नई दिल्ली : बजट एयरलाइंस गोएयर ने 3,600 करोड़ रुपये का प्रारम्भिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) जारी करने के लिये बाजार नियामक सेबी के पास शुरुआती दस्तावेज जमा करा दिये हैं. कंपनी ने अपने ब्रांड नाम को बदलकर 'गो फर्स्ट' किया है.
वाडिया समूह द्वारा प्रवर्तित यह एयरलाइन पिछले 15 साल से परिचालन में है. आईपीओ से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल शुरुआती तौर पर कर्ज के भुगतान के लिये किया जायेगा.
कंपनी के मसौदा दस्तावेज के मुताबिक एयरलाइन शेयरों की बिक्री के जरिये 3,600 करोड़ रुपये तक जुटाने की दिशा में आगे बढ़ रही है.
कंपनी ने कहा है कि आईपीओ से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल उसके बकाये कर्ज का पूर्ण रूप से अथवा आशिंक तौर पर समय से पहले अथवा नियमित समय पर होने वाले भुगतान में किया जायेगा. इसके साथ ही विमानों के पट्टा किराया भुगतान और भविष्य के रखरखाव में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके लिये साख पत्रों को बदला जायेगा.
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इसके अलावा आईपीओ से प्राप्त राशि का इस्तेमाल ईंधन कंपनी इंडियन आयल कार्पोरेशन के बकाये का पूर्ण अथवा आंशिक तौर पर भुगतान करने के लिये भी किया जायेगा. कंपनी के अन्य सामान्य कार्यों में भी इसका इस्तेमाल होगा.
मार्च 2020 में समाप्त वित्त वर्ष में गोएयर को 1,270.74 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था जबकि उसकी कुल आय 7,258.01 करोड़ रुपये रही थी.
एयरलाइन को बृहस्पतिवार को गोएयर से गोफर्स्ट के तौर पर नया ब्रांड नाम देने के बाद सीईओ कौशिक खोना ने कहा कि पिछले 15 साल के चुनौतीपूर्ण समय में एयरलाइन लगातार मजबूती के साथ खड़ी रही है.