नई दिल्ली: दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों एमटीएनएल और बीएसएनएल प्रबंधन को स्पष्ट किया है कि वह विभाग के कार्यालयों में बिना उचित मंजूरी के अनौपचारिक तौर पर अथवा उधार के रूप में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए किए गए किसी भी दावे को स्वीकार नहीं करेगा.
नकदी संकट से जूझ रही दूरसंचार कंपनियों द्वारा कर्मचारियों से जुड़े पुराने दावों और मानव संसाधन संबंधी बिलों के मद्देनजर विभाग ने दोनों कंपनियों को पत्र लिखकर अपने कर्मचारियों को वापस बुलाने को कहा है.
साथ ही दूरसंचार विभाग ने अपनी फील्ड यूनिटों तथा कार्यालयों को भी पत्र भेजकर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि इन कंपनियों के कर्मचारियों को विभाग के कार्यालयों में तभी रखा जाये जब उनकी नियुक्तियां नियमों का उचित अनुपालन करते हुए की गई हों.
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यह कदम इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि महानगर टेलीफोन निगम लि. (एमटीएनएल) और भारत संचार निगम लि. (बीएसएनएल) ने दूरसंचार विभाग से उसके कार्यालयों में उधार के तौर पर काम कर रहे कर्मचारियों के लिए भुगतान और भरपाई करने की मांग की है.
इन दावों के बाद दूरसंचार विभाग ने अपनी विभिन्न इकाइयों को नए सिरे से निर्देश जारी किए हैं, जिससे भविष्य में इस तरह की स्थिति की पुनरावृत्ति नहीं होने पाए. इससे पहले भी दूरसंचार विभाग ने इसी साल नोटिस जारी कर कहा था कि इस तरह की व्यवस्था को मार्च, 2019 के बाद जारी रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी.