नई दिल्ली: आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शुक्रवार को कहा कि विनिर्माण परचेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) के फरवरी के आंकड़े विनिर्माण क्षेत्र में मजबूती और नए ऑर्डरों में वृद्धि का संकेत देते हैं. शुक्रवार को जारी पीएमआई आंकड़ों के अनुसार फरवरी में देश के विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन पिछले 14 महीने में सबसे ऊंचा रहा है. इसकी अहम वजह बिक्री, उत्पादन एवं रोजगार में बढ़ोत्तरी होना है.
कंपनियों के खरीद प्रबंधकों के बीच किया जाने वाला मासिक सर्वेक्षण निक्की इंडिया विनिर्माण परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) फरवरी में बढ़कर 54.3 अंक पर रहा है. जनवरी में यह 53.9 अंक पर था. ऐसा कारोबारी हालतों में तेज बेहतरी के चलते देखा गया है. गर्ग ने एक ट्वीट में कहा, "विनिर्माण पीएमआई फरवरी में 14 महीने के उच्च स्तर पर 54.3 अंक रहा है. यह नए ऑर्डरों में मजबूत वृद्धि को दर्शाता है. वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि से सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) में बढ़ोत्तरी होनी चाहिए और जीडीपी वृद्धि दर में बेहतरी होनी चाहिए."
Manufacturing PMI at 54.3 in Feb is 14 month high and indicates strong inflow of new orders. Q4 2018-19 should mark further strengthening of manufacturing GVA and upward movement of GDP growth.
— Subhash Chandra Garg (@SecretaryDEA) March 1, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Manufacturing PMI at 54.3 in Feb is 14 month high and indicates strong inflow of new orders. Q4 2018-19 should mark further strengthening of manufacturing GVA and upward movement of GDP growth.
— Subhash Chandra Garg (@SecretaryDEA) March 1, 2019Manufacturing PMI at 54.3 in Feb is 14 month high and indicates strong inflow of new orders. Q4 2018-19 should mark further strengthening of manufacturing GVA and upward movement of GDP growth.
— Subhash Chandra Garg (@SecretaryDEA) March 1, 2019
यह लगातार 19वां महीना है जब विनिर्माण पीएमआई 50 अंक से ऊपर रहा है. पीएमआई का 50 अंक से ऊपर रहना गतिविधियों में विस्तार और उससे नीचे रहना गतिविधियों में कमी को दर्शाता है. सर्वेक्षण के अनुसार फरवरी के आंकड़े दिसंबर 2017 के बाद कारोबार हालातों में सबसे मजबूत वृद्धि को दर्शाते हैं.
वहीं, कारखानों को मिले ऑर्डर में यह सबसे तेज वृद्धि देखी गई है. इससे उत्पादन और रोजगार में वृद्धि को गति मिली. जारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर- दिसंबर) में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर धीमी पड़कर 6.6 प्रतिशत रही. यह आंकड़ा पिछली पांच तिमाहियों में सबसे कम है.
(भाषा)