नई दिल्ली: दूरसंचार विभाग के सचिव अंशु प्रकाश ने बुधवार को कहा कि स्पेक्ट्रम सुधारों के सभी पहलुओं पर ध्यान दिया जा रहा है, जिसमें स्पेक्ट्रम भुगतान किस्त, ब्याज दर और स्पेक्ट्रम होल्डिंग कैपेसिटी शामिल हैं. उद्योगों ने इस पर विचार के लिए सरकार से अनुरोध किया था.
मूल्य निर्धारण, ब्याज दर और भुगतान की किस्तों के मुद्दों पर उद्योग के उदासीन होने की प्रतिक्रिया के साथ ही दूरसंचार विभाग इस मोर्चे पर कुछ सुधारों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
अंशु प्रकाश ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस के समापन के दिन कहा, "हम सभी पहलुओं को देख रहे हैं, जैसे कि स्पेक्ट्रम भुगतान किस्तों की संख्या, ब्याज की दर, स्पेक्ट्रम होल्डिंग कैप. यह हमें सेक्टर नियामक ट्राई से प्राप्त हुआ है. मूल्य निर्धारण व अन्य पैरामीटर की हमें जांच करनी है. अंत में यह सरकार की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा."
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उन्होंने कहा, "जो कुछ भी तय होगा, वह वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा. इसमें उद्योगपतियों की संख्या, प्रतिस्पर्धा, नेटवर्क के विस्तार की आवश्यकता और राजस्व संबंधी स्थिति देखी जाएगी."
टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने विभाग को बताया कि भारत में एयरवेव्स की कीमत बेहद कम है. फरवरी में भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने कहा था कि दूरसंचार कंपनी 3,300-3,600 मेगाहट्र्ज बैंड में दूरसंचार नियामक द्वारा सुझाए गए बेस प्राइस पर कोई स्पेक्ट्रम नहीं खरीदेगी, जो देश में 5-जी के लिए पहला बैंड है. इसके अलावा मंगलवार को रिलायंस जियो नेटवर्क के अध्यक्ष मैथ्यू ओमेन ने कहा कि नीलामी सस्ती होनी चाहिए.
दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा था कि स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण में सुधार की शुरुआत की जाएगी.