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तीस नवंबर को आएगी पंद्रहवें वित्त आयोग की रिपोर्ट

वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि 15वें वित्त आयोग को 30 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट देने के लिए बाध्य किया गया है. इसके साथ ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पहले, कुछ केंद्र प्रायोजित योजनाओं के उन्मूलन के बारे में कुछ भी अनुमान नहीं लगाया जा सकता है.

तीस नवंबर को आएगी पंद्रहवें वित्त आयोग की रिपोर्ट
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Published : Nov 22, 2019, 1:01 PM IST

Updated : Nov 22, 2019, 4:02 PM IST

नई दिल्ली: पंद्रहवें वित्त आयोग की अध्यक्षता एन.के. सिंह नवंबर के अंत तक अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. सरकार ने 27 नवंबर, 2017 को एन. के. सिंह की अगुवाई वाले 15वें वित्त आयोग को अधिसूचित किया था. इसे अन्य चीजों के अलावा एक अप्रैल, 2020 से पांच साल के लिए केंद्र द्वारा राज्यों को कोष के बंटवारे का फार्मूला सुझाना है.

वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि 15वें वित्त आयोग को 30 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट देने के लिए बाध्य किया गया है. इसके साथ ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पहले, कुछ केंद्र प्रायोजित योजनाओं के उन्मूलन के बारे में कुछ भी अनुमान नहीं लगाया जा सकता है.

ये भी पढ़ें- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अक्टूबर महीने में दिये 2.5 लाख करोड़ रुपये के कर्ज

राजस्व में कमी और राजकोषीय कटौती के बावजूद 1.45 लाख करोड़ रुपये पहले ही कॉर्पोरेट कर कटौती खाते में दिए गए हैं. वित्त मंत्रालय सीएसएस की संख्याओं को युक्तिसंगत बनाने के लिए योजनाओं पर नए सिरे से विचार करना चाहता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कहा था कि वह कल्याणकारी योजनाओं को बाधित नहीं करेंगी.

सरकार ने पहले से ही केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) की संख्या को 66 से घटाकर 28 कर दिया है. इन क्षेत्रों में कई सीएसएस हैं जैसे कि पाइप्ड पानी, स्वच्छ और आयुष्मान भारत. आयोग ने भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं के कार्यान्वयन में उपलब्धियां और कमियां सूचीबद्ध की हैं.

केंद्र प्रायोजित योजनाएं (सीएसएस) ऐसी योजनाएं हैं जो भारत की राज्य सरकारों द्वारा लागू की जाती हैं, लेकिन केंद्र सरकार इसकी फंडिंग करती है. कुछ योजनाएं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (60,000 करोड़ रुपये), प्रधानमंत्री ग्राम सदक योजना (80,000 करोड़ रुपये) इसके प्रमुख उदाहरण है.

14 वां वित्त आयोग 2 जनवरी, 2013 को स्थापित किया गया था. भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर वाई.वी. रेड्डी की सिफारिशें 1 अप्रैल, 2015 से 31 मार्च, 2020 तक की अवधि को कवर करती हैं. चौदहवें वित्त आयोग ने केंद्रीय करों में राज्यों का हिस्सा 32 प्रतिशत से 42 प्रतिशत तक बढ़ा दिया था.

15वें वित्त आयोग ने 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के बाद राज्यों को केंद्र सरकार की कर वृद्धि के राजकोषीय स्थिति पर प्रभाव का अध्ययन किया है.

आयोग का प्राथमिक कार्य केंद्र और राज्यों के बीच करों के शुद्ध आय और राज्यों के बीच फंड आवंटन का फार्मूला तय करना है.

यह भारत के समेकित कोष से राज्यों को दी जाने वाली अनुदान सहायता के नियमों पर भी निर्णय लेता है. पंद्रहवां वित्त आयोग केंद्र और राज्यों के बीच 1 अप्रैल, 2020 से शुरू होने वाले पांच वर्षों के लिए टैक्स बंटवारे का फॉर्मूला तय करेगा.

खबर अंग्रेजी में पढ़ें

नई दिल्ली: पंद्रहवें वित्त आयोग की अध्यक्षता एन.के. सिंह नवंबर के अंत तक अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. सरकार ने 27 नवंबर, 2017 को एन. के. सिंह की अगुवाई वाले 15वें वित्त आयोग को अधिसूचित किया था. इसे अन्य चीजों के अलावा एक अप्रैल, 2020 से पांच साल के लिए केंद्र द्वारा राज्यों को कोष के बंटवारे का फार्मूला सुझाना है.

वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि 15वें वित्त आयोग को 30 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट देने के लिए बाध्य किया गया है. इसके साथ ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पहले, कुछ केंद्र प्रायोजित योजनाओं के उन्मूलन के बारे में कुछ भी अनुमान नहीं लगाया जा सकता है.

ये भी पढ़ें- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अक्टूबर महीने में दिये 2.5 लाख करोड़ रुपये के कर्ज

राजस्व में कमी और राजकोषीय कटौती के बावजूद 1.45 लाख करोड़ रुपये पहले ही कॉर्पोरेट कर कटौती खाते में दिए गए हैं. वित्त मंत्रालय सीएसएस की संख्याओं को युक्तिसंगत बनाने के लिए योजनाओं पर नए सिरे से विचार करना चाहता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कहा था कि वह कल्याणकारी योजनाओं को बाधित नहीं करेंगी.

