पोर्टफोलियो में विविधता लानी चाहिए. दक्षिण एशियाई क्षेत्र में पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान बनने के लिए ऐसा करना जरूरी है.
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की गोवा इकाई की ओर से जारी एक श्वेत पत्र में यह बातें कही गई हैं. श्वेत पत्र कोविड-19 के लिए शीघ्र परीक्षण सुविधाएं स्थापित करने के लिए एक पर्यटन मंत्रालय के बजटीय कोष की स्थापना की भी वकालत करता है.
इसके अलावा इसमें राज्य सरकार से यह भी आग्रह किया गया है कि वह पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जर्मनी, पुर्तगाल और स्कैंडेनेवियाई देशों में अपनाए गए कोविड-19 तंत्र का अनुकरण करें.
श्वेत पत्र में कहा गया है, "उद्योग की संख्या बताती है कि पर्यटक भारत में अन्य स्थानों और इंडोनेशिया, थाईलैंड, वियतनाम, श्रीलंका आदि देशों की यात्रा कर रहे हैं. इन सभी प्रतिस्पर्धी देशों के सामान्य सफलता कारकों में से एक उनके पर्यटन बाजार का विविधीकरण है."
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'गोवा अर्थव्यवस्था में तेजी' शीर्षक के साथ सीआईआई की गोवा इकाई की ओर से जारी श्वेत पत्र में सलाह दी गई है कि गोवा को अपने उष्णकटिबंधीय समुद्री तटों, शराब, पार्टियों और कैसिनो पर खासतौर पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
श्वेत पत्र एक बड़े पैमाने पर पर्यटन स्थल से राज्य के सुदृढीकरण का भी सुझाव देता है.
वर्ष 2019 में 80 लाख पर्यटकों ने गोवा का दौरा किया था. गोवा को देश के सबसे लोकप्रिय समुद्री तटों और नाइटलाइफ स्थलों में से एक माना जाता है.
(आईएएनएस)