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ईएसआई योजना के अंशदान जमा कराने की समयसीमा को 15 मई तक बढ़ी - कोरोना वायरस

ईएसआई योगदान दाखिल करने की समयसीमा बढ़ाने के कारणों के बारे में श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कई प्रतिष्ठान अस्थायी रूप से बंद हैं और कोविड-19 संकट के कारण लागू पाबंदियों के चलते श्रमिक काम करने में असमर्थ हैं.

ईएसआई योजना के अंशदान जमा कराने की समयसीमा को 15 मई तक बढ़ी
ईएसआई योजना के अंशदान जमा कराने की समयसीमा को 15 मई तक बढ़ी
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Published : Apr 15, 2020, 12:03 AM IST

नई दिल्ली: कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए देशव्यापी लॉकडाउन (रोक) के मद्देनजर फरवरी माह के लिए ईएसआई के अंशदानों का जमा कराने की समयसीमा को 15 मई तक बढ़ा दिया है. इससे पहले फरवरी और मार्च के अंशदान भरने की तारीख को क्रमशः 15 अप्रैल और 15 मई तक बढ़ा दिया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देशव्यापी लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ाने का ऐलान किया.

ईएसआई योगदान दाखिल करने की समयसीमा बढ़ाने के कारणों के बारे में श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कई प्रतिष्ठान अस्थायी रूप से बंद हैं और कोविड-19 संकट के कारण लागू पाबंदियों के चलते श्रमिक काम करने में असमर्थ हैं.

ये भी पढ़ें: कोविड- 19: माल, सेवा अनुबंध रद्द होने पर जीएसटी रिफंड के लिये दावा कर सकते हैं कारोबारी

ईएसआई योगदान दाखिल करने की विस्तारित अवधि के दौरान प्रतिष्ठानों से कोई जुर्माना या ब्याज नहीं लगाया जाएगा. इस फैसले से 3.49 करोड़ बीमित व्यक्तियों (आईपी) और 12,11,174 नियोक्ताओं को राहत मिलेगी. इसके अलावा ईएसआईसी ने लाभार्थियों के लिए कुछ अन्य राहत उपाय भी किए हैं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए देशव्यापी लॉकडाउन (रोक) के मद्देनजर फरवरी माह के लिए ईएसआई के अंशदानों का जमा कराने की समयसीमा को 15 मई तक बढ़ा दिया है. इससे पहले फरवरी और मार्च के अंशदान भरने की तारीख को क्रमशः 15 अप्रैल और 15 मई तक बढ़ा दिया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देशव्यापी लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ाने का ऐलान किया.

ईएसआई योगदान दाखिल करने की समयसीमा बढ़ाने के कारणों के बारे में श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कई प्रतिष्ठान अस्थायी रूप से बंद हैं और कोविड-19 संकट के कारण लागू पाबंदियों के चलते श्रमिक काम करने में असमर्थ हैं.

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ईएसआई योगदान दाखिल करने की विस्तारित अवधि के दौरान प्रतिष्ठानों से कोई जुर्माना या ब्याज नहीं लगाया जाएगा. इस फैसले से 3.49 करोड़ बीमित व्यक्तियों (आईपी) और 12,11,174 नियोक्ताओं को राहत मिलेगी. इसके अलावा ईएसआईसी ने लाभार्थियों के लिए कुछ अन्य राहत उपाय भी किए हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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