सरकार ने पहले से ही केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) की संख्या को 66 से घटाकर 28 कर दिया है. इन क्षेत्रों में कई सीएसएस हैं जैसे कि पाइप्ड पानी, स्वच्छ और आयुष्मान भारत. आयोग ने भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं के कार्यान्वयन में उपलब्धियां और कमियां सूचीबद्ध की हैं.

केंद्र प्रायोजित योजनाएं (सीएसएस) ऐसी योजनाएं हैं जो भारत की राज्य सरकारों द्वारा लागू की जाती हैं, लेकिन केंद्र सरकार इसकी फंडिंग करती है. कुछ योजनाएं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (60,000 करोड़ रुपये), प्रधानमंत्री ग्राम सदक योजना (80,000 करोड़ रुपये) इसके प्रमुख उदाहरण है.

14 वां वित्त आयोग 2 जनवरी, 2013 को स्थापित किया गया था. भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर वाई.वी. रेड्डी की सिफारिशें 1 अप्रैल, 2015 से 31 मार्च, 2020 तक की अवधि को कवर करती हैं. चौदहवें वित्त आयोग ने केंद्रीय करों में राज्यों का हिस्सा 32 प्रतिशत से 42 प्रतिशत तक बढ़ा दिया था.

15वें वित्त आयोग ने 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के बाद राज्यों को केंद्र सरकार की कर वृद्धि के राजकोषीय स्थिति पर प्रभाव का अध्ययन किया है.

आयोग का प्राथमिक कार्य केंद्र और राज्यों के बीच करों के शुद्ध आय और राज्यों के बीच फंड आवंटन का फार्मूला तय करना है.

यह भारत के समेकित कोष से राज्यों को दी जाने वाली अनुदान सहायता के नियमों पर भी निर्णय लेता है. पंद्रहवां वित्त आयोग केंद्र और राज्यों के बीच 1 अप्रैल, 2020 से शुरू होने वाले पांच वर्षों के लिए टैक्स बंटवारे का फॉर्मूला तय करेगा.

खबर अंग्रेजी में पढ़ें

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तीस नवंबर को आएगी पंद्रहवें वित्त आयोग की रिपोर्ट, हो सकते हैं बड़ें एलान

नई दिल्ली: पंद्रहवें वित्त आयोग की अध्यक्षता एन.के. सिंह नवंबर के अंत तक अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे और यह सीखा है कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं पर नए सिरे से समीक्षा की गई है और उनके दोहराव, खराब परिणामों, बढ़ते परिणामों के मद्देनजर कुछ योजनाओं के संभावित समापन या विलय का सुझाव दिया गया है.



वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि 15वें वित्त आयोग को 30 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट देने के लिए बाध्य किया गया है. इसके साथ ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पहले, कुछ केंद्र प्रायोजित योजनाओं के उन्मूलन के बारे में कुछ भी अनुमान नहीं लगाया जा सकता है।

राजस्व में कमी और राजकोषीय कटौती के बावजूद 1.45 लाख करोड़ रुपये पहले ही कॉर्पोरेट कर कटौती खाते में दिए गए हैं. वित्त मंत्रालय सीएसएस की संख्याओं को युक्तिसंगत बनाने के लिए योजनाओं पर नए सिरे से विचार करना चाहता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कहा था कि वह कल्याणकारी योजनाओं को बाधित नहीं करेंगी. 

सरकार ने पहले से ही केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) की संख्या को 66 से घटाकर 28 कर दिया है. इन क्षेत्रों में कई सीएसएस हैं जैसे कि पाइप्ड पानी, स्वच्छ और आयुष्मान भारत. आयोग ने भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं के कार्यान्वयन में उपलब्धियां और कमियां सूचीबद्ध की हैं.

केंद्र प्रायोजित योजनाएं (सीएसएस) ऐसी योजनाएं हैं जो भारत की राज्य सरकारों द्वारा लागू की जाती हैं, लेकिन केंद्र सरकार इसकी फंडिंग करती है. कुछ योजनाएं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (60,000 करोड़ रुपये), प्रधानमंत्री ग्राम सदक योजना (80,000 करोड़ रुपये) इसके प्रमुख उदाहरण है. 

14 वां वित्त आयोग 2 जनवरी, 2013 को स्थापित किया गया था. भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर वाई.वी. रेड्डी की सिफारिशें 1 अप्रैल, 2015 से 31 मार्च, 2020 तक की अवधि को कवर करती हैं. चौदहवें वित्त आयोग ने केंद्रीय करों में राज्यों का हिस्सा 32 प्रतिशत से 42 प्रतिशत तक बढ़ा दिया था.

15वें वित्त आयोग ने 14 वें वित्त आयोग की सिफारिशों के बाद राज्यों को केंद्र सरकार की कर वृद्धि के राजकोषीय स्थिति पर प्रभाव का अध्ययन किया है.

आयोग का प्राथमिक कार्य केंद्र और राज्यों के बीच करों के शुद्ध आय और राज्यों के बीच फंड आवंटन का फार्मूला तय करना है.

यह भारत के समेकित कोष से राज्यों को दी जाने वाली अनुदान सहायता के नियमों पर भी निर्णय लेता है. पंद्रहवां वित्त आयोग केंद्र और राज्यों के बीच 1 अप्रैल, 2020 से शुरू होने वाले पांच वर्षों के लिए टैक्स बंटवारे का फॉर्मूला तय करेगा.


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Last Updated : Nov 22, 2019, 4:02 PM IST
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