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आरसीईपी मसले पर कृषि मंत्री ने कहा, किसानों का हित सर्वोपरि - interest of farmers is paramount

दक्षिण पूर्व एशियायी देशों के क्षेत्रीय बाजार आसियान और छह अन्य देशों के बीच प्रस्तावित आरसीईपी पर वार्ता अंतिम चरण में है. आसियान के दस देशों के अलावा इस वार्ता में चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं.

आरसीईपी मसले पर कृषि मंत्री ने कहा, किसानों का हित सर्वोपरि
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Published : Oct 9, 2019, 1:53 PM IST

Updated : Oct 9, 2019, 2:05 PM IST

नई दिल्ली: कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से प्रस्तावित क्षेत्रीय वृहद आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) व्यापार समझौते भारतीय किसानों के हितों को संरक्षित किए जाने का अनुरोध किया है.

दक्षिण पूर्व एशियायी देशों के क्षेत्रीय बाजार आसियान और छह अन्य देशों के बीच प्रस्तावित आरसीईपी पर वार्ता अंतिम चरण में है. आसियान के दस देशों के अलावा इस वार्ता में चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- करदाताओं के लिए ई-आकलन योजना, अधिकारियों के सामने जाने की जरूरत नहीं होगी

तोमर ने प्रस्तावित आरसीईपी को ले कर भारत के कृषि क्षेत्र की चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर यहां संवाददाताओं से कहा, "किसानों का हित हमारी प्राथमिकता है. हमने वाणिज्य मंत्रालय से किसानों के हितों को ध्यान में रखने को कहा है."

हालांकि, उन्होंने प्रस्तावित आरसीईपी के संदर्भ में स्थानीय किसानों की चिंताओं अथवा आरसीईपी के संभावित प्रभाव के बारे में अधिक ब्यौरा साझा नहीं किया.

कृषि मंत्रालय ने वाणिज्य और उद्योग मंत्री गोयल के सामने एक विस्तृत प्रस्तुति दी है. गोयल आरसीईपी की मंत्रीस्तरीय बैठक के लिए इस सप्ताह बैंकॉक जाने वाले हैं.

डेयरी उद्योग ने सरकार से मांग की है कि इस मुक्त व्यापार करार से स्थानीय डेयरी किसानों पर गंभीर असर पड़ेगा लिहाजा इस क्षेत्र को इस समझौते से बाहर रखा जाए.

आरसीईपी वार्ता वर्ष 2012 में शुरू हुई थी. इसे जल्द सम्पन्न करने को लेकर भारत पर दबाव है.

नई दिल्ली: कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से प्रस्तावित क्षेत्रीय वृहद आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) व्यापार समझौते भारतीय किसानों के हितों को संरक्षित किए जाने का अनुरोध किया है.

दक्षिण पूर्व एशियायी देशों के क्षेत्रीय बाजार आसियान और छह अन्य देशों के बीच प्रस्तावित आरसीईपी पर वार्ता अंतिम चरण में है. आसियान के दस देशों के अलावा इस वार्ता में चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं.

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तोमर ने प्रस्तावित आरसीईपी को ले कर भारत के कृषि क्षेत्र की चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर यहां संवाददाताओं से कहा, "किसानों का हित हमारी प्राथमिकता है. हमने वाणिज्य मंत्रालय से किसानों के हितों को ध्यान में रखने को कहा है."

हालांकि, उन्होंने प्रस्तावित आरसीईपी के संदर्भ में स्थानीय किसानों की चिंताओं अथवा आरसीईपी के संभावित प्रभाव के बारे में अधिक ब्यौरा साझा नहीं किया.

कृषि मंत्रालय ने वाणिज्य और उद्योग मंत्री गोयल के सामने एक विस्तृत प्रस्तुति दी है. गोयल आरसीईपी की मंत्रीस्तरीय बैठक के लिए इस सप्ताह बैंकॉक जाने वाले हैं.

डेयरी उद्योग ने सरकार से मांग की है कि इस मुक्त व्यापार करार से स्थानीय डेयरी किसानों पर गंभीर असर पड़ेगा लिहाजा इस क्षेत्र को इस समझौते से बाहर रखा जाए.

आरसीईपी वार्ता वर्ष 2012 में शुरू हुई थी. इसे जल्द सम्पन्न करने को लेकर भारत पर दबाव है.

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आरसीईपी मसले पर कृषि मंत्री ने कहा, किसानों का हित सर्वोपरि

नई दिल्ली: कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से प्रस्तावित क्षेत्रीय वृहद आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) व्यापार समझौते भारतीय किसानों के हितों को संरक्षित किए जाने का अनुरोध किया है.

दक्षिण पूर्व एशियायी देशों के क्षेत्रीय बाजार आसियान और छह अन्य देशों के बीच प्रस्तावित आरसीईपी पर वार्ता अंतिम चरण में है. आसियान के दस देशों के अलावा इस वार्ता में चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं.

तोमर ने प्रस्तावित आरसीईपी को ले कर भारत के कृषि क्षेत्र की चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर यहां संवाददाताओं से कहा, "किसानों का हित हमारी प्राथमिकता है. हमने वाणिज्य मंत्रालय से किसानों के हितों को ध्यान में रखने को कहा है." 

हालांकि, उन्होंने प्रस्तावित आरसीईपी के संदर्भ में स्थानीय किसानों की चिंताओं अथवा आरसीईपी के संभावित प्रभाव के बारे में अधिक ब्यौरा साझा नहीं किया.

कृषि मंत्रालय ने वाणिज्य और उद्योग मंत्री गोयल के सामने एक विस्तृत प्रस्तुति दी है. गोयल आरसीईपी की मंत्रीस्तरीय बैठक के लिए इस सप्ताह बैंकॉक जाने वाले हैं.

डेयरी उद्योग ने सरकार से मांग की है कि इस मुक्त व्यापार करार से स्थानीय डेयरी किसानों पर गंभीर असर पड़ेगा लिहाजा इस क्षेत्र को इस समझौते से बाहर रखा जाए.

आरसीईपी वार्ता वर्ष 2012 में शुरू हुई थी. इसे जल्द सम्पन्न करने को लेकर भारत पर दबाव है.


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Last Updated : Oct 9, 2019, 2:05 PM IST
